उत्तराखंड निकाय मे 2002के बाद तीन बच्चे वालों को निकाय चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया है क्यों मतलब 28 अप्रैल 2003 के बाद तीसरी संतान वाले चुनाव नहीं लड सकते ,यह नियम 2013 मे लागू हुआ सरकारें महिलाओं व महिला आरक्षण की बात करती है परंतु हकीकत मे आज भी महिलाओं को हाशिए पर रखा गया है। जबकि मै छात्र जीवन से राजनीति मे हूँ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी हूँ ,सैनिक के परिवार से हूँ ,लेकिन कोई सुनवाई नहीं सभी माननीयों को पत्र प्रेषित किया ,मुख्यमंत्री जी तक गई कोरा आश्वासन मिला ,जब बात हिंदुत्व की हो रही हो तब यह नियम गलत है हमारे मौलिक अधिकारों व धार्मिक सांस्कृतिक विरासत पर रोक है
कुल मिलाकर लंबे संघर्ष के बाद आज हमारी राजनीतिक हत्या हो गई
गुडू की थराली विधानसभा के मतदाता भाईयों से
Tue May 8 , 2018