रुद्रपुर। हत्या में गिरफ्तार आरोपित बेटों को फर्जी दस्तावेज बनाकर नाबालिक घोषित करने के बाद फरार 10 हजार के इनामी को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। बाद में पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। वह सेवानिवृत्ति दरोगा बनकर रह रहा था। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि वर्ष 2012 लोकेंद्र, कपिल, जितेंद्र और दीपक बिष्ट ने होली चौक आवास विकास में ट्रांजिट कैंप के दो लोगों को चाकू मारकर घायल कर दिया था। जिसमें से एक घायल गौरव अरोरा की मौत हो गई थी। जबकि गंभीर रूप से घायल मनोज पंत कारे 186 टांके आए थे। मामले में पुलिस ने चारों आरोपितों को जेल भेज दिया था।इस दौरान कपिल और जितेंद्र को नाबालिक घोषित करने के लिए उनके पिता अनिल कुमार उर्फ गुड्डू ने फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें नाबालिक घोषित कर दिया था। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि कागजात की जांच के वह फर्जी पाए गए थे। इस पर किशोर न्याय बोर्ड ने वर्ष 2012 में अनिल कुमार उर्फ गुड्डू के खिलाफ पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। तब से अनिल कुमार फरार चल रहा था। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने उसके खिलाफ 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। सीओ पंतनगर अमित कुमार और सीओ आपरेशन परवेज अली तथा एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट के नेतृत्व में एसओजी और पुलिस की टीम उसकी तलाश में जुटी हुई थी।