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केदारनाथ में अन्न कूट,रक्षा बन्धन मूर्हत एवं उत्तराखंड से मुख्य खबरें

Pahado Ki Goonj

 मुख्यमंत्री ने किया स्किल स्टडी रिपोर्ट का विमोचन।
देहरादून,वेबिनार के माध्यम से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं विभिन्न विषय विशेषज्ञों से कौशल विकास सम्बन्धित विषयों पर की चर्चा।
प्रदेश के युवाओं को पारम्परिक कलाओं एवं कौशल विकास की दक्षता पर बतायी ध्यान देने की जरूरत।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कौशल विकास विभाग के सहयोग से पीएचडी चैंबर ऑम कामर्स द्वारा तैयार की गई स्किल स्टडी रिपोर्ट का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों से कौशल विकास से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की विशेष भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार राज्य के युवाओं को विलुप्त हो रहे पारम्परिक कलाओं एवं कौशल के क्षेत्र में अधिक दक्ष बनाये जाने की जरूरत है। राज्य में जैविक कृषि, काष्ठ कला, पारम्परिक आभूषण, योगा एवं आयुर्वेद, मधुमक्खी पालन, बांस व रिंगाल के उत्पाद, मशरूम एवं पुष्प खेती के क्षेत्र में भी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स द्वारा तैयार की गई कौशल विकास से सम्बन्धित स्किल स्टडी रिपोर्ट को राज्य के युवाओं एवं उद्योगों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि इस से उद्योगों के अनुकूल दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता एवं युवाओं को अपने को उद्योगों के अनुकूल दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन आपसी विचारों, अनुभवों एवं आवश्यकताओं के नये आयामों पर चर्चा करने में भी मददगार होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हुए इन्वेस्टर समिट में देश के प्रमुख उद्यमियों ने प्रतिभाग किया। 1.25 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिसमें से 24 हजार करोड़ की ग्राउन्डिंग अब तक हो चुकी है। यह हमारे छोटे राज्य के लिये बड़ी बात है। जबकि 2001 से 2017 तक राज्य में विशेष औद्योगिक पैकेज के बावजूद लगभग 40 हजार करोड़ का निवेश हो पाया था। राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। यहां का शांत व सुरक्षित माहौल, दक्ष मानव संसाधन उद्योगों के अनुकूल है। राज्य में श्रम कानूनों में सुधार के साथ ही 15 नई नीतियां बनायी गयी है।। उद्योगों को बढ़ावा देकर ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे। राज्य की सड़क, रेल व एयर कनेक्टिविटी बेहतर है। जौलीग्रांट एवं पंतनगर हवाई अड्डों को अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर के लिये ऊधम सिंह नगर में 1000 है. भूमि उपलब्ध करायी गयी है। आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य की जड़ी बूटी एवं औषधीय पौधों की अपनी पहचान है। राज्य में एरोमा पार्क स्वीकृत हुआ है। विभिन्न क्षेत्रों में ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना की जा रही है। एरोमेटिक प्लांट के लिये भी यहां की जलवायु उपयुक्त है। मेडिकल उपकरणों के उत्पादन के लिये हरिद्वार का चयन किया गया। डिफेंस उपकरणों से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना की संभावनायें तलाशी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में दिये जा रहे सहयोग के लिये पीएचडी चैंबर के सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया।
श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि महामारी के इस दौर का सभी क्षेत्रों में प्रभाव देखा जा रहा है। बावजूद इसके प्रदेश में उद्योगों के हित में सर्वाधिक बैठकें इस अवधि में हुई हैं। उद्योगों के हित में श्रम कानूनों में भी सभी को साथ लेकर सुधार प्रक्रिया अपनाई गई है। पर्यटन व्यवसाय के अंतर्गत होटल, टैक्सी, छोटे दुकानदारों को भी कठिनाई हो रही है। उत्तराखण्ड के देश व विदेशों में अधिकांश लोग होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रदेश में वापस लौटे लागों की दक्षता का आकलन कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स सहयोगी बनें। यहां के परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा मिले। हमारा प्रदेश आर्गेनिक प्रदेश बने। इसके लिये कौशल विकास के द्वारा युवाओं को दक्ष बनाना होगा। राज्य में मेडिकल, आयुर्वेद व हर्बल इंडस्ट्री को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड आयुर्वेद के जनक चरक की भूमि है। संजीविनी का यह क्षेत्र है। 71 प्रतिशत वन तथा 28 प्रतिशत जैव विविधता यहां है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को रोजगार मिले तथा वे स्वरोजगार अपनायें, इसके लिये उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही उचित मार्ग दर्शन दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने भी विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता विकास के आंकलन को प्रदेश के लिये उपयोगी बताया।
अपर सचिव एवं प्रोजेक्ट हेड उत्तराखण्ड स्किल मिशल डॉ. इकबाल अहमद ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत राज्य में लौटे प्रवासियों एवं प्रदेश के अन्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण तथा रोजगार/स्वरोजगार के अवर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से मई 2020 में राज्य सरकार द्वारा होप पोर्टल निर्मित किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक 20,000 युवाओं द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है साथ ही नियोजकों द्वारा 2200 रिक्तियाँ भी पोर्टल पर अपलोड की गई है। विभाग द्वारा पोर्टल पर पंजीकृत युवाओं को रिक्तियों के सापेक्ष रोजगार के अवसरों से जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं, जिस हेतु एक कॉल सेन्टर भी स्थापित किया गया है। अबतक अनेक युवाओं को होप पोर्टल के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जा चुका है तथा इस दिशा में विभाग निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि स्किल स्टडी रिपोर्ट से विभाग को सुविधा होगी।
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स उत्तराखण्ड के चेयरमेन  वीरेन्द्र कालरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह स्टडी रिपोर्ट प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों क लिये भी उपयोगी होगी। उन्होंने पीएचडी चैम्बर को दिये जा रहे सहयोग के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया
इस अवसर पर पी.एच.डी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ. डी.के अग्रवाल,  अनिल तनेजा सहित विभिन्न पदाधिकारी वं अधिकारीगण उपस्थित थे।
प्रदेश के नवनियुक्त मुख्य सचिव  ओम प्रकाश ने  मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के पश्चात प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में मा0 प्रधानमंत्री के निर्देशन में संचालित केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के अनुरूप विकास का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा को मूर्त रूप देने, रिवर्स पलायन को लेकर किये जा रहे प्रयासों को सुनिश्चित करना तथा राज्य में बसावट व रोजगार की दिशा में ठोस नीति तैयार करने, आई0टी0 के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में व्यवस्थाओं को सुढृढ करने, ई-आफिस को मूर्त रूप देने, चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ करने जैसे मुख्यमंत्री के संकल्प को मूर्त रूप देना उनकी प्राथमिकता होगी।
मुख्य सचिव  ओम प्रकाश ने कहा कि वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री  के निर्देशन में अनेक योजनाओं पर कार्य चल रहे हैं, जिनमें केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साथ ही मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र रावत द्वारा जनहित में योजना को राज्य हित में समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री  द्वारा गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा को मूर्त रूप देना प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा प्रदेश है ऐसे में सीमांत क्षेत्रों में पलायन एक बड़ी समस्या है। मुख्यमंत्री द्वारा रिवर्स पलायन को लेकर किए जा रहे प्रयासों को सुनिश्चित करना तथा राज्य में बसावट व रोजगार की दिशा में नीति तैयार करने पर उनका फोकस रहेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे यह हमारा प्रयास रहेगा। साथ ही   राज्य में कर्मचारी हित में उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कर्मचारी संगठनों के साथ बातचीत कर रास्ता निकालने का उनका हमेशा प्रयास रहेगा।  उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड़ पर हमारी प्राथमिकता रहेगी। कोरोना वैश्विक महामारी से राज्य को बचाना एवं अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में सामूहिक सहयोग के साथ कार्य किया जायेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में  मुख्यमंत्री  के मार्गदर्शन में व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने के प्रयास किये जायेंगे।  ई-ऑफिस से पूरे सिस्टम को जोड़ने का प्रयास तेजी से किया जायेगा। प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों को इण्टरनेट के माध्यम से जोड़ने का प्रयास प्राथमिकता पर रहेगा। प्रदेश में पहाड़ों पर हो रहे पलायन को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना शीर्ष प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जायेगा।  मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए संसाधन जुटाना, आय के संसाधनों में बढ़ोतरी के विकल्प तलाश कर कार्यो को पूरा कराया जायेगा। वर्तमान में मीडिया मात्र जनसंचार का माध्यम न रहकर  जनहित में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है राज्य हित में वे मीडिया से भी सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।
 उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में हिम तेंदुए का संरक्षण केन्द्र बनाया जायेगा। यह संरक्षण केन्द्र भैरो घाटी के लंका नामक स्थान पर बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाय। हिम तेंदुओं के सरंक्षण एवं इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किये जाय। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गये हैं। स्थानीय लोगों एवं सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए एवं अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विन्टर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केन्द्र बनती हैं। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखण्ड के प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य में वन एवं वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है।
बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जनपद में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गये हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है। विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखण्ड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन. फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केन्द्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण  आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक  जयराज, चीफ क्न्जरवेटर वाइल्डलाईफ श्रीमती रंजना काला,  राजीव भरतरी,  जीएस. सुहाग एवं वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वरिष्ठ राजनेता और राज्यसभा सांसद  अमर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
संस्कृत दिवस पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रक्षाबन्धन के अवसर पर देश भर में आयोजित होने वाले संस्कृत दिवस की बधाई व शुभकामनायें दी हैं।
अपने सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देववाणी संस्कृत भाषा राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने वाली सरल और सरस है। सभी प्रकार के ज्ञान और विज्ञान को पोषित करने वाली संस्कृत भाषा को हमारे पुराण व शास्त्रों में अमृत के समान बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारे राज्य की दूसरी राजभाषा होने के साथ-साथ भारत के प्राचीन ऋषियों मुनियों की भाषा भी रही है। केन्द्र सरकार द्वारा भी नई शिक्षा नीति में संस्कृत भाषा के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण उपाय सुनिश्चित किये हैं। राज्य सरकार भी संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन पर्व की दी प्रदेशवासियों को बधाई*
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने रक्षाबंधन को विशेष रूप से भाई-बहन के आपसी प्रेम व सहयोग का पर्व बताते हुए कहा कि रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके सुख, समृद्धि व दीर्घायु की कामना करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी समृद्ध, सांस्कृतिक परम्पराओं से जुडे़ इस पर्व का ऐतिहासिक महत्व है।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि रक्षा बन्धन का पर्व महिलाओं के सम्मान से जुड़ा पर्व भी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति हमारा प्रयास निरन्तर जारी है। महिलाओं को सशक्त किए बिना हम एक समृद्ध उत्तराखण्ड की कल्पना पूरी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने सभी से कोरोना के दृष्टिगत आवश्यक सावधानियाँ बरतते हुए रक्षाबंधन त्यौहार मनाने की अपील की है।

 मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरूण के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 
रक्षा बन्धन के अवसर पर प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दी जायेगी- मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र

महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि रक्षाबंधन हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ त्यौहार है। हम प्रतिवर्ष इस त्यौहार को बड़ी खुशी के साथ व बड़ी आत्मीयता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी को अपनी बहनों का इंतजार रहता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर भी विगत वर्षों तक बड़ी संख्या में हमारी बहनें रक्षासूत्र बांधने आती थी और अपना आशीर्वाद व अपनी शुभकामनाएं मुझे प्रदान करती थी, परन्तु इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण परिस्थितियां बदली है। सैकड़ों बहनों की राखियां मुझे पहुंची है, निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद राखियों के साथ मुझे प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं सभी बहनों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और इस अवसर पर उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।
मुख्यमंत्री    त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसके साथ ही जो हमारी किशोरियां हैं उनके लिए हम बहुत जल्दी सेनेटरी नैपकिन योजना ला रहे हैं। आज हमारी सैकड़ों बहने बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मन्दिर, चंडी देवी मंदिर और जो तमाम प्रसिद्ध मंदिर हैं वहां पर प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। सरकार ने उन्हें मौका दिया है कि स्थानीय हमारे जो उत्पाद हैं उनसे हम प्रसाद तैयार करके और जो श्रद्धालु आते हैं वह उसे भगवान को उसका भोग चढ़ाएं। इसी तरह से हमने अपनी राज्य की महिलाओं के लिए और जो महिला समूह है उनके लिए 05 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं ताकि हमारी बहने अपने पैरों में खड़ी हो सके और छोटी-मोटी मदद के लिए उनको किसी की आवश्यकता ना पड़े। उन्होंने कहा कि आज जब हम महिलाओं के उत्थान की बात करते हैं, महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं तो बहुत जरूरी है कि हमारी बहनें शिक्षित हो, हमारी बेटियां शिक्षित हो और वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बने इसी दिशा में सरकार यह प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने रक्षा बन्धन के अवसर पर प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दिये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि आज रक्षाबंधन के अवसर पर कोरोना कि कारण जब हम इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं, सामूहिक रूप से अपने त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं। ऐसे में भी हमारी हजारों आगनबाड़ी बहने, आशा बहने फ्रंट लाइन में रह करके और कोरोना से बचने के लिए और बचाने के लिए अपने आप को जोखिम में डालकर इस काम को कर रही है। हमें सतर्क करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरी उन सभी बहनों के लिए बहुत ही शुभकामनाएं हैं, वो सब स्वंय भी स्वस्थ रहें तभी वे औरों के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकती है। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने सभी से कोरोना के दृष्टिगत आवश्यक सावधानियाँ बरतते हुए रक्षाबंधन त्यौहार मनाने की अपील की है।

श्री केदारनाथ धाम में अन्नकूट उत्सव का आयोजन आज रात्रि को।
* रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर मनाया जाता है अन्नकूट उत्सव।

केदारनाथ: 2 अगस्त ।श्री केदारनाथ धाम में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार अन्नकूट उत्सव का परंपरागत रूप से आयोजन किया जाएगा।इसके लिए देवस्थानम बोर्ड द्वारा तैयारियां पूरी की गयी है।
प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर अन्नकूट पर्व मनाया जाता है। भगवान केदारनाथ जी को नये अनाज का भोग लगाया जाता है। नये चावलो को पकाकर भगवान केदारनाथ जी को चढाया जाता है। तथा पके चावलों से स्वयंभू शिवलिंग को ढक दिया जाता है। प्रात:काल चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव सभी खाद्य पदार्थों से जहर को समाप्त कर देते है इस पर्व को भतूज कहा जाता है। इस अवसर पर देर रात्रि 3 बजे प्रात: मंदिर खुलेगा। 3 बजे प्रात: से चार बजे तक मंदिर में विशेष दर्शन होंगे। इस बार स्थानीय पंचगाई हक हकूकधारियों की ओर से आर.सी.तिवारी,राकेश तिवारी, अशोक शुक्ला, ललित शुक्ला, धर्मेंद्र तिवारी द्वारा भगवान केदारनाथ को नया अनाज का भोग लगाया जायेगा। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी।
इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला, पारेश्वर त्रिवेदी, सूरज नेगी, वेदपाठी आशाराम नौटियाल, महावीर तिवारी, पंथेर प्रियधर जमलोकी, मृत्यंजय हीरेमठ, देवीप्रसाद मैदुली, भोला कुंवर आदि मौजूद रहें।

 ॐ येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।
पवित्र रक्षा सूत्र हमारे प्रेम, स्नेह, तथा समर्पण के साथ कर्तव्यपालन और रक्षा के दायित्व का बोध कराता रहे
इसी विश्वास के साथ भाई बहन के पवित्र अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

? ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ?
⛅ *दिनांक 03 अगस्त 2020*
⛅ *दिन – सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – वर्षा*
⛅*१९ गते श्रावण मास प्रविष्ट*
⛅ *मास – श्रावण*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – पूर्णिमा रात्रि 09:28 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
⛅ *नक्षत्र – उत्तराषाढा सुबह 07:19 तक तत्पश्चात श्रवण*
⛅ *योग – प्रीति सुबह 06:40 तक तत्पश्चात आयुष्मान्*
⛅ *राहुकाल – सुबह 0७:२२ से सुबह 0९:०२ तक*
⛅ *सूर्योदय – 0५:४१*
⛅ *सूर्यास्त – १९:०४*
⛅ *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा, श्रावणी पूर्णिमा, नारियली पूर्णिमा, रक्षाबंधन, हयग्रीव जयंती, संस्कृत दिवस*
? *विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *~ हिन्दू पंचांग ~* ?

? *राखी बांधने का शुभ मुहूर्त* ?
?? *रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 03 अगस्त 2020 सोमवार को है।*
➡ *मान्‍यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अपराह्न का समय रक्षाबंधन के लिये अधिक उपयुक्त माना जाता है जो कि हिन्दू समय गणना के अनुसार दोपहर के बाद का समय है।*
? *विशेष – भद्र काल के दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है*
?? *इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल सुबह 09:29 तक रहेगा ।*
?? *राखी बांधने का समय सुबह 09:30 से रहेगा ।*
?? *अपराह्न मुहूर्त दोपहर 02:02 से शाम 4:37 तक*
? *~ हिन्दू पंचांग ~* ?

? *लक्ष्मी पूजन तिथि* ?
?? *स्कंद पुराण में लिखा है पौष मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की और सावन महिने की पूनम (श्रावणी पूनम- 03 अगस्त 2020 सोमवार) ये दिन लक्ष्मी पूजा के खास बताये गये हैं | इन दिनों में अगर कोई आर्थिक कष्ट से जूझ रहा है | पैसों की बहुत तंगी है घर में तो 12 मंत्र लक्ष्मी माता के बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करें और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी की प्राप्त होती है, लाभ होता है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती है | उसके घर से आर्थिक समस्याएं धीरे धीरे किनारा करती हैं | बारह मंत्र इसप्रकार हैं –*
? *ॐ ऐश्‍वर्यै नम:*
? *ॐ कमलायै नम:*
? *ॐ लक्ष्मयै नम:*
? *ॐ चलायै नम:*
? *ॐ भुत्यै नम:*
? *ॐ हरिप्रियायै नम:*
? *ॐ पद्मायै नम:*
? *ॐ पद्माल्यायै नम:*
? *ॐ संपत्यै नम:*
? *ॐ ऊच्चयै नम:*
? *ॐ श्रीयै नम:*
? *ॐ पद्मधारिन्यै नम:*
?? *सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि | मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते ||*
*द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत | स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस: ||*
?? *उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है | जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करता है |*
?? *- श्री सुरेशानंदजी Chhindwara 1st Feb’ 2013*
? *~ हिन्दू पंचांग ~* ?

? *विद्यार्थी विशेष* ?
?? *विद्यार्थी पढ़ने में ज्यादा कमजोर हो तो –विद्यार्थी को सारस्वत मंत्र तो बापूजी देते ही है |*
➡ *पर समझो कोई बच्चा कमजोर है ज्यादा… पढ़ नहीं सकता तो उसको सिखा दें ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम :अपने आराध्य को स्मरण करके जप करें |*
?? *भगवान विष्णु के चौबीस अवतार थे उसमे हयग्रीव अवतार हैं | ये अग्निपुराण में अग्निदेव वशिष्ठ से कहते हैं |*
? *विशेष – 03 अगस्त 2020 सोमवार को हयग्रीव जयंती हैं ।*
?? *श्री सुरेशानंदजी – अमदावाद 3rd July’ 2012*
? *~ हिन्दू पंचांग ~* ?

? *रक्षाबंधनः संकल्पशक्ति का प्रतीक* ?
?? *रक्षाबंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक-अक्षत लगाकर संकल्प करती है कि ‘मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने। जैसे शिवजी त्रिलोचन हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, वैसे ही मेरे भाई में भी विवेक-वैराग्य बढ़े, मोक्ष का ज्ञान, मोक्षमय प्रेमस्वरूप ईश्वर का प्रकाश आये। मेरा भाई धीर-गम्भीर हो। मेरे भैया की सूझबूझ, यश, कीर्ति और ओज-तेज अक्षुण्ण रहे।’ भाई सोचे कि ‘हमारी बहन भी चरित्रप्रेमी, भगवत्प्रेमी बने।’*
?? *इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्ष भर मनुष्य रक्षित हो जाता है। (भविष्य पुराण)*
?? *रक्षाबंधन के पर्व पर बहन भाई को आयु, आरोग्य पुष्टि की बुद्धि की भावना से राखी बाँधती है। अपना उद्देश्य ऊँचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ बदलते हैं।*
?? *समुद्र का तूफानी स्वभाव श्रावणी पूनम के बाद शांत होने लगता है। इससे जो समुद्री व्यापार करते हैं, वे नारियल फोड़ते हैं।*
?? *क्या करें क्या न करें पुस्तक से*
? ~ *हिन्दू पंचांग* ~ ?
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