माँ, मातृभूमि व मातृभाषा का सदैव सम्मान करेंः उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकैया नायडू, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कंात पाल, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकैया नायडू ने कहा कि जीवन में कभी भी अपनी मां, अपनी जन्मभूमि, अपनी मातृभाषा व अपने मातृदेश को नहंी भूलना चाहिए। मातृभाषा, नेत्र के समान होती है जबकि विदेशी भाषा चश्मे की तरह होती है। दूसरी भाषा सीखने में कोई बुराई नहीं है परंतु अपनी मातृभाषा का हमेशा आदर करना चाहिए। मातृभाषा में जो भावनाएं व्यक्त की जा सकती हैं वे दूसरी भाषाओं में नहीं की जा सकती है। प्राथमिक शिक्षा, बच्चों की मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए। उपराष्ट्रपति मंगलवार को स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व अनुशासन से ही सपने साकार होते हैं। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। हमें अपनी संस्कृति व परम्पराओं पर गर्व होना चाहिए।