देहरादून,सज्जनों सुप्रभात देश इन बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयास रत है। ऐसी स्थिति में यदि कोई व्यक्ति एड्स, कैंसर ,कोरोना से पीड़ित हैं तो आयुर्वेद में वर्णित जड़ीबूटियों के द्वारा ठीक करने के नुक्से से हमारी संस्कृति 5000 वर्ष पुरानी है।रामायण में भगवान लक्ष्मण जी को शक्ति लगने पर हिमालय से पर्वत उठाने का जिक्र है।वैध सुषेन जी ने जड़ी बूटियों भगवान राम को विपत्तियों से बचाने में काम आई है। सरकार को तीन शक्तिशाली लोग चलने के लिए मजबूर करते है विश्व बैंक, मल्टीनेशनल कंपनी, और मीडिया। देश में वर्ष1977 देश के विद्धवान स्वास्थ्य मंत्री राज नारायण ने आयुर्वेद के डिग्री हासिल करने की मान्यता दिलवाने के लिए देश मे कानून व्यवस्था की है परन्तु उसको हम आगे बढ़ाने में ज्यादा सफलता प्राप्त करने में उदासीन दिखाई देते आरहे हैं।जबकि देश की 86%लोग घरेलू उपचारों को करने पर जिंदा है।देश के युवा शोध कर रहे हैं पर हमारे देश में उनको बढ़वाने के लिए सीधे कोई योजना नहोने के चलते देश पिछड़ रहा है।ऐसे ही देश के लोग दादी माँ के नुक्से लेकर अपना जीवन स्वस्थ रखने में ज्यादा सही मानते रहे हैं।आज
विना साइड इफेक्ट्स के मरीज अस्पताल के द्वारा मरीज को ठीक न होने के बाद भी आयुर्वेद में वर्णित जड़ी बूटियों से
मरीज स्वस्थ हुए हैं।भारत मे जब कोई व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं ले पाता है तब पत्रकार के पास अपनी गुहार भरोसे से लगाता है। जिसे बड़े मीडिया हाउस टी वी चेनल तबज्जो नहीं देता है।आज हमारी सरकार को सहयोग करने के लिए हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जुमेदारी है ।
आयुर्वेद का लाभ जन जन को पहुंचाने के लिए उसके हिमयूनीति बढ़ाने के नुक्से से महामारी से लड़ा जाय।
आप भी इनके प्रयोग कर स्वस्थ हो सकते हैं । इनकी तीन पीढ़ियों से शोधकर्ता से जानकारी प्राप्त कर ठीक होरहे हैं। पहाड़ों की गूंज हिंदी साप्ताहिक पत्र को अपने इंटरव्यू में मरीजों ने देहरादून के आयुर्वेद शोधकर्ता विजय कुमार के बारे में राज्य आंदोलन कारी गैरसैंण राजधानी अभियान के संयोजक लक्ष्मी प्रासाद थपलियाल जो कोरोना के पेशेंट रहे वहां व्यवस्था ठीक नहीं होने पर दून असप्ताल से इलाज छोड़कर अपने निवास बडोवाला देहरादून उनके नुक्से से ठीक होने के बाद बताया है।इसके साथ साथ वह अपने जानने वाले लोगों को भी विजय कुमार के ह्यूमेनेटी बढ़ाने वाली नुक्से से ठीक हुए हैं।आज
ऐसे सफल नुक्से का लाभ जनता को मिले तो लाखों लोग
की जिंदगी बचाई जा सकती है
।इनके शोध को बढ़ावा दिया जाना प्रदेश एवं देश को महामारी से बचाने का काम किया जाना समय की मांग है।संपादक जीतमणि पैन्यूली #7983825336
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Message from Ayurveda researcher Vijay Kumar, Laxmi Prasad recovers from coron epidemic
Uttarakhand
Message from Ayurveda researcher Vijay Kumar, Laxmi Prasad recovers from coron epidemic
Pahado Ki Goonj
May 11, 2021
Good morning, Dehradun, gentlemen, the country is trying to cure these diseases. In such a situation, if a person is suffering from AIDS, cancer, corona, then our culture is 5000 years old due to the healing by herbs described in Ayurveda. In Ramayana, Lord Laxman ji is referring to lifting mountains from the Himalayas when he is in power. The lawful Sushenji has worked to save the herb Lord Rama from plagues. Three powerful people force the government to run the World Bank, the multinational company, and the media. In the year 1977, the wise health minister of the country, Raj Narayan, has made law and order in the country to get recognition for the degree of Ayurveda, but we are indifferent to achieve more success in pursuing it. While 86% of the people of the country are The country is undergoing research on home remedies. The youth of the country are doing research, but the country is lagging behind due to no direct plan to promote them in our country. The people of this country are more in keeping their life healthy with the help of grandma’s nukes. Have believed it right. Today
Patients with side effects of herbs mentioned in Ayurveda even after the hospital is not cured
The patients have become healthy. In India, when a person is unable to get justice even from the Supreme Court, then he confidently pleads with the journalist. Which the big media house TV channel does not provide. Today, it is our responsibility to cooperate with our government to promote our culture.
To spread the benefits of Ayurveda to the masses, fight the epidemic with the aim of increasing its snowmelt.
You too can be healthy by using them. Their three generations are fine after getting information from the researcher. Echoing the mountains, in its interview to the Hindi weekly letter, patients about Dehradun’s Ayurveda researcher Vijay Kumar, the convener of the state movement Kari Garrisan Rajdhani campaign, Laxmi Prasad Thapliyal, who was a patient of Corona, left treatment at his residence when the arrangements were not well. Badowala has told Dehradun after recovering from his nukes. Along with this, he has also cured those who know him as Vijay Kumar’s Humanity enhancing nukes.
Millions of people will get the benefit of such successful nukes
That life can be saved
To promote their research, to save the state and the country from epidemics is the need of the hour. Editor Jeetmani Panuli # 7983825336