आज 100 साल बाद भी नरेंद्रनगर को बसाने वाला राजा नरेंद्र शाह गायब है।
महाराजा नरेंद्र शाह ने सन 1919 में नरेंद्रनगर बसाया था। इस शहर के गौरवशाली इतिहास के 100 साल पूरे हो रहे हैं। अपने पिता महाराजा कीर्ति शाह की टिहरी से गद्दी, महाराजा नरेंद्र शाह सन 1919 में नरेंद्रनगर ले आये थे। यहाँ उन्होंने राजमहल बनाया। और उसके बाद बिजनेसमैन के लिए बाजार में दुकानें दी।इन दुकानों के ऊपर राजमहल सचिवालय के अधिकारी,कर्मचारी रहते थे।जहाँ से आज लोग कुंजापुरी मेला देखते हैं।
इन दुकानों और आवासो को बने 100 साल हो गए हैं। लेकिन यह बुलंद इमरता की तरह खड़ी हैं। जैसे इज्जतदार व्यक्ति हो। इसके निर्माण में चूने के साथ उड़द दाल लगाई गई थीं, तभी इतनी मजबूत है। राजाओ में नरेंद्र शाह का रिकार्ड खराब हुवा या किया गया। इसमें विस्तार से जानने की आवश्यकता है।। लेकिन उनके उत्तराधिकारियों ,जनप्रतिनिधियों को नीद आराम तलब नसीब है? श्रीमती माला राज लक्ष्मी शाह वह वर्तमान में सांसद हैं अपनी मुल मुल हंसी से उनकी लोकप्रियता में पहचान जानती हैं ? उन्हें मालूम नहीं है कि राजा नरेंद्र का अपने नाम से बसाया नरेंद्रनगर का 100 वां साल चल रहा है बसावट का। आज श्रीमान जी और का दादा,ससुर होता, हंगामा होता। विदेशों से बैंड आते बड़ा भारी झलसा होता, आखिर 100 हुए हैं नगर में स्टेट की राजधानी लाये। आप लोगों ने राजा नरेंद्र का तर्पण दो दिन पहले दिलाया होगा य नहीं ? मालूम नहीं
लेकिन जब जब नरेंद्रनगर के प्राचीन इतिहास की बात होगी तब तब राजा नरेंद्र याद आएंगे। 100 साल होने पर नरेंद्रनगर वासियों को बहुत बधाई, शुभकामनाएं।