उत्तरकाशी : जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीपी गैरोला की अदालत में नकली नोट के दो आरोपियों को तीन-तीन साल की कैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
सहायक अधिशासी अधिवक्ता गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि 23 अक्टूबर 2016 को डुंडा चौकी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर संजय कुमार उर्फ विकास पुत्र वंशीलाल पटेल, निवासी नोतन जिला पंचरंगा, पश्चिम बिहार को डुंडा में अंग्रेजी शराब की दुकान में एक हजार का नकली नोट चलाते हुए पकड़ा गया था।
तलाशी लेने पर आरोपी के पास से 19 और हजार के नकली नोट मिले। आरोपी से पूछताछ पर पता चला कि इस गिरोह में उसका एक दूसरा साथी भी शामिल है, जो उत्तरकाशी मुख्य बाजार में हजार रुपये के नकली नोट चलाने के लिए डुंडा से निकल गया है।
डुंडा पुलिस ने इसकी सूचना उत्तरकाशी कोतवाली को दी। सूचना मिलने पर तांबाखानी सुरंग के पास कोतवाली और डुंडा चौकी पुलिस ने आरोपी के दूसरे साथी राहुल पुत्र महेश पटेल निवासी सनसरया, पश्चिम बिहार को नकली नोटों के साथ पकड़ लिया। तलाशी लेने पर आरोपी के पास से 90 हजार रुपये और नकली नोट बरामद हुई। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि उन्हें यह नकली नोट बिहार के एक व्यक्ति ने दिए थे, जिसका नाम वह नहीं जानते। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति उन्हें एक लाख नकली नोट चलाने के बदले 60 हजार रुपये देता था, जिसमें से वह अब तक पांच हजार के नकली नोट चला चुके हैं।
पुलिस ने आरोपियों से एक लाख, दस हजार के नकली नोट बरामद कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। मंगलवार को न्यायालय ने दोनों आरोपियों को आइपीसी की धारा 489 सी के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुना दी।