देहरादून। पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड, देहरादून में आज दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन (पुलिस आफिसर्स कान्फ्रेन्स) की शुरूआत हुई, जिसमें समस्त फील्ड अधिकारी (जनपद प्रभारी, सेनानायक, शाखा एवं इकाई प्रभारी), परिक्षेत्र प्रभारी, प्राधानाचार्य एटीसी, पीटीसी एवं पुलिस मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए।
सम्मेलन का शुभारम्भ मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन डॉ. एस. एस. संधू द्वारा किया गया। सम्मेलन के प्रारम्भ में हरवंश कूपर भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष/मंत्री उत्तराखण्ड सरकार के आकस्मिक निधन पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। तत्पश्चात पुलिस उपमहानिरीक्षक, पी/एम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विगत वर्षों में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों, ड्रग्स एवं साईबर क्राईम के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यों एवं पुलिस के शासन स्तर के मुद्दों, भविष्य की कार्ययोजना और उत्तराखण्ड पुलिस को कैसे आगे बढ़ाना है इससे मुख्य सचिव को अवगत कराया गया।इस दौरान मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पहली बार आपके बीच इतने विस्तृत रूप से बैठने का मौका मिला और उत्तराखण्ड पुलिस के बारे अच्छी जानकारी हुई कि पुलिस क्या कर रही है और हम किस दिशा में जा रहे हैं आज के सेशन का मेन थीम स्मार्ट पुलिसिंग था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने काफी प्रयास किए हैं। ट्रेडिशनल क्राइम के बजाय साइबरक्राइम बढ़े हैं, जिसके लिए निर्णय लिया गया कि देश का बेस्ट आईआईटी जिसमें कंप्यूटर साइंस का डिपार्टमेंट साइबर सिक्योरिटी में सबसे अच्छा है, उत्तराखंड पुलिस के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड शासन द्वारा व्यय भार वहन किया जाएगा। उत्तराखंड पुलिस एवं आईआईटी का कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट साइबर क्राइम को रोकने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि कम अपराध होने तथा सुरक्षित एवं शांतिप्रिय माहौल होने के कारण यहां पर उघोगों एवं पर्यटन के अनुकूल माहौल बना है और उत्तराखंड पर्यटकों का फेवरेट डेस्टिनेशन बना हुआ है। उत्तराखंड के पुलिस कर्मियों का व्यवहार अन्य प्रदेशों के मुकाबले बेहतर रहता है। पर्यटक प्रदेश के लिए जरूरी है कि प्रदेश में शांति रहे, पुलिस कर्मियों को चाहिए कि वे भी ऐसा व्यवहार रखें ताकि पर्यटकों को पुलिस को देखकर विश्वास एवं सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो। हमें खुशी है कि हमारी पुलिस इस दिशा में अग्रसर है। सम्मेलन में ड्रग्स के लिए गठित एडीटीएफ को और अधिक सुदृढ़ किये जाने पर भी चर्चा की गयी तथा ड्रग्स के विरूद्ध पुलिस, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग में समन्वय जरूरी है, इसके लिए इनकी संयुक्त रूप से तैर्मासिक मीटिंग की जाएगी।