HTML tutorial

शुभ प्रभात राधे राधे आज का भगवद चिंतन

Pahado Ki Goonj

राधे राधे आज का भगवद चिंतन

आचारहीनं न पुनन्ति वेदा
यद्यप्यधीताः सह षड्भिरङ्गैः।
छन्दांस्येनं मृत्युकाले त्यजन्ति
नीडं शकुन्ता इव जातपक्षा ।।( वशिष्ठ स्मृति 6/3,देवीभागवत 11/2/1)
शिक्षा, कल्प,निरुक्त,छन्द,व्याकरण और ज्योतिष इन छः अंगों सहित अध्ययन किये हुए वेद भी आचार हीन मनुष्य को पवित्र नही कर सकते।मृत्यु काल मे आचारहीन को वेद वैसे ही त्याग देते है जिस तरह पक्षी पंख आ जाने पर अपने घोंसले को 

Next Post

महाकाव्य 'रामायण' के रचयिता एवं आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर सभी को हार्दिक

महाकाव्य ‘रामायण’ के रचयिता एवं आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। उनके तपस्वी जीवन व रचनाओं से हमें सत्य, प्रेम और धर्म के पथ पर चलने की निरंतर प्रेरणा मिलती है।समाज मे सद्भावना से रहने के लिए सम भाव से चलने के लिए महत्वपूर्ण योगदान […]

You May Like