आयुर्वेदिक जिला चिकित्सालयों में खोले जाएंगे पोस्ट
कोविड सेंटर इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया जाएगा उपचार
-आयुर्वेद मंत्री*
जयपुर, 15 दिसंबर। आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी जिला आयुर्वेद चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड सेंटर खोले जाएंगे। इन सेंटर्स में होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के जरिए कोरोना में पॉजिटिव से नेगेटिव आए मरीजों का विशेषज्ञों द्वारा उपचार किया जाएगा।
आयुर्वेद मंत्री मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग की विभागीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिको टूरिज्म की प्रबल संभावना है, इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 20 ऎसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों की आवाजाही है। उन्होंने बताया कि इस स्थानों पर पीपीई मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त योगा केंद्र खोले जाएंगे।
डॉ. शर्मा ने कहा पूरी दुनिया ने कोरानाकाल में आयुष पद्धति का लोहा माना है। जहां किसी भी चिकित्सा पद्धति में कोई-कोई इलाज नहीं खोजा गया था, वहीं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से सकारात्मक परिणाम आने लगे थे। उन्होंने कहा कि सरकार आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धति के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पित है और इसकी बेहतरी के लिए काम कर रही है। बैठक में राज्य में आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास के बारे में विस्तार से चर्चा की गई एवं दिशा-निर्देश दिए गए।
आयुर्वेद मंत्री ने प्रदेश भर में 17 स्थानों पर बोटनिकल गार्डन विकसित करने की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। इन स्थानों पर संबंधित द्रव्य गुण विज्ञान के विशेषज्ञ चिकित्सको को तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां सार्वजनिक निजी सहभागिता से विकसित करने का सुझाव दिया गया। उन्होंने प्रत्येक आयुष चिकित्सालय में 10 प्रकार के औषधीय पादप लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने गूगल , तुलसी, गिलोय,अश्वगंधा, अर्जुन सहित अन्य पौधे लगाने पर विशेष बल दिया गया।
डॉ. शर्मा ने प्रमुख आयुर्वेद औषधियों की विस्तृत व्याख्या सहित बुकलेट छपवाने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर महेश चंद्र शर्मा ने यह बुकलेट तैयार करने की जिम्मेदारी ली।
इस अवसर पर निरोगी राजस्थान अभियान में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग की भूमिका को बढ़ाकर इसे जन आन्दोलन बनाने, आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्रों को हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स के रूप में विकसित करने, मेडिसिनल प्लान्ट्स की खेती को बढावा देने, विभागान्तर्गत संचालित रसायनशालाओं का सदुदृढीकरण करने, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर अवस्थित पंचकर्म केन्द्र को सेन्टर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने, राजस्थान योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के पुर्नगठन की कार्यवाही करने, विभागान्तर्गत रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही करने, आयुष संविदा चिकित्सकों व नर्स कम्पाउण्डर्स के मानदेय वृद्धि के लिए पूरक प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार को भिजवाए जाने सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
विशेषाधिकारी श्री मनोहर पारीक ने पीपीटी प्रस्तुतिकरण के जरिए विभागवार प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर द्वारा संजीवनी पोस्ट कोविड केयर इकाई के लिए बनाए पोस्टर का भी विमोचन किया गया। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर महेश दीक्षित उपस्थित रहे।
बैठक में आयुर्वेद विभाग के शासन उप सचिव श्री राजेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी, आयुर्वेद विभाग की निदेशक श्रीमती सीमा शर्मा, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. वेद प्रकाश शर्मा, श्री महेशचंद्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष, सीसीआईएम श्री वेदप्रकाश त्यागी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रो अभिमन्यु कुमार सिंह, नेचुरौपैथी के डॉ. शिव कुमार शर्मा, डॉ. त्रिलोक शर्मा सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।