देहरादून : होली के बाद उत्तराखंड उन राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जो ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित हो चुके हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के ओडीएफ होने के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी यह कार्य लगभग पूरा हो चुका है। भतरौंजखान को छोड़कर शेष सभी सौ निकाय में कुछेक औपचारिकताएं बाकी हैं और मार्च के पहले हफ्ते में सरकार संपूर्ण राज्य के ओडीएफ होने की स्वघोषणा करेगी। इसके तुरंत बाद स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण के कार्य प्रारंभ होंगे, ताकि ओडीएफ की स्थिति को निरंतर बरकरार रखा जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो अक्टूबर तक देश को ओडीएफ घोषित करने का केंद्र का लक्ष्य है। इस कड़ी में उत्तराखंड में भी तेजी से प्रयास हुए और पिछले साल जून में सभी ग्रामीण क्षेत्रों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। केंद्र ने भी इस पर मुहर लगाई। इसके बाद शहरी क्षेत्रों पर फोकस किया गया। प्रदेश के 101 नगर निकायों में से भतरौंजखान को छोड़कर शेष में व्यक्तिगत और सार्वजनिक शौचालय निर्माण का कार्य अब लगभग पूरा होने को है। भतरौंजखान में कोर्ट का स्टे है। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन की जनवरी तक की रिपोर्ट पर गौर करें तो 37 निकायों का तो केंद्र सरकार सत्यापन भी करा चुकी है, जबकि अन्य में यह कार्य चल रहा है। हालांकि, पिरान कलियर और हल्द्वानी में कुछेक औपचारिकताएं हैं, लेकिन वहां भी कार्य तेजी से चल रहा है।
मिशन सूत्रों की मानें तो 28 फरवरी तक सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। मार्च के पहले हफ्ते में राज्य संपूर्ण उत्तराखंड के ओडीएफ होने की घोषणा के बाद ओडीएफ की स्थिति बरकरार रखने को द्वितीय चरण के कार्य होंगे। इसके तहत सार्वजनिक व व्यक्तिगत शौचालयों की स्वच्छता, शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए कार्य किए जाएंगे।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में ओडीएफ का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। केंद्र की ओर से सर्वे भी चल रहा है। होली के तुरंत बाद संपूर्ण राज्य के ओडीएफ होने की घोषणा की जाएगी। कोशिश ये है कि इस मामले में उत्तराखंड को नंबर-वन बनाए रखा जाए।
राज्य में नगर निकाय
08 नगर निगम
41 नगर पालिका परिषद
43 नगर पंचायत
09 कैंटोनमेंट बोर्ड
शहरी क्षेत्र में शौचालय
-9160 व्यक्तिगत शौचालय पूर्ण रूप से निर्मित।
-7386 व्यक्तिगत शौचालयों का तेजी से हो रहा निर्माण।
-419 सीट के सार्वजनिक शौचालय बनकर तैयार।
-408 सीट के सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण तेजी पर।
-65 सार्वजनिक मूत्रालय तैयार।
-35 सार्वजनिक मूत्रालयों का कार्य जारी।