आपदा प्रबंधन अधिकारी समेत कई पद खाली
रुद्रप्रयाग। प्रदेश का रुद्रप्रयाग जनपद राम भरोसे चल रहा है। जहां एक ओर कोरोना महामारी के कारण जनता परेशान है, वहीं जिले में महत्वपूर्ण विभागों में अधिकारियों के पद रिक्त होने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग जनपद में एक साल से आपदा प्रबंधन अधिकारी का पद रिक्त चल रहा है, जबकि मुख्य विकास अधिकारी की कुर्सी 6 महीने से खाली है। इसके साथ ही तहसीलों में जहां अधिकारियों का टोटा बना है, वहीं कर्मचारियों की भी कमी है। कई क्षेत्रों में पटवारियों के बिना ही चैकियां सूनी पड़ी हैं। ऐसे में आपदा से अति संवेदनशील जनपद राम भरोसे ही चल रहा है।
दूर-दराज क्षेत्रों से तहसील पहुंच रही जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो मुख्य विकास अधिकारी के न होने से कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जनता की मानें तो भाजपा सरकार में जिले में अधिकारियों के रिक्त पद चल रहे हैं, जिस कारण जनता को भटकना पड़ रहा है और जन शिकायतें आलमारियों में धूल फांक रही हैं।बता दें, रुद्रप्रयाग जिले का निर्माण 16 सितंबर, 1997 को हुआ था और जिला निर्माण में अगस्त्यमुनि व ऊखीमठ ब्लॉक को पूर्ण रूप और पोखरी एवं कर्णप्रयाग ब्लॉक का कुछ हिस्सा चमोली जिले से लिया गया। इसके साथ ही जखोली और कीर्तिनगर ब्लॉक का हिस्सा टिहरी से तथा खिरसू ब्लॉक का हिस्सा पौड़ी जिले से लिया गया। जिला निर्माण के बाद जनता को लगा था कि अब उनकी समस्याएं समय से हल हो पाएंगी, मगर ऐसा आज तक नहीं हो पाया। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी इसका बड़ा उदाहरण रही है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी सिर्फ जनता को वोट बैंक तक सीमित रखा और अपने आशियाने देहरादून में बनाते रहे।