नई दिल्ली। कश्मीर में किसी तरह की आतंकी घटना क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकती है और इससे भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच लड़ाई की संभावना भी बन सकती है। म्युनिक सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस की एनुअल रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अगर ऐसी परिस्थिति बनी तो भारत की तरफ से करारा जवाब दिया जा सकता है। म्युनिक में कॉन्फ्रेंस के दौरान जारी की गई रिपोर्ट में कश्मीर में इस साल के दस विवादित मुद्दों में कश्मीर को भी रखा गया है। इसमें आगे कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर तनाव में फिर से कश्मीर पर ध्यान केन्द्रित कर दिया है।
हालांकि, इस रिपोर्ट में इस्लामाबाद की तरफ से टूल के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने और भारत को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की भूमिका का भी जिक्र किया गया है। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप की सूची में इस साल कश्मीर, अफगानिस्तान, यमन, परसियन गल्फ समेत फोकस के केन्द्र में रहनेवाले 10 विवादों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वर्षों से इंटरनेशनल रेडार से कश्मीर हट गया था, लेकिन पिछले साल भारत-पाकिस्तान में भारी तनाव के बाद यह एक बार फिर से खास फोकस में आ गया है।
रिपोर्ट में यह कहा गया है- ऐसा लगता है कि आगे क्या होगा इसको लेकर नई दिल्ली के पास कोई रोडमैप नहीं है। कश्मीर में घुसपैठ कम लेकिन सक्रिय है और किसी भी तरह के आतंकी हमले से बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। अगर कोई नया विवाद पैदा होता है तो विवादित सीमा के पास शांति लाने के लिए विदशी ताकतें पूरी जोर लगा देगी।”रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि परमाणु युद्ध के लिए उत्तर कोरिया, भारत पाकिस्तान और ईरान सबसे ज्यादा संभावित खतरे वाले देशों में शामिल है। साल 2019 में दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर जैश ए मोहम्मद की तरफ से हुए हमले में 40 जवानों के शहीद होने क बाद दोनों तरफ से हवाई हमले किए गए थे। नई दिल्ली की तरफ से जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त को विशेष अनुच्छेद खत्म किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी तनाव की स्थिति में कोई भी कश्मीरी घुसपैठिए की ओर से हमले की घटना बड़ा तनाव पैदा कर सकता है, जिसके बाद दो परमाणु संपन्न देश में सैन्य लड़ाई भी छिड़ सकती है।