राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए*

Pahado Ki Goonj

 श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए*

*15 दिनों में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ की वेबवाइट एवं पोर्टल तैयार करने की डेडलाइन*

*राज्य में प्रत्येक वर्ष प्रवासी उत्तराखण्ड दिवस मनाने की परम्परा आरम्भ की जाएगी*

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को अगले 15 दिनों में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ की वेबवाइट एवं पोर्टल तैयार करने की डेडलाइन दी हैं। इसके साथ ही एसीएस ने देश और दुनियाभर में रह रहे उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों का सटीक डाटा बेस प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप राज्य में प्रत्येक वर्ष प्रवासी उत्तराखण्ड दिवस मनाने की परम्परा आरम्भ की जाएगी। सचिवालय में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ से जुड़े अधिकारियों को हिदायत दी कि उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के लिए लॉंच की जाने वाली वेबसाइट पर प्रवासियों को पंजीकरण की सुविधा दी जाए तथा वेबसाइट पर ही उनकी शिकायतों निवारण हेतु सिस्टम विकसित जाए। एसीएस ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन के लिए अन्य राज्यों के प्रवासी सेल के तुलनात्मक अध्ययन के पश्चात उत्तराखण्ड हेतु एक ठोस एक्शन प्लान बनाने तथा फोकस एरिया तय करने के निर्देश दिए। श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ में उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के भूमि सम्बन्धित एवं अन्य मुद्दों व शिकायतों के निवारण हेतु भी व्यवस्था की जाय।

आज के बैठक में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के कार्यालय में अधिकारियों एवं कार्मिकों तैनाती, उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के संबंध में डाटा बेस तैयार करने हेतु देश के विभिन्न राज्यों, शहरों और विदेशों में उत्तराखण्डी प्रवासियों के संगठनों, एसोसिएशन एवं संस्थानों से सहयोग लेने के सम्बन्ध में निर्णय लिए गए।

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ दुनिया भर में रह रहे उत्तराखण्ड मूल के लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने वाले सेतु का कार्य करेगा। इसके साथ ही यह प्रकोष्ठ प्रवासियों के निवेश प्रस्तावों पर शीघ््रा कार्यवाही, उनकी समस्याओं के समाधान तथा सरकार एवं प्रवासियों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने में मदद करेगा।

बैठक में सचिव  मीनाक्षी सुन्दरम,  विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सिडकुल  रोहित मीणा, सदस्य  सुधीर नौटियाल सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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*एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में भू कानून से सम्बन्धित प्रारूप समिति की बैठक हुई*

*पिछले दस वर्षों में डीएम स्तर से कृषि एवं औद्यानिकी हेतु अनुमति प्राप्त भूमि की जानकारी शीघ्र राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश*

*जिलाधिकारियों से भू कानून से सम्बन्धित सुझाव मांगे गए*

*एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है*

*निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाय*

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को पिछले दस वर्षों में डीएम स्तर से कृषि एवं औद्यानिकी हेतु अनुमति प्राप्त भूमि की जानकारी शीघ्र राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। इसके साथ ही इस कानून का लक्ष्य उत्तराखण्ड में निवेश एवं रोजगार सृजित करने वाले विश्वसनीय निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा निवेश की प्रक्रिया को सरल करना है। श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया है कि अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून का उद्देश्य भूमि के दुरूपयोग को रोकना, भू कानून को और भी अधिक तर्कसंगत एवं न्यायपूर्ण बनाना है। इसका लक्ष्य औद्योगिक गतिविधियों एव निवेश को हतोत्साहित करना नही है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाय।

बैठक के दौरान एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में निवेश के आवेदकों का सत्यापन सम्बन्धित विभागों द्वारा पूरी तत्परता से सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। सम्बन्धित विभागों द्वारा निवेशकों की विश्वसनीयता की जांच के साथ ही पूरी व्यवस्था द्वारा निवेश की प्रक्रिया को सरल किया जाना जरूरी है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्यम स्थापित करने एवं रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित हो सके।

बैठक में डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
[1/25, 4:36 PM] जीत मणि पैन्यूली पहाडो की गूंज: *मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें।*

*मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जायेगा।*

*समान नागरिक संहिता के लिए गठित कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट जल्द मिलेगी।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई 5 सदस्यों की कमेटी ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। ड्राफ्ट मिलते ही जल्दी विधानसभा का सत्र बुलाकर विधानसभा में समान नागरिक संहिता का कानून पूरे उत्तराखण्ड में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है। जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जनसेवा से संबंधित अधिकांश सेवाएं ऑनलाईन की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन में उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के सहयोग से इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए 3.56 लाख करोड़ के करारों को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही गतिमान है। राज्य में निवेश के लिए निवेशकों ने जो उत्साह दिखाया है, आने वाले समय में इससे स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन तेजी से बढ़ेंगे और पलायन पर भी नियंत्रण होगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की अन्य गतिविधियों पर भी तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। कुमांऊ मण्डल में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिये सर्वोपरि है। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान किया।

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