पहाड़ टिहरी गढ़वाल में घेंजा चावल मंडुवे के आटे को गोल रोटी या मोड़ कर पानी की भाप में पकाया घेंजा के अंदर कुल्टी गाअत को उबाल कर नमक और मीठा मांगते उनके लिए मीठा बनाया जाता है। त्यौहार शरद ऋतु के समाप्त होनेपर तथा चैत्र माह बसन्त ऋतु की समाप्ति पर मनाया जाता है।
इसको निम्बू के पत्ते से लगा कर पकाया जाता है घेंजा दही घी ,मखन के साथ खाते हैं।यह गर्म तासीर का है बड़ा पौष्टिक होता है । शरीर के लिए अतिउपय यह त्योहार चैत्र माह में भी नव संवत्सर से पहले भी मनाया जाता है । यह सौभाग्य इसके लिए लोग अपने आप दूरदराज से आते हैं ।गाँव में पंचायती जगह पर साम को अग्नि जला कर त्योहार का कैम्प फायर सबके घरों से एक दूसरे YB से पहले घेंजा त्यौहार मनाने का मजा ही कुछ ओर होता हैं यह त्यौहार दो दिन दो दिन मनाया जाता है ऐसा कोई त्यौहार टिहरी गढ़वाल के अलावा कही नहीं है।