देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार ने लॉकडाउन से नुकसान झेल रहे पर्यटन कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। जिसके तहत पर्यटन गतिविधियां और होटल रेस्टोरेंट संचालकों को बिजली की फिक्स डिमांड चार्ज में छूट दी गई है।
उद्योगों को भी बिजली की फिक्स डिमांड चार्ज में तीन माह की छूट दी गई है। लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें ये चार्ज नहीं देना है। उन्हें ये चार्ज तीन माह बाद देना होगा। राहत की बात ये है कि उन्हें इन तीन महीनों का ब्याज नहीं देना होगा।
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताया कि लॉकडाउन में सबसे बड़ा नुकसान पर्यटन उद्योग को हुआ है। प्रदेश में लगभग 34 सौ से अधिक होटल पंजीकृत हैं, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
सभी होटल रेस्टोरेंट कारोबारियों को बिजली की फिक्स चार्जिंग में छूट दी गई है। वहीं कैबिनेट ने केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने की मंजूरी दे दी है। वायलार अधिनियम 1923, वायलर जांच की छूट सीमा अप्रैल से जून तक तीन माह के लिये बढ़ाया गया है।
इस बीच इंस्ट्रक्टर या थर्ड पार्टी से जांच की जा सकती है। लॉकडाउन अवधि में विद्युत के विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ता को ब्याज और अधिभार में छूट दी है। आनलाइन विद्युत देय में 1ः की छूट होगी। विदित अधिभार पर अप्रैल से जून तक तीन माह तक छूट होगी।
इससे राज्य पर सात करोड़ 64 लाख का भार पड़ेगा। उद्योगों से लिया जाने वाला विद्युत पर फिक्स चार्ज तीन माह के लिये स्थगित किया गया है। इस अवधि पर फिक्स डिमांड चार्ज पर ब्याज नही लगेगा। इससे सरकार पर सात करोड़ का व्यय भार होगा। हेल्थ विभाग में जिला और निदेशालय स्तर के लिपिक वर्ग को एक संवर्ग माना गया है। इससे इनके प्रमोशन में आने वाली अड़चन दूर होंगी।