देहरादून। उत्तराखंड में छोटी सरकार पर भाजपा का परचम लहराए इसके लिए बीजेपी ने अपने विधायकों और सांसदों की जिम्मेदारी तय कर दी है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का बने इस के लिए खासतोर पर बीजेपी ने विधायकों और सांसदों को लॉबिंग और फील्डिंग करने को कहा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अभी तीसरे चरण का मतदान बाकी है। मतदान खत्म होने से पहले से ही भाजपा ने लोकतंत्र की सबसे निचली पायदान पर भी कमल खिलाने की तैयारी शुरु कर दी है।
पंचायत चुनावों के परिणाम आने के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों में राजनीतिक दलों का सबसे बड़ा टारगेट क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष बनाना होता है और भाजपा इसमें कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। प्रदेश के 89 क्षेत्र पंचायत प्रमुख और 12 जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में कोई गलती न हो इसके लिए पार्टी ने अपने विधायकों और सांसदों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव में सभी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, दायित्वधारियों, जिला अध्यक्षों की कोर टीम को दायित्व दिया है कि पंचायतें जिताना उनका काम है। हर हाल में जिला पंचायत जीतनी हैं और उसके लिए उन्हें यह देखना होगा कि प्रचार किस तरह करना है, प्रत्याशियों से संपर्क कैसे करना है।
दरअसल भाजपा कांग्रेस से पिछली बार का हिसाब चुकाना चाहती है। पिछले त्रिस्तरीय पंचायतों में कांग्रेस का लगभग 50 क्षेत्र पंचायत पर कब्जा था तो 10 जिला पंचायत अध्यक्ष पार्टी के थे। बीजेपी विधायक कहते हैं कि पार्टी ने जो जिम्मदारी सौंपी है उसे वह पूरा करेंगे। बीजेपी विधायक केदार सिंह रावत दावा करते हैं कि इस बार बीजेपी के क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष ज्यादा बनेंगे। बीजेपी जानती है कि अगर छोटी सरकार पर उसका कब्जा हुआ तो 2022 के विधानसभा चुनावों में उसकी नींव और मजबूत हो जाएगी। इसलिए बीजेपी का पूरा दम छोटी सरकार बनाने में लगा हुआ है।