उन्होंने ‘माई सेंकेड इनिंग्स’ शीषर्क के लेख में आज उन्होंने लिखा, ‘अक्तूबर 2013 के दौरान दिल्ली में चैम्पियंस लीग मैच के दौरान ऐसा हुआ था।’
उन्होंने खेल के बाद अपनी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा, ‘मेरी सुबह जिम वर्कआउट के साथ शुरू होती है जो मैं पिछले 24 साल से कर रहा हूं। लेकिन उस दिन अक्तूबर की सुबह कुछ बदल गया। मैंने महसूस किया कि मुझे खुद को उठाने के लिये जोर लगाना पड़ा। मैं जानता था कि जिम ट्रेनिंग मेरे क्रिकेट का अहम हिस्सा है जो पिछले 24 साल से मेरी जिंदगी का हिस्सा रही है। फिर भी यह अनिच्छा थी। क्यों?’
तेंदुलकर ने लिखा, ‘क्या ये संकेत थे..संकेत थे कि मुझे रूक जाना चाहिए? संकेत था कि जो खेल मेरे लिये इतना अहम रहा है, वह मेरी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा नहीं होगा?’