देहरादून, आजखबर। पैरा स्पोर्ट्स की दुनिया में भारत को महाशक्ति बनाने की दृष्टि के साथ, सीमा सुरक्षा बल के समर्थन से आदित्य मेहता फाउंडेशन (एएमएफ) ने दूसरे चरण के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है। आदित्य मेहता ने बताया कि भागीरथी, गंगोत्री से शनिवार को आधिकारिक तौर पर माउंट पर रवाना किया गया।
आदित्य मेहता फाउंडेशन (एएमएफ) विकलांग लोगों के लिए जागरूकता और सहायता बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। एक अनूठी पहल के लिए जागरूकता कार्यक्रम में एएमएफ ने वर्ष 2020 में माउंट एवरेस्ट को स्केल करके विश्व रिकॉर्ड बनाने की एक और चुनौती पेश की है। 2020 के आयोजन की तैयारी के रूप में, बीएसएफ के साथ एएमएफ ने प्रशिक्षण शिविर के दूसरे चरण का आयोजन किया है।
टीम ने आदित्य मेहता फाउंडेशन और बीएसएफ इंस्टीट्यूट ऑफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग के सहयोग से प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण शिविर के पहले चरण में पिछले साल अलकनंदा की टीम ने माउंट को स्केल किया था। दूसरे चरण में पर्वतारोहियों की टीम माउंट को स्केल करके गहन प्रशिक्षण से गुजरेगी। भागीरथी, गंगोत्री (21365 फीट) प्रशिक्षण के लिए शिविर नंदनवन 14655 फीट की ऊंचाई पर है और प्रशिक्षण शिविर एक से 17552 फीट की ऊँचाई तक जाता है। इस अभियान में टीम का नेतृत्व दो आईसी मनोज पैन्यूली एवं लीडर और डिप्टी कमांडेंट बी.एस.रावत कर रहे हैं। टीम में 6 पैरा-पर्वतारोही शामिल हैं, जिनमें दो टीम एएमएफ सदस्य अरशद और आर्यवर्धन शामिल हैं। सत्रह वर्षीय, आर्यवर्धन, माउंट करने के लिए दुनिया में घुटने से ऊपर के सबसे कम उम्र के पैरा पर्वतारोही हैं। भागीरथी, गंगोत्री दल में चार बीएसएफ प्रतिभागी भी शामिल हैं जो गन शॉट लेग के साथ मलय हलधर और अथुनोल्था, अमर कुमारसंतरा जो दृष्टिबाधित हैं और अतिरिक्त सीटी अजय हैं जिनकी दाहिनी जांघ की मांसपेशियों का नुकसान हुआ है।