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Long live journalist unity 6 January let’s go Haridwar together we will take most of our rights 

Pahado Ki Goonj

पत्रकार एकता जिन्दाबाद 6 जनवरी चलो चलो  हरिद्वार मिलकर लेंगे अपने अधिकतर Long live journalist unity 6 January let’s go Haridwar together we will take most of our rights

देश के  महा विद्यालय  विश्वविद्यालयों के छात्राओं छात्रों को आगे आकर इस यज्ञ को सफल बनाने में सहयोग करने का प्रयास कीजिएगा 

 

देहरादून,  पत्रकार एकता जिन्दाबाद की जगह मुर्दाबाद होने जा रही है क्योंकि मुर्दा बादशाह से बड़ा होता है वहीं जमीन पर लेटे लेटे लोगों को श्मशान घाट लेजाने के लिए 200 आदमी तैयार कर देता है और पत्रकार ने इस दशक में अपनी भूमिका निभानी क्या चाही कि देश में कोरोंना काल में 350 से ज्यादा लोगों ने राष्ट्रीय कार्यक्रम में स्वधर्म का पालन करने के लिए अपना बलिदान दिया था।केंद्र, राज्य सरकारों ने सभी मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि 5 लाख दी गई थी।परंतु पत्रकार को जमीन पर फोटोग्राफी,न्यूज लिखने वाले अछूत समझे जाने वाले चौथा स्तम्भ के लोगों के परिवारों को कुछ नहीं दिया गया है।उनके परिवारों को बेसहारा छोड़ कर उनकी हालत खराब हो गई है। आपको अछूत कहला कर पुकारा जाता है । और हम  लिख कर थक गए  पत्रकार एकता जिन्दाबाद।

आजादी के लिए  अच्छा काम करने पर प्रेस को चौथा स्थान पर  व्यावहारिक तौर पर रखा गया था।

आज  पत्रकार को  पापी पेट के लिए चाटुकारिता  करने के चलते हमने अपने जीवन के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर दिया है। जबकि आज भी  देश में  हारे थके हुए लोगों को ही नहीं कि प्रेस के पास सुप्रीम कोर्ट के माननीय जजो को मीडिया के माध्यम से जनता, सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आना पड़ता है । हम पेट के लिए लोमड़ी धोबी के नील के बर्तन में गिरने से वही अपनी बिरादरी में राजा बनने का डोंग करते हुए वर्षा होते ही वह लोमड़ी दिखाई देता है।

इसी प्रकार प्रेस के लोगों को रुपये देकर अपनी बात छपवाने के चलते धोबी के  बर्तन से नील चढ़ना जैसे ही है । यह सुना और देखा जा रहा है कि रुपये नही मिलेगा तो वह न्यूज लिखेगा नही फिर समाज में उसे अछूता व्यवस्था का अंग बना दिया है।

यही व्यवहार में दिखाई देता है। जिसके कारण कानूनी कार्रवाई  होती है, पत्रकार एकता जिंदाबाद लिखा होता है व्यवहार में दिखाई नहीं देता है।

  इसके लिए हमने 2013 मे  केदारनाथ आपदा  15,16 जून में आने के बाद  न्यूज  पोर्टल को  बढ़ाने के लिए  जुलाई से लेकर अक्टूबर तक  उत्तराखंड पत्रकार संघठन समन्वय समिति के  संयोजक के रुप में 11 बैठकों में  पत्रकारों से बातचीत कर  उनके सुझावों को लेकर  उत्तराखंड के  मननीय  विधानसभा  सदस्यों और अध्यक्ष  जी  संस्तुति  सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया था और  वही  पूरा करने के लिए जुनून पैदा किया, 2014 में  सरकार ने  न्यूज  पोर्टल को  विज्ञापन देने का निर्णय लिया गया  था  विज्ञापन मिलने सुरु हुए  य़ह सुविधा  देहरादून  ,हरिद्वार, नैनीताल के    उधम सिंह नगर  के  मैदानों तक  सीमित था।अन्य जिलों में  ofc  लाइन के अभाव में  बैंकों में ग्राहकों को 5 घण्टे इंतजार अपने धन निकाल ने के लिए  करना  पड़ता था।न्यूज  पोर्टल की बात किसी को करने के लिए  पत्रकारों के गले से  उतर नहीं रहीं थीं।सरकार के पास बजट नहीं था  राज्यपाल के इन्टरव्यू  को  पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र में  प्रकाशित करने के बाद  निजी कंपनियों को  संचार  सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया गया था  ।उसके बाद  पहाड़ों पर ofc  लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था  जिसके फल स्वरूप आज  चारो धाम में यात्रियों की सुरक्षा के प्रति जानकारी मिल रही है  और  न्यूज  पोर्टल के  बढाने के साथ साथ  बैंकों में ग्राहकों को  सुविधा हो रही है  ।हमारे  पत्रकारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समय देकर गौरवांवित करनेवाले वाले  साथियों के हम सदैव  आभारी हैं।  जो लोग उस समय  मुह  मोड़ रहे थे   वही आज  4,4 पोर्टल  बना कर  आगे  चल पड़ें  हैं।

कोरोंना आपातकाल में पत्रकारिता करने वालों ने राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना बलिदान देने के बाद सरकार ने उनके परिवार को अनुग्रह राशि नहीं दिया, उन्हें बेसहारा छोड़ देने पर हमारे मन में पत्रकारिता करनेवाले के लिए कुछ करने का जुनून  ज्यादा पैदा होगया था।

परंतु हम भी कोरोंना के लिए 71 वर्ष की उम्र में ज़ंग लाशें के बीच लड़ रहे थे । 5 अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।देहरादून स्थित अस्पतालो में 2 लाख रुपये मे बेड नहीं मिल रहे थे तो इलाज करने की बात पर निर्भर रहना भारी पड़ रहा था।काली हल्दी के सेवन से ठीक होने के नौ महीने बाद हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई 2021के पावन पर्व पर अपने निवास स्थान लिखवार गाँव प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड ( विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री से केदारनाथ वाया केमुंडा खाल से जाने वाले मोटर मार्ग के 166 की मी0 दूरी पर सरकार स्थित है) में 5 जून तक धरना प्रदर्शन मोन व्रत लेते हुए देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रेस को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए एक सप्ताह के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया था ।

इस कार्यक्रम की ख़बर को पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था।

देश के युवा वैज्ञानिक डॉ shailendra kumar Birani ने माननीय सुप्रीम कोर्ट तक पहुचाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ख़बर का संज्ञान लिया था। इसके बाद दिसम्बर 2021 मे अमेरिका के राष्ट्रपति बाउडन ने 110 राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष महान भाव का वर्चुअल सम्मेलन बुलाया था उसमें हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा है कि हम पत्रकारों को और अधिक मजबूत करने के लिए अधिकार देंगे।

उन्होंने अभी तक 110 राष्ट्रों के समक्ष देश का पक्ष प्रस्तुत करने के बाद लागू नहीं किया है।दूसरी ओर खबर पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र का लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवम्बर 2022 को सरकार को कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है उस पर फैसला माननीय राष्ट्रपति जी ने लेना है।देश में पहले पत्रकारिता करनेवाले लोगों को जो दिखाई देता था वहीं लिखते हुए देश सेवा में अपना स्वधर्म निभाने के लिए प्रतिष्ठित रहे।अब 2 दशक से तो इस को व्यवसाय के रूप में लेने के लिए विश्विद्यालय में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए कोर्स चलने लगे हैं ।य़ह जानते हुए भी कि सरकारी सेवकों के भांति इस तरह की पढ़ाई मे भविष्य ज्यादा अच्छा नहीं है एक प्रकार से रुपये देकर प्रमाण पत्र खरीदने वाली पीढ़ी पैदा करने मे हमारा देश लगा है।दूसरे शब्दों में हम इस प्रकार की पढ़ाई करने वाले लोगों को लोकतंत्र के चौथा स्थान के रूप में सामाजिक सुरक्षा के लिए समय का अंशदान ,जान सरोकार की समस्या को उठाने का कार्य शुरू कर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का फैसला लेकर देश सेवा करने के लिए स्वधर्म का पालन करना ज्यादा  समझ सकते है।और देश के नौनिहालों के समक्ष 

अब प्रश्न यह है कि इस पुण्य समय में  पत्रकार एकता जिंदाबाद  करने के लिए जुनून पैदा किया जाय।30 मई 2023 को हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर   पत्रकारों के हित के लिए सदैव  आगे  काम करने वाले  प्रतिष्ठित संघठन उत्तराखंड जर्नलिस्ट यूनियन ने  पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्तराखण्ड  में सम्मिलित किया।

उसके बाद  7 जून से  गांधी पार्क में  धरना प्रदर्शन मोन व्रत लेते हुए इस  महान यज्ञ को आगे बढ़ाने का प्रयास किया 

आजदेश अमृत काल को मनाने में गूजर रहा है। आजादी के 77 वें अमृत वर्षा काल पूरा करने पर देश कीआय में वृद्धि होरहीहै । गुलामी के समय सुई भी बाहर से मंगाने पर निर्भर रहना पड़ता था । आज हम दुनिया को चांद पर भेजने के साथ साथ वापस लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। हमारे देश की प्रेस सबसे मज़बूत लोकतंत्र की नीव डालने के लिए बलिदान देने वाले महा पुरूषों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार से मांग करना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही से पहले 9,10 दिसम्बर

2021 मे मा o प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने प्रेस को मज़बूत करने और ज्यादा अधिकार देने के लिए 110 राष्ट्रों के समक्ष सच बोला है । उसे लागू कराने की कृपा कीजिएगा ।हमारे देश एवं विदेश के कालेजों में अछे भविष्य की कल्पना करने के लिए सबसे बड़ा धन समय खर्च करने वाली भावी पीढ़ी के लिए जुनून पैदा करते हुए 2020 मे निर्णय लिया था कि कोरोंना की ज़ंग जीत लिया है।

अब जीवन के बचे हुए समय का सदुपयोग पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार देने से ही उनका सही पोषण के साथ साथ खोया हुआ सम्मान बढ़ाने का प्रयास किया जाय है

और इस दिशा में लगातार धरना प्रदर्शन मोन व्रत, बलिदान देने वालों की आत्मशांति के लिए हरिद्वार में 12 सितम्बर 2024 को श्राद्ध , दान  किया गया।

महाकुंभ के लिए विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के पूज्य रावल HHSS श्रीमान ईश्वरी प्रसाद नंबूरी एवं अन्य महा पुरूषों सगंगाजल  कलश  कुम्भ के साथ शुभकामनाएं लेने का काम टीम भावना से कर रहे हैं।

देश में पत्रकारिता करने वालों की स्थिति य़ह है

कि वह दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं कि हमने अपने अधिकारों के लिए अपने अखबारों में कुछ भी प्रकाशित कर दिया तो रोटी से  भी जाना पड़ेगा और जेल जाना तय है। तब बचे के पालन- कुछ पोषण कैसे होगा। ज़न सरोकार  की सेवा करने के लिए   पांचवें धाम सेम नाग राजा मंदिर समिति ने हमारे कार्यक्रम को सम्मान देते हुए सफ़लता की कामनाएँ की है।

卐इस से पहले हरिद्वार में  प्रसिद्ध राज्य आंदोलन कारी  डॉ  कृपाल सिंह  रावत सरोज और  तीर्थ पुरोहित अभिषेक  विशिष्ट  ने  पूजा-अर्चना के बाद  देश की उन्नति के लिए  प्रेस  महा कुम्भ  कलश  संयोजक  जीत मणि पैन्यूली को सौंपा।卐

इस संकट से निपटने के लिए तब हम कहना चाहतें है कि इस तरह की घटनाओं को देखते हुए हमने अपने लोकतंत्र के चौथा स्तम्भ को आत्म निर्भर बनाने के लिए मीडिया लोकतंत्र की सरकार का अभिन्न अंग है। उनको गांधी वादी तरीके से प्रेस महा कुम्भ देश में पत्रकारिता करने वाले लोगों को अछूत ही सही उनकी देश में कमी नहीं है और देश के विश्वविद्यालयों में बहुत बड़ी फ़ौज अछूता होने की ही तैयारियां कर रहीं हैं।उनकी असीम उर्जा का सदुपयोग कर आगामी 06 जनवरी 2024 को 11 बजे दिन से 4 बजे तक देव भूमि उत्तराखंड के धर्म नगरी हरिद्वार के पंत द्वीप स्थान देश के नौनिहालों के उज्वल बनाने के लिए प्रेस महा कुम्भ के आयोजन के रूप में यादगार होगा । अभी नहीं तो कभी नहीं के सिद्धांत पर कायम रहते हुए भागीदारी सुनिश्चित करने की कृपा कीजिएगा। अबतक के पत्रकारों के बलिदान को देखते हुए हमने अभी तक स्वधर्म के लिए अपने जीवन के सहयोग से किये हैं।अल्प प्रयासों को साकार बनाने के लिए देश दुनिया के लिए य़ह कुम्भ भविष्य के दृष्टिकोण से उतम फल देने वाला रहेगा। हमारा मानना है कि य़ह कुम्भ हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के लिए सूर्य का प्रकाश देने का कार्य करेगा ।इस कुम्भ में आने वाले ,सहयोग करने वाले सभी लोगों को मान-सम्मान मिलने लगेगा।उनकी अलग पहचान बनेगी, पत्रकार साथियों को हम देश वासियों के समक्ष क़लम के धनी,लोकतंत्र के चौथा स्थान होने का गौरव प्राप्त करने के लिए अपनी-अपनी मांगों का प्रस्ताव पास कर उन प्रस्ताव पर माननीय सांसदों की संस्तुति कर माननीय राष्ट्रपति जी माननीय प्रधानमंत्री जी को देते हुए करवाई कराने का प्रयास करेंगे।

आप सौभाग्यशाली महापुरुषों मे है। अपनी उपस्थित देते हुए लोकतंत्र मज़बूत बना रहे,आप समय की कमी को ध्यान में रखते हुए अपनी मांगों के लिए सुझावों सरकार को भेजने हेतु सम्मलित करने के लिए ई-मेल:pahadonkigoonj@gmail.com मोबाइल Whatsap no 7983825336, 8755286843 और पत्र 11/10 एजेंडा बिजनेस सेंटर राजपुर रोड देहरादून पिन 248001 पर भेजने की कृपा कीजिएगा। भवदीय Jeetamani Painuli संयोजक प्रेस महा कुम्भ 2024

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