देहरादून। शहर में गड्ढों में सडक है या सड़क पर गड्ढे हैं इसका किसी को कोई अंदाजा नहीं है लेकिन जैसे ही वाहन का पहिया गडढे में जाता है तो ऐसा महसूस होता है कि मुस्कुरायें। आप स्मार्ट सिटी में हैं।
दून शहर पयर्टकों के आकर्षक का केन्द्र हुआ करता था। दूर-दूर से लोग यहां पर घुमने आते थे तथा यहां का मौसम व आबोहवा लोगों का मन मोह लेता था। लेकिन समय बदला और इसका रूप भी बदलता गया और राज्य बनने के बाद जब इसको अस्थायी राजधानी का नाम दिया गया तो इसका पूरा स्वरूप ही बदल गया। यहां आये दिन जाम की स्थिति बनती चली गयी। बाहरी राज्यों से लोग यहां पर आकर बसने शुरू हो गये। जिससे यहां की जनसंख्या में भी वृद्धि हुई और सडकें वही पुरानी तो जाम तो लगना ही होगा। उसके बाद खाज में कोढ का काम स्मार्ट सिटी के नाम पर कर दिया। प्रदेश सरकार ने दून को दून से बदलकर स्मार्ट सिटी कर दिया। स्मार्ट सिटी के नाम पर होने वाले कामों के चलते यहां पर सडकों का बुरा हाल हो गया जहां देखो वहीं पर गडढे होने शुरू हो गये और लोगों को दुघर्टनाओं से दो चार होना पडता है। स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर की जो दुर्दशा हुई है यह यहां पर रहने वालों को ही पता है कि वह कैसे अपने गंतव्य पर जाते हैं और कैसे अपने घर वापस आते है। सरकार व उसके कारिदों ने स्मार्ट सिटी के नाम पर इस शहर का बुरा हाल कर दिया। शहर के मुख्य मार्ग राजपुर रोड, सहारनपुर रोड, सहस्त्रधारा रोड, रायपुर रोड यह वह मार्ग हैं जहां से वीआईपी का आना जाना रहता है लेकिन इन वीआईपी को भी यहां पर हो रखे गडढे दिखायी नहीं देते हैं। रायपुर रोड पर परेड ग्रउण्ड से जो गडढे शुरू होते हैं वह सहस्त्रधारा व्रफासिंग तक रूकने का नाम नहीं लेते है। सहस्त्रधारा व्रफासिंग तक वाहनों को गडढों से होकर गुजरना पडता है और उसमें सवार व्यक्ति का शरीर बेदम हो जाता है। अब तो हालत बद से बदत्तर होती चली जा रही है। शहर के मुख्य बाजार पल्टन बाजार की हालत भी घुमने लायक नहीं रह गयी है। पल्टन बाजार में जहां एक समय में लोग खरीदारी करने के लिए घर से निकलते थे लेकिन अब हालत यह हो गयी है कि लोग पल्टन बाजार जाने से भी बचते हैं। शहर कोतवाली से लेकर राजा रोड चौक तक सडक की हालत इतनी बद से बदत्तर हो गयी है कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। जहां एक ओर सडक पूरी तरह से टूटी हुई है वहीं सडक के किनारे गडढे खोद दिये गये है जिससे वहां पर जाम की स्थिति बन जाती है जिससे लोग अब पल्टन बाजार जाने से भी गुरेज करने लगे हैं। यह इस शहर के हालात हो गये है ऊपर से इसको स्मार्ट सिटी बोलकर इसका मजाक उडाया जा रहा है। अब तो हालात यह हो गये हैं कि जैसे ही वाहन का पहिया किसी गडढे में जाता है तो वाहन स्वामी मुस्कुरा देता है कि वह स्मार्ट सिटी में है।