कोरोना से अधिक खतरनाक है जातीय और संप्रदायिक ज़हर : दुष्यंत
देहरादून 18 जून,
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार और भाजपा कार्यकर्ता कोरोना के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं तो दूसरी और कांग्रेस और विपक्षी दल समाज में ज़हर घोलकर स्थिति को पेचिदा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने आए श्री गौतम ने कहा कि भाजपा राजनीतिक दल से अधिक सेवा संगठन है और सेवा कार्यो में अधिक रुचि रखता है। जब कोरोना नहीं था तब भी संगठन प्रदेश में कार्य करता रहा। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन सबका साथ सबका विश्वास और सबके विश्वास पर कार्य कर रहा है, लेकिन विपक्षियों को यह रास नहीं आ रहा है। वह लोगों को धर्म, जाति और अन्य आधार पर लड़ाने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश भर में जीवन रक्षक वैक्सीन को कभी मोदी वैक्सीन तो कभी भाजपा की वैक्सीन कहने वाले अब वैक्सीन उपलब्ध न होने का रोना रोना रो रहे हैं और देश जानता है कि इन्होने कोरोना काल में आम जनता का कितना साथ दिया। राजस्थान में 50 लाख से अधिक डोज़ कूड़े में या ज़मीन में दबा दी गयी तो पंजाब में रेमडिसिविर नालो में बहती मिली। दिल्ली सहित अन्य राज्यों में आक्सीजन सिलेण्डर या तो किराये में दे दिए गए या स्टॉक किया गया जो सार्वजनिक भी हो गया। कांग्रेस 19 साल में भी दो बूंद पोलियो की ड्राप उपलब्ध नहीं करा पायी और उसे इसमें 20 साल लगे, लेकिन भाजपा के शासन में एक साल के भीतर ही 23 करोड़ लोगो को वैक्सिन लग चुकी है और साल के अंत तक सबको वैक्सिन मिलेगी। यह मोदी के कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में ही सम्भव है।
श्री दुष्यंत ने कहा कि कोरोना काल में भी तुष्टीकरण जारी रहा और जहां धर्म के आधार पर एक डॉक्टर के परिजनों को एक करोड़ दिए गए कोरोना से जान गवाने वाले वहीं सैकड़ो डाक्टरों के परिजनों की सुध भी नहीं ली गई। टूल किट के माध्यम से हिन्दू संस्कृति और मंदिरो को निशाने पर लिया गया। हरिद्वार कुंभ में कोरोना फैलाने का आरोप लगाकर हिन्दू धर्म और संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की गई जबकि हकीकत यह है कि हरिद्वार में केस बहुत कम थे और विपक्ष की नज़र महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली राज्यों की ओर नहीं गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के लिए कोई विशेष रणनीति नहीं बना रही, बल्कि उसे सेवा कार्यों में विश्वास है। हाल ही में पार्टी ने उपचुनाव में बेहतर जीत दर्ज की और यह साबित किया कि जनता का विश्वास पार्टी के प्रति है।