हल्द्वानी : जेल की सलाखों में रहकर अपराधियों के फोन इस्तेमाल का खुलासा फिर हुआ है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य को गोपनीय शिकायत मिलने पर जिला कारागार में छापामारी के दौरान बैरक नंबर एक के शौचालय में मोबाइल फोन मिला है। हालांकि ये मोबाइल कौन प्रयोग कर रहा था, इसका पता नहीं लग पाया है। जेल प्रशासन की ओर से अज्ञात के खिलाफ तल्लीताल थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदियों के जेल में निषिद्ध वस्तुएं मिलने की समय-समय पर औचक छापामारी कर जांच की जाती है। नैनीताल जेल से गोपनीय शिकायत मिलने पर तड़के जेलर इरशाद अली को बैरकों में छापामारी के निर्देश दिए गए। जेल की बैरक खुलने के समय करीब सात बजे जेलर के नेतृत्व में गठित स्पेशल टीम ने सभी पांच बैरकों का निरीक्षण किया।
इस दौरान बैरक नंबर एक के शौचालय में छिपाकर रखा गया मोबाइल फोन मिला है। बैरक के कैदियों से फोन के बारे में पूछताछ की गई। फोन को जब्त कर जेलर इरशाद अली को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं जिला कारागार के जेलर इरशाद अली ने तल्लीताल थाने में तहरीर देकर अज्ञात के विरुद्ध कारागार अधिनियम 1894 की धारा 42 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि फोन का प्रयोग करने वाले का पता लगने पर उसके विरुद्ध छह माह के कारावास तक की सजा सुनाने का प्रावधान है।
नैनीताल जेल की कुल पांच बैरकों में से नंबर एक सबसे बड़ी है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि जिला कारागार में वर्तमान में 100 कैदी हैं। इसमें बैरक नंबर एक में 60 कैदी रहते हैं। जेल प्रशासन गोपनीय तरीके से जांच कर मोबाइल का प्रयोग करने वाले का पता लगाने की कोशिश भी कर रहा है।