देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में तीन हजार पदों पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कोविडकृ19 की वजह से भर्ती प्रक्रियाओं में थोड़ा विलंब हुआ है। स्थिति सामान्य होने पर भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाएगी।
आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रायपुर में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखण्ड के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का भवन बनने से आयोग में कार्यों में तेजी आयेगी। कहा कि मार्च 2017 से अब तक लगभग तीन वर्षों में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 59 परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। जिसमें 6000 पदों पर चयन प्रक्रिया पूर्ण की गई है। इस चयन वर्ष में 2500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। तीन हजार पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अन्य राज्यों के अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों से तेजी से कार्य कर रहा है। कोविडकृ19 की वजह से भर्ती प्रक्रियाओं में थोड़ा विलम्ब हुआ है। कोविड की स्थिति सामान्य होने पर भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई जायेगी। यह वर्ष रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। आयोग को भर्ती प्रक्रियाओं में और तेजी लाने को कहा गया है। इस दौरान उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस. राजू ने कहा कि आयोग का गठन 2014 में हुआ। यह नवनिर्मित भवन 4.92 करोड़ की लागत से बना है। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग वन टाइम रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रारम्भ की है। परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र एवं अभिलेख सत्यापन तथा अन्य आवश्यकता होने पर पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर एसएमएस भेजने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मितव्ययता के दृष्टिगत समान अहर्ता वाले विभिन्न पदों को क्लब कर परीक्षाएं आयोजित कराई गई हैं। राज्य सरकार द्वारा आयोग को ऑनलाइन परीक्षाएं कराये जाने की भी अनुमति दी गई है। ऑनलाइन परीक्षाएं कराने वाला आयोग, राज्य की पहली परीक्षा संस्था होगी। इसी वर्ष से ऑनलाइन परीक्षाएं प्रारम्भ किया जाना भी प्रस्तावित है। परीक्षाओं में शुचिता व पारदर्शिता लाने के लिए ओएमआर शीट 03 प्रतियों में दिया जा रहा है। जिसमें एक प्रति मूल्यांकन मूल्यांकन, एक प्रति कोषागार में संरक्षित रखने एवं एक प्रति अभ्यर्थियों को घर ले जाने के लिए है। परीक्षा केन्द्रों में कन्ट्रोल रूम की वीडियोग्राफी की जा रही है। सभी परीक्षार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति ली जा रही है। आयोग के अध्यक्ष एस. राजू ने कहा कि आयोग की ओर से वर्तमान में 07 लिखित परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है। कोविडकृ19 संक्रमण की वजह से इन परिक्षाओं को फिलहाल स्थगित रखा गया है। राज्य सरकार की अनुमति से सितम्बर माह से इन परीक्षाओं को पुनः प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा (काऊ), खजान दास, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्य प्रकाश चन्द्र थपलियाल, विनोद चन्द्र रावत, सचिव संतोष बडोनी आदि उपस्थित थे।
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पिथौरागढ़,मर्तोलिया ने की बीएसएनएल के खिलाफ आपदा एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग
मुनस्यारी। खलिया टाप से हो रहे भूस्खलन से मुनस्यारी के 18 गांवो के लोग भयभीत हो गए है। जिला प्रशासन के एडीएम आरडी पालीवाल के आश्वासन के बाद भी अभी तक खलिया टाप क्षेत्र का भूगर्र्भीय सर्वेक्षण नहीं हो पाया है। जिसके चलते आज जिप सदस्य जगत मर्तोलिया ने एसडीएम को पत्र दिया और इसके अलावा बी.एस.एन.एल. के खिलाफ आपदा एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की।
आपदा प्रभावित क्षेत्र की सुध नहीं लिए जाने से नाराज जिप सदस्य मर्तोलिया ने आज तीन मामले स्थानीय प्रशासन के सम्मुख उठाये। एसडीएम फोनिया से बातचीत कर अपने स्तर से हल होने वाली समस्याओ का समाधान करने की मांग की। कहा कि जो समस्या जिले व प्रदेश से हल होनी है तो उनका समाधान करने के लिए संस्तुति के साथ प्रस्ताव भेजा जाये।
जिप सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि बीते दिनों एक बैठक में एडीएम पालीवाल ने कहा था कि खलिया सहित आपदाग्रस्त गांवो का भूकृगर्भवेत्ता के द्धारा सर्वे किया जायेगा, लेकिन इस बात को कहे दस दिन बीत गए है अभी तक सर्वे की टीम यहां नहीं पहुंची है जिप सदस्य ने खलिया,भौलख्वाल्टा सहित 18 गांवो की सूची प्रशासन को सौपा है।
मर्र्तोलिया ने कहा कि तीन माह से सीमांत क्षेत्र की इंटरनेट सेवा बंद चल रही है। बैकिंग, चालान सहित नेट से चलने वाली सेवाएं बाधित चल रही है। आपदा काल में आमजन बीस से तीस किमी पैदल आ रहे है, नेट नहीं होने के कारण उन्हे वापस लौटना पड़ रहा है। बार बार पत्र व अन्य माध्यमो से आंदोलन के बाद भी बी.एस.एन.एल. चुप बैठ कर तमाशा देख रहा है। इसके खिलाफ आपदा एक्ट के तहत् मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की गयी। जिप सदस्य ने धापा ग्राम पंचायत के आपदा प्रभावितो के चार सूत्रीय मांगों पर भी तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने की मांग की।
जिप सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि इन समस्याओ का समाधान नहीं हुआ तो हम फिर आंदोलन का सहारा लेंगे।
कांग्रेसियों ने बांटी जरूरतमंदो को भोजन सामग्री
देहरादून।समाचार,पहाडोंकीगूँज,
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जरूरतमंदों की सहायता हेतू भोजन सामग्री वितरित की गयी है।
विधानसभा सहसपुर के गणेशपुर क्षेत्र में जरूरतमंदों को भोजन सामग्री वितरित करने के दौरान प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते कई लोगों का रोजगार समाप्त हो गया है। मजदूरी का कार्य करने वाले श्रमिक परिवार इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए है। उन्होने कहा कि ऐसे समय में हम सभी का दायित्व बन जाता है कि आगे बढ़कर यथा संभव जरूरतमंदों की सहायता की जाये। इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश नेगी, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, राजेन्द्र शाह, नवीन जोशी, पी.के. अग्रवाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।
डीएम ने किया लाॅकडाउन से इंनकार
देहरादून। जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने दून में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन से इंकार किया है। हालांकि उनके इस बयान के बाद भी संभावना जताई जा रही है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शाम तक यदि शासन से लॉकडाउन के आदेश आ जाते हैं तो इस बार भी शहर में दो दिनों का लॉकडाउन हो सकता है।
लॉकडाउन के बढ़ते मामलों के कारण दून में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। अनलॉक के बाद कुछ समय तक शनिवार और रविवार का लॉकडाउन किया गया। राखी का त्योहार का त्योहार होने के कारण विगत सप्ताह शनिवार और रविवार को लॉकडाउन में छूट दी गयी। लेकिन इस हफ्ते लॉकडाउन को लेकर व्यापारियों और आम जनता में असमंजस का माहौल बना हुआ था। हालांकि दोपहर तक सोशल मीडिया में जिलाधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिलने लगी कि इस हफ्ते शनिवार और रविवार को लॉकडाउन नहीं होगा। जबकि रविवार को पहले की तरह ही साप्ताहिक बंदी रहेगी। जिलाधिकारी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि इस हफ्ते लॉकडाउन नहीं हो रहा है। हालांकि प्रशासन द्वारा तय तहसीलवार साप्ताहिक बंदी के आदेश यथावत रहेंगे। यानि की देहरादून में रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी।
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक फिलहाल शनिवार और रविवार को लॉकडाउन नहीं है लेकिन कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए शासन से क्या आदेश आता है इस पर सबकी नजर लगी हुई है। वैसे तो डीएम की ओर से साफ कर दिया गया है लेकिन फिर भी सभी को शासन की ओर से आने वाले आदेश का इंतजार है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन को लेकर सरकार औरा शासन की ओर से शुक्रवार दोपहर तक भी रूख स्पष्ट न करना अनुचित है। यदि लॉकडाउन के निर्णय में कुछ फेरबदल होता है और इसकी सूचना सुबह तक मिलती है तो उस समय अधिकांश व्यापारी या दुकानदार दुकानें खोलने की तैयारी कर चुके होते हैं। ऐसे में व्यापारियों के समक्ष असमंजस का माहौल बना हुआ है कि दो दिन का लॉकडाउन होगा या नहीं।
ग्लेनमार्क ने उच्च शक्ति (400 मिलीग्राम) का फेबीफ्लू पेश किया
देहरादून। शोध-केंद्रित, एकीकृत वैश्विक दवा कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स, ने आज घोषणा की कि वह भारत में हल्के से लेकर मध्यम लक्षणों वाले कोविड-19 के उपचार के लिए 400 मिलीग्राम वाला ओरल एंटीवायरल फेबीफ्लू पेश करेगी। टैबलेट की उच्च शक्ति, रोगियों द्वारा प्रति दिन ली जाने वाली गोलियों की संख्या को प्रभावी ढंग से कम करके रोगी के अनुपालन और अनुभव को बेहतर बनाएगी। टैबलेट का अधिक बोझ का संबंध थिरेपी का कम होना है, और यह थिरेपी वायरल सप्रेशन और समग्र उपचार के परिणामों को प्रभावित करती है। इसके अलावा, थिरेपी के अनुकूल होने के लिए डॉक्टरों और मरीजों की मांग रही है कि टैबलेट के बोझ को कम किया जाये। फेबीफ्लू की 200 मिलीग्राम की खुराक से मरीजों को पहले दिन 18 गोलियां (सुबह नौ और शाम नौ) लेने की आवश्यकता होती है, इसके बाद प्रत्येक दिन अधिकतम 14 दिनों के लिए 8 टैबलेट दी जाती हैं। नए 400 मिलीग्राम वर्जन के साथ, मरीज अब अधिक आराम से खुराक ले पायेंगे-पहले दिन 9 टैबलेट (सुबह 4.5 और शाम को 4.5 टैबलेट), और उसके बाद दूसरे दिन से दवा के कोर्स के अंत तक दिन में दो बार 2 टैबलेट। इस विकास के महत्व के बारे में बताते हुए, डॉ. मोनिका टंडन, वाइस प्रेसिडेंट एवं हेड, क्लि पिकल डेवलपमेंट, ग्लोबल स्पेशलिटी, ब्रांडेड पोर्टफोलियो, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, ने कहा कि “भारत में फेवीपिरवीर को लॉन्च करने वाली पहली कंपनी होने के नाते, हम कुछ नया करना चाहते हैं और कोविड-19 के रोगियों के लिए नए उपचार की खोज करना जारी रखेंगे। उच्च शक्ति वाले फेबीफ्लू को पेश करना, रोगियों के लिए आरामदायक अनुभव सुनिश्चित करने के प्रयासों के अनुरूप है, और उन पर टैबलेट खाने के दैनिक बोझ को कम करता है। डॉ. मोनिका टंडन ने बताया कि “फेबीफ्लू की 200 मिलीग्राम वाली खुराक, फेविपिरविर के वैश्विक फार्मुलेशन के अनुरूप विकसित की गई, जिसकी शक्ति उसके जैसी ही थी। 400 मिलीग्राम का वर्जन भारत में मरीजों के लिए उपचार के अनुभव को बेहतर बनाने के ग्लेनमार्क के अपने आर एंड डी प्रयासों का नतीजा है।”
दून अस्पताल में कोरोना संक्रमित तीन मरीजों की मौत
देहरादून। राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में शुक्रवार को कोरोना संक्रमित तीन और मरीजों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इन मरीजों को कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारियां भी थी। जिन तीन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से एक देहरादून के सुद्दोवाला और दो हरिद्वार जिले के रहने वाले थे।
अस्पताल प्रशासन शवों को परिजनों के सुपुर्द कर पुलिस की मदद से अंतिम संस्कार कराएगा। जानकारी के अनुसार, सुद्दोवाला निवासी 56 वर्षीय महिला 28 जुलाई को परिजनों ने दून अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार देर रात महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। शव को सुपुर्दे खाक करने के लिए परिजनों को सौंपा जाएगा।
इसी तरह, हरिद्वार जिले के गोवर्धनपुर निवासी 62 वर्षीय महिला को परिजन 31 जुलाई को हालत गंभीर होने पर दून अस्पताल लाए थे। जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया था। साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में उनका उपचार चल रहा था। गुरुवार देर रात महिला की मौत हो गई।
उधर, हरिद्वार जिले के ही भूपतवाला निवासी 73 वर्षीय एक बुजुर्ग को हालत बिगड़ने पर परिजन 31 जुलाई को दून अस्पताल लेकर आए थे। डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार शुरू करने के बाद आईसीयू में भर्ती करा दिया था।
गुरुवार रात बुजुर्ग की भी मौत हो गई। दोनों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए शवों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। कोरोना के स्टेट को-ऑर्डिनेटर एवं दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमित तीन मरीजों की मौत की पुष्टि की है।