देहरादून, बृहस्पतिवार को देवोत्थानी एकादशी व उत्तराखंड के पारंपरिक उत्सव (ईगास”बग्वाल) सांस्कृतिक संध्या” (भैलो ईगास) का आयोजन किया गया है।कार्यक्रम के मुख्यातिथि मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. के. यस. पंवार ,ओद्योगिक विकास ,विशिष्ट अतिथि राजपुर के विधायक खजान दास, विशिष्ट अतिथि रायपुर के विधायक उमेश शर्मा (काऊ) स्वागत संस्था के अध्यक्ष लक्षण सिंह रावत ,लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल,बीरेंद्र रावत एंव समिति सदस्यों ने किया ।
कार्यक्रम के प्रारंभ होने पर माँ सरस्वती का दीप मुख्यातिथि ने प्रज्वलित किया। समिति ने मुख्यातिथि विशिष्ट अतिथियो को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मुख्यातिथि डॉ के यस पंवार ने समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कार्यक्रम संमस्त उत्तराखंड में किये जाने चाहिए ।
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मुख्यातिथि डॉ के यस राणा से सम्पादक जीतमणि पैन्यूली संजय थपलियाल की विशेष वार्ता
कलाकारों विशिष्ट अतिथि खजाना दास ने कहा कि इस परंपरा को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी भारतीयों को अपने अपने गावँ में दिवाली त्यौहार मनाने के लिए राज्य सभा सांसद अनिल बलोनी ने दीपावली गावँ में माना कर प्रदेश एवं देश वासियों में अपनी गावँ, संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिया। मुख्यातिथि पवांर ने समिति के सदस्यों कलाकारों का स्मृति चिन्ह देकर आंदोलन कारी दर्शन भारती ,
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मीना राणा संजय किमोला द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम में बिखेरी छटा
लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल विश्व विख्यात फुटबॉलर वीरेन्द्र सिंह रॉवत दर्शन लाल आर्य, भावना पांडेय रघुवीर सिंह बिष्ट,मन्दन रॉवत पार्षद उनियाल पुष्कर नेगी राजेश बिष्ट नरेंद्र रतूड़ी पी सी थपलियाल मच का संचालन मसूरी के प्रसिद्ध एंकर गोदियाल जी सम्मान किया।
इस अवसर पर उत्तराखंडी परम्परा से जुड़े अनेक सांस्कीर्तिक कार्यक्रम भैलो, नृत्य जागर,मीना राणा संजय किमोला आदि कलाकारों ने संस्कृति की छटा बिखेरी । लगभग विलुप्त हो चुकी भैलो बग्वाल प्रमुख रहेगी। इसके अतिरिक्त ढोल ढमाऊँ मशक रण सिंघा के साथ ठेट गड़वाली मनाण व चोंफेला झुमेलो कई अन्य पहाड़ी नृत्यों का भी लुत्फ उठाया गया है। जो कि उत्तराखंड की विरासत व सांस्कृतिक धरोहर को संजोने, संवारने व पुनर्जीवित करने में मील का पत्थर साबित होरही है। इस अबसर पर सरकार की गाइड लाइन का पालन किया गया है।