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राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत एक होटल  सभागार मेंबेठक सम्पन हुई

Pahado Ki Goonj

देहरादून  , राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत एक होटल  सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा बालाजी सेवा संस्थान के संयुक्त प्रयास से कोटपा-2003 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय स्थापना संवेदीकरण एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न हुआ।
कार्यशाला में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का दीपप्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया, जिसमें प्रबन्ध निदेशक एनआरएचएम युगल किशोर पंत, पुलिस महानिरीक्षक अजय रौतेला, निदेशक एनआरएचएम डाॅ अंजली नौटियाल समेत बालाजी सेवा संस्थान के निदेशक मण्डल उपस्थित हुए। इस एक दिवसीय कार्यशाला में तम्बाकू उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर कई सम्भ्रात व्यक्तियों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम में एफ.सी.टी.सी द यूनियन के आशीष पाण्डेय ने भारत वर्ष में धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए समय-समय पर किये जा रहे कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने बताया कि आज तेजी से युवा इस लत में घिर रहा है, जिससे छोटी उम्र में ही कैंसर जैसी बीमारियां जकड़ रही हैं। उन्होंने धूम्रपान नियंत्रण के लिए जनजागरूकता अभियान चलाये जाने पर जोर दिया तथा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को धूम्रपान बिक्री पर रोक लगाये जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि युवाओं में तम्बाकू का उपयोग निम्न सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति, साथियों एवं भाई बहनों द्वारा तम्बाकू का उपयोग करने का समर्थन करना, फिल्मों में अभिनेता अभिनेत्रियों द्वारा धूम्रपान से प्रभावित होना, माता-पिता एवं अभिभावकों द्वारा धूम्रपान करना, स्वास्थ्य सम्बन्धी शिक्षा का अभाव होना, तम्बाकू उत्पादों तक आसान पंहुच होना, युवाओं में आत्म विश्वास की कमी होना जैसे कई कारक है, जिसके कारण युवा इसकी गिरफ्त में चला जा रहा है। कार्यशाला में तम्बाकू से होने वाले विभिन्न बीमारियों की जानकारी प्रभारी एनटीसीपी डाॅ फरीदुर्जफर ने अवगत कराया कि भारत वर्ष में 3.5 हजार व्यक्ति प्रतिदिन धूम्रपान से होने वाली बीमारियों से मरते है। और 26 करोड़ लोग भारत वर्ष में धूम्रपान के आदी है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्यालय परिसर में तम्बाकू निषेध कार्यक्रम अभियान चलाने तथा सार्वजनिक स्थानों पर भी धूम्रपान पर प्रतिबन्ध लगाये जाने की बात कही। उन्होंने स्कूलों के आसपास तम्बाकू उत्पादों की दुकानों पर शिक्षकों द्वारा पैनी निगाह रखते हुए 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाये जाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि धूम्रपान करने से 50 फीसदी कैंसर पुरूषों में तथा 25 फीसदी कैंसर महिलाओं को होता है, इसके अलावा टीबी, एचआईवी एड्स, मलेरिया जैसी घातक बीमारियां भी तम्बाकू के उपयोग से होती है।
कार्यशाला में प्रबन्ध निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन युगल किशोर पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि तम्बाकू नियंत्रण के कार्यक्रम में बालाजी सेवा संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से कार्यालयों में धूम्रपान निषेध तथा इससे होने वाले नुकसानों की भी चर्चा किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं कार्यालयाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष अपने-अपने स्तर पर धूम्रपान न करें तथा कार्यालय के अन्य कार्मिकों को भी धूम्रपान न करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर ई-सिग्रेट का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही लागू कराया जायेगा। उन्होंने हुक्काबार के सम्बन्ध में भी कार्यशाला में जानकारी दी।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में उप महानिरीक्षक अजय रौतेला ने बताया कि इसके लिए पुलिस के साथ ही सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा और विशेष जनजागरूकता अभियान चला कर लोगों को तम्बाकू जनित रोगों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इस अवसर पर निदेशक एनएचएम डाॅ अंजली नौटियाल ने युवाओं में बढ रही धूम्रपान की इस लत को कम करने के लिए स्कूल/कालेजों में धूम्रपान जनजागरूकता अभियान चलाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति से ही धूम्रपान छोड़ा जा सकता है। कार्यक्रम में बालाजी सेवा संस्थान के निदेशक अवधेष कुमार ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा तम्बाकू उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं तथा संस्थान के अथक प्रयास एवं उत्तराखण्ड तम्बाकू नियंत्रण विभाग द्वारा समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते है तथा उत्तराखण्ड को धूम्रपानमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने पर जोर दिया। इस अवसर पर सिग्रेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद कानून कोटपा-2003, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबन्ध, तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबन्ध, 18 साल से कम उम्र के लोगों को तत्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबन्ध, तम्बाकू उत्पादों के पैकिट पर तस्वीर के साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी चेतावनी के अलावा कोटपा की धारा- 4,5,6 के उल्लंघन के मामलों में जुर्माना एवं अर्थदण्ड के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में एसटीसीसी की कार्यक्रम प्रबन्धक डाॅ रूचिका धीमान, बालाजी सेवा संस्थान से प्रियंका तिवारी समेत कई अन्य लोगों द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किये। उक्त कार्यशाला में द इन्टरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टूयूबर क्लासिस एण्ड लंग डिजिज नई दिल्ली द्वारा सहायोग प्रदान किया गया।

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जिला सूचना अधिकारी देहरादून

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