देहरादून। प्रदेश में नया एमवी एक्ट लागू होते ही वे लोग भी सतर्क हो गए हैं जो सालों से बिना लाइसेन्स के गाड़ी चला रहे थे लेकिन परिवहन विभाग एक्ट लागू होने के बाद भी काम में तेजी नहीं ला पा रहा है। पिछले 12 दिन से उत्तराखण्ड में पॉल्यूशन जांच केन्द्रों की बात की जाए या फिर लाइसेन्स बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस की। लोगों के पूरे दिन लाइन में खड़े-खड़े बीत रहे हैं। लाइसेन्स बनवाने से लेकर गाड़ी के पॉल्यूशन चेक करवाने के सर्टिफिकेट के लिए भीड़ इस कदर है कि लोगों की हिम्मत जवाब दे रही है। उमस भरे दिनों में दिन भर लाइन में खड़े लोग शिकायत कर रहे हैं कि आए दिन लाइसेन्स बनाने वाला सर्वर ठप हो जाता है। देहरादून के एआरटीओ अरविंद पांडे सर्वर ठप होने की वजह साफ करते हैं. वह कहते हैं कि एमवी एक्ट में हुए नए बदलावों को सॉफ्टवेयर में भी अपडेट किया गया है। हालांकि सॉफ्टवेयर में अपडेट कर दिए गए हैं लेकिन काम करते-करते कुछ नई समस्याएं सामने आ जाती हैं। जिनके लिए कुछ देर के लिए सर्वर को बंद करना पड़ता है। प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट अनिवार्य होने के बाद सभी प्रदूषण जांच केंद्रों में भारी भीड़ है और इसकी बड़ी वजह यह भी है कि प्रदेश में सिर्फ 154 पॉल्यूशन जांच केन्द्र हैं। इनमें हजारों लोग पहुंच रहे हैं लेकिन एक सेन्टर पर हर दिन 200 गाड़ियां ही चेक हो रही हैं। यहां इतनी भीड़ इसलिए भी है क्योंकि अभी तक बिना लाइसेंस के ही बहुत से लोगों का काम चल जाता था। .एक बात तो साफ है कि लोगों के साथ विभाग की तैयारियां भी नहीं थीं और पूरा सिस्टम ‘हो जाएगा, देखा जाएगा। एटीट्यूड के साथ चल रहा था। अब चूंकि सिर पर आन पड़ी है तो आपाधापी मची हुई है।
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