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बढ़ते तापमान को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सचिव को दिए अस्पतालों में समुचित व्यवस्थायें बनाने व जरूरी दवाओं का स्टाक रखने के निर्देश जानिए समाचार

Pahado Ki Goonj

व्यक्ति प्रिय होने के बजाए वस्तु प्रिय होते जा रहे हैं हम: सूचना महानिदेशक

*हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का किया गया आयोजन*

हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सूचना महानिदेशक ने सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का अर्थ है उगता सूरज और सही मायनों में इस उगते सूरज ने नई राह दिखाने का कार्य किया। यह राह राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह से थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अभी जो भी माध्यम हैं, उनमें अब सामाजिक वाला हिस्सा नजर नहीं आता। ऐसे में हमें पुनः एक बार सामाजिक जागरूकता लाने की जरूरत है। आज कहीं न कहीं हम अपने मानवीय मूल्यों से भी दूर होते जा रहे हैं और यही वजह है कि व्यक्ति प्रिय होने के बजाए हम वस्तु प्रिय होते जा रहे हैं। पहले की तुलना में अब लोगों में धैर्य का अभाव भी तेजी से देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता और पत्रकारों के समक्ष कई चुनौतियां हैं। समाचार लिखते या कवर करते समय हमें संतुलन का बेहद ध्यान रखना चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री जय सिंह रावत, अनुपम द्विवेदी व संजीव कंडवाल ने भी पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर अपने विचार प्रमुखता से प्रस्तुत किये। इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री अजय राणा ने सूचना महानिदेशक सहित अन्य अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर प्रेस क्लब कार्यकारिणी के तमाम पदाधिकारी व सदस्य भी उपस्थित रहे। आगे पढ़ें

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर से पूर्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) उत्तराखंड द्वारा तम्बाकू रोकथाम व उसके दुष्प्रभावों पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन देहरादून स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में किया गया।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को तम्बाकू से होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरुक करते हुए स्वाति एस भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. द्वारा छात्रों से कहा गया कि हम सभी अपने आसपास के लोगों को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस खतरनाक आदत से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।
मिशन निदेशक द्वारा बताया गया कि तम्बाकू किसी भी मात्रा में लेने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों के लिए भी, विशेष रूप से प्रेग्नेंट महिलाएं, नवजात शिशुओं व बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। तंबाकू का सेवन कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है, जिसमें कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों व मस्तिष्क की बीमारियाँ शामिल हैं।
कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से आग्रह करते हुए मिशन निदेशक द्वारा कहा गया कि बच्चों को किसी नएपन की खोज में तंबाकू को न चुनकर बल्कि किसी साहसिक खेल जैसे बंजी जंपिंग, स्नो स्की, माउंटेन क्लाइंबिंग, आदि को अपनाना चाहिये। हम सभी को साझा संघर्ष करने का निर्णय लेना चाहिए ताकि हम सभी एक स्वस्थ और सकारात्मक समाज की ओर अग्रसर हो सकें। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर हम सभी को तम्बाकू के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक व फ्लैश मॉब के जरिए तम्बाकू रोकथाम पर जागरुक किया गया व साथ ही गणमान्य अतिथियों द्वारा तम्बाकू रोकथाम पर आयोजित पैनल डिसकशन में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।
डॉ आदित्य सिंह, प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एन.टी.सी.पी.) का संचालन राज्य के समस्त जनपदों में किया जा रहा है। तम्बाकू का उपयोग रोकने के लिए सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा) को राज्य में लागू किया गया। कोटपा, 2003 के उल्लंघन पर व्यक्तियों का चालान काटा जाता है एवं अर्थदण्ड की वसूली की जाती है।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य तम्बाकू के दुष्प्रभावों तथा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम के प्रति जागरूक करना है। राज्य के सभी जनपदों के जिला चिकित्सालयों में तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जनपद स्तर पर जिला स्तरीय समन्वयन समिति तथा टास्क फोर्स के गठन से प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे सार्वजनिक स्थानों तथा शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान कम होगा।
कार्यक्रम में स्कूल के प्रिंसिपल बूपेश कुमार सिंह, वाइस प्रिंसिपल सुजाता सिंह व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्रभारी अधिकारी डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ फरीदुजफर, डॉ पकंज सिंह, डॉ अर्चना ओझा, डॉ आकांक्षा निराला आदि अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निवेश प्रस्तावों के कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म को दस दिनों में निस्तारित करने की डेडलाइन दी*

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियो को जिला स्तर पर लंबित नए निवेश प्रस्तावों के कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म को दस दिनों में निस्तारित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ ही सीएस ने सभी जिलाधिकारियों को नए निवेश प्रस्तावों के द्वितीय स्तर के अनुमोदन को भी 30 दिन के भीतर निस्तारित करने का अल्टीमेटम दिया है। निवेशकों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए श्रीमती राधा रतूड़ी ने राजस्व, शिक्षा, यूपीसीएल तथा जिला प्रशासन को शिकायतों के तत्काल निस्तारण के कड़े निर्देश दिए है। निवेशकों की शिकायतों के निस्तारण में विलम्ब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने इस पर तत्परता से शीर्ष प्राथमिकता पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से नए निवेश प्रस्तावों के कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के लंबित होने के कारणों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने राज्य स्तर पर महानिदेशक एव आयुक्त उद्योग को भी निवेशकों के लंबित कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के तत्परता से निस्तारण के निर्देश दिए है।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य स्तर पर विभिन्न कारणों से 75 निवेश प्रस्ताय लंबित है. जिनके निस्तारण की कार्यवाही गतिमान है। जिला स्तर पर 38 कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म विभिन्न कारणों से लंबित है, जिनके निस्तारण की कार्यवाही गतिमान है। जिला स्तर पर अभी तक कुल 1174 कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म अनुमोदित किए जा चुके है। जिला स्तर पर द्वितीय स्तर पर अनुमोदन हेतु 787 निवेश प्रस्ताव लंबित है जिनके निस्तारण की कार्यवाही गतिमान है।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में 61वी राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री विनय शंकर पाण्डेय सहित उद्योग विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

देहरादून

*नकली दवा कंपनियों पर ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई, 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, 32 लोगों को भेजा जेल*

– *दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 तक अन्य राज्यों की दवाईयों के लिए गए 281 में से 47 सैंपल फेल*

– *ड्रग विभाग ने किए 04 लाइसेंस निरस्त, 14 निलम्बित और दवाईयों के 63 अनुमोदन निरस्त*

-चारधाम यात्रा मार्ग पर मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान जारी, जांच में फेल हुआ पनीर का सैंपल, मुकदमा दर्ज करने की तैयारी

-कल से प्रदेश में शुरू होगा गहन छापेमारी अभियान, हरिद्वार-ऋषिकेश यात्रा मार्ग पर होगी फलों की जांच

देहरादून। उत्तराखंड में नकली दवाईयों के कारोबारियों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का अभियान लगातार जारी है। चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभाग द्वारा गहन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। यात्रा मार्गों के साथ ही ड्रग विभाग की टीमें पयर्टन स्थलों में स्थित मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी के साथ ही दवा कंपनियों का भी औचक निरीक्षण कर रही हैं। आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ आर राजेश कुमार पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग करने के साथ अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं।

*अन्य राज्यों की दवाईयों के 281 सैंपल में से 47 सैंपल फेल*
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिह जग्गी ने बताया कि नकली दवा माफियों के खिलाफ विभाग का अभियान लगातार जारी है। चारधाम यात्रा व पर्यटन सीजन को देखते हुए गहन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नकली दवा कारोबारियों के खिलाफ ड्रग विभाग ने बड़ी कार्रवाईयां की है। रूड़की और उधमसिंहनगर में नकली दवा के ज्यादा मामले सामने आये हैं। पिछले 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किये गये हैं और 32 लोगों को जेल जाना पड़ा। इसके साथ ही कुल बेस्ड निरीक्षण के मामले 71, कुल निलम्बित निर्माण लाईसेंस 14, कुल निरस्त निर्माण लाइसेंस 04, कुल निरस्त औषधियों के अनुमोदन 63 के साथ ही निर्माण इकाईयों के सामान्य निरीक्षण 223 किये गए। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 तक राज्य में ब्रिकय की जा रही औषधि की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने को लेकर जगह-जगह से 281 सैंपल लिए गये जिनमें से 47 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। यह सभी अन्य राज्यों में बनी दवाइयों के थे। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

*राज्य की सीमा व अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी*
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिह जग्गी ने बताया कि दवा निर्माताओं के साथ ही दवाईयों के थोक व फुटकर विक्रेताओं पर भी कार्यवाही की जा रही है। विभाग दवाईयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी रख रहा है। दवाईयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी डिस्ट्रीब्यूटर एवं होलसेलर को केवल बिल पर ही दवाईयां विक्रय किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। सूचना, शिक्षा, व जन जागरूकता के माध्यम से जागरूकता बढ़ाये जाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में समस्त रिटेल शॉप पर कैमरे लगाने अनिवार्य किये गये हैं। राज्य में विभिन्न स्तर पर मनः प्रभावी दवाईयों के भण्डारण की सीमा निर्धारित की गयी है। राज्यों की सीमा एवं अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर भी विभाग द्वारा दवाईयों की आपूर्ति पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की कमी के कारण सप्लाई चेन पन निगरानी व नियंत्रण रखने में थोड़ा परेशानी आ रही है लेकिन विभाग द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।

*देहरादून लैब में भी हो रही दवाओं की जांच*
अपर आयुक्त खा़़द्य और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि दवाओं और कास्मेटिक उत्पादों की जांच रुद्रपुर के अलावा देहरादून में की जा रही है। यहां अत्याधुनिक मशीनों से सुविधा युक्त लैब है। इसमें वेट लैब, माइनर और मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो लैब की सुविधा मौजूद है। यहां जांच के साथ आनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा है। अपर आयुक्त के मुताबिक आम लोग भी यहां मिलावट की जांच करा सकते हैं। उन्हें इसके लिए लैब चार्ज देना होगा। यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीमें लगातार सैंपलिंग कर रही हैं। जांच के लिए एक मोबाइल लैब भी बनाई गयी है। अपर खाद्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि यात्रा मार्ग दवाइयों के 156 सैंपल लिए गये जो कि ठीक पाए गये हैं। चारधाम यात्रा मार्ग से एकत्रित किये गये सैंपल की जांच रुद्रपुर लैब में की जा रही है। यह जांच प्राथमिकता से हो रही है।

*फूड लाइसेंस पर बनाया जा रहा था मल्टीविटामिन*
अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि कई दवा कंपनी में फूड लाइसेंस पर मल्टीविटामिन बनाए जा रहे थे। छापेमारी में मल्टीविटामिन के कैप्सूल और टेबलेट मिले। सैंपल की जांच में मल्टीविटामिन में दवाओं के सॉल्ट पाए जाने पर इनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। कंपनी का सील कर दिया गया। टीम ने फैक्टरी कर्मियों से औषधि निर्माण का लाइसेंस दिखाने के लिए कहा। कर्मचारियों ने टीम को फूड लाइसेंस दिखाया।

*नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं का स्टाक तय*
अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य सरकार ने नशे के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली नारकोटिक और साइकोट्रापिक दवाओं का स्टाक पहले ही तय कर रखा है। अब मेडिकल स्टोर व सप्लायर इन दवाओं की बिक्री मनमाने ढंग से नहीं कर पाएंगे। होलसेलर व रिटेलर को तय मात्रा से अधिक दवा रखने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें बिक्री का हिसाब भी रखना होगा।

*लाइसेंस निरस्त करने के साथ होगी कार्रवाई*
अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य में अब कोई भी मेडिकल स्टोर या स्टाकिस्ट तय सीमा से अधिक दवाओं का स्टाक नहीं रख सकता। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएंगी।

*आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टाक तय*
ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टाक तय किया गया है। इसमें एल्प्राजोलाम, ट्रामाडोल, ट्रामाडोल इंजेशक्शन, कोडीन, पेंसिडिल, डाइजेपाम, डाइजेपाम इंजेक्शन, क्लोनाजेपाम, पेंटाजोनिक, निट्रेजापाम, निट्रेजापाम इंजेक्शन आदि को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इन दवाओं का नया स्टाक तभी मंगाया जा सकेगा जब पहले का उपयोग हो गया हो और उसके उपयोग की पूरी जानकारी दे दी जाए। रिटेल में दवा विक्रेता इन दवाओं की अब 10 से 15 वायल और 20 के करीब स्ट्रिप रख सकेंगे।

*फलों की भी होगी जांच*
अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि फलों को लेकर कैलिशियम कार्बोइड के प्रयोग, मिलावट और इंजेक्शन लगाने की शिकायतें मिल रही हैं। इसके मद्देनजर खा़़द्य निरीक्षकों को पूरे यात्रा मार्ग पर भी फलों में मिलावट की जांच के आदेश दिये गये हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश में छापेमारी अभियान शुरू होने जा हरा है। 31 मई से यात्रा मार्ग पर गहन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा और फलों की जांच की जाएगी। यात्रा मार्गों से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जायेंगे। जांच में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

*विकासनगर में पनीर के सैंपल फेल, होगी कार्रवाई*
खा़द्य और औषधि प्रशासन ने हाल में विकासनगर के धर्मावाला में एक पनीर विक्रेता के यहां से पनीर के सैंपल लिए थे। यहां विभाग ने 5 से 6 क्विंटल पनीर बरामद किया था। लैब से मिली रिपोर्ट के मुताबिक पनीर में मिलावट पाई गयी है। अपर खा़़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि उक्त पनीर संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि खा़द्य पदार्थों में मिलावट करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।आगे पढ़ें

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को सचिवालय में संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रताप शाह के सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर सचिव निर्वाचन श्री दिलीप जावलकर एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम समेत निर्वाचन कार्यालय के समस्त कार्मिक उपस्थित रहे। सचिव निर्वाचन श्री जावलकर ने श्री शाह को अधिवर्षता आयु पूर्ण करने पर उन्हें शुभकामना देते हुए मंगलमय एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।

कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने अपने संबोधन में कहा कि श्री प्रताप शाह ने एक व्यावहारिक, मृदुभाषी और अपने कार्य में दक्ष अधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उन्हें श्री प्रताप शाह के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिलाधिकारी देहरादून रहते हुए कार्य करने का अवसर मिला। उन्होंने अपने सेवाकाल में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। अपने कार्यों के बल पर उन्होंने एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अलग छवि बनाई।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रताप शाह ने कहा कि 31 साल के सेवाकाल में उन्हें राजस्व विभाग के अधिकारी, निर्वाचन और शासन में विभिन्न पदों पर कार्य करने और जन सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन कार्यालय में काफी समय तक उन्हें कार्य करने का अवसर मिला। अपने कार्यकाल के दौरान शासन और प्रशासन स्तर पर सहयोगियों का हमेशा स्नेह मिला।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रताप शाह की सेवानिवृत्ति के अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नमामि बंसल, अपर नगर आयुक्त श्री वीर सिंह बुदियाल, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री के. एस नेगी, सुश्री मुक्ता मिश्रा, नोडल अधिकारी निर्वाचन व्यय श्री मनमोहन मैनाली, उप निदेशक सूचना श्री रवि बिजारनियां, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री मस्तू दास और मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी निर्माण एवं कार्य स्थलों पर अनिवार्य रूप से इस सूचना के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड में अन्य राज्यों से आए श्रमिकों को भी राशन दिया जा रहा है*

सीएस ने निदेशालय स्तर पर इंटिग्रेटेड डाटा बेस हेतु स्टेट रिसोर्स सेन्टर के गठन की स्वीकृति दी*

जिलाधिकारियों को जनपदों में आवासीय कॉलोनियों में बाल श्रम पर पूर्णतः प्रतिबन्ध हेतु सर्कुलर जारी करने हेतु निर्देश

 

*बाल विवाह से मुक्त करवाई गई बालिकाओं हेतु आवासीय विद्यालयों एवं हॉस्टल में शिक्षा की व्यवस्था*

*प्रदेश में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं के नामों की सूची तैयार करने के निर्देश*

 

*सीएस ने अधिकारियों को औपचारिकताओं से हटकर प्रो-एक्टिव होकर कार्य करने की नसीहत दी*

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जनहित में सभी निर्माण एवं कार्य स्थलों पर अनिवार्य रूप से इस सूचना के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड में अन्य राज्यों से आए श्रमिकों को भी उनके राशन कार्ड के माध्यम से राशन दिया जा रहा है। इस मामले में उत्तराखण्ड राज्य का देशभर में 6वां स्थान है, यह एक बेहतरीन रिकॉर्ड है। इसके साथ ही शुक्रवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने निदेशालय स्तर पर इंटिग्रेटेड डाटा बेस हेतु स्टेट रिसोर्स सेन्टर के गठन की स्वीकृति दी। यह स्टेट रिसोर्स सेन्टर रियल टाइम डाटा उन्होंने सम्बन्धित सचिव को सभी जिलाधिकारियों को जनपदों में आवासीय कॉलोनियों में बाल श्रम पर पूर्णतः प्रतिबन्ध हेतु सर्कुलर जारी करने हेतु तत्काल निर्देश जारी करने के निर्देश भी दिए। मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को बाल विवाह से मुक्त करवाई गई बालिकाओं हेतु आवासीय विद्यालयों एवं हॉस्टल में शिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

पिथौरागढ़ एवं हरिद्वार जिलों में बाल विवाह व चंपावत में मानव तस्करी के अधिक मामलों को गम्भीरता से लेते हुए सीएस श्रीमती रतूड़ी ने विभाग को प्रत्येक जिले हेतु अलग-अलग एक्शन प्लान बनाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों के सम्बन्ध में अनिवार्यतः आन्तरिक परिवाद समिति समितियों के गठन को लेकर सभी विभागों, सरकारी संगठनों, प्राधिकरणों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों, निकायों, समस्त की स्थिति स्पष्ट करने वाली रिपोर्ट भी तलब की। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने बैठक में मौजूद एनजीओ, सामाजिक सेवा संस्थानों व विभागों से राज्य में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी से सम्बन्धित रिपोर्ट एवं कार्यबल में महिला हिस्सेदारी बढ़ाने हेतु कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।

राज्य में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा बालिका ड्रॉप आउट के प्रतिशत में आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं के नामों की स्पष्ट सूची जल्द से जल्द संकलित की जाय ताकि उन्हें पुनः शिक्षा से जोड़ने की कार्ययोजना पर कार्य किया जा सके। उन्होंने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को औपचारिकताओं से हटकर प्रो-एक्टिव होकर कार्य करने की नसीहत दी।

जनपद हरिद्वार में गर्भवती महिलाओं में एनिमिया की कमी के कारण महिलाओं व बच्चों की मृत्युदर अन्य जनपदों से अधिक होने के मामलें को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने चिकित्सा विभाग से इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की।

बैठक में सचिव श्री चन्द्रेश कुमार, श्री विनोद कुमार सुमन सहित गृह विभाग, वित्त विभाग, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, बचपन बचाओं आन्दोलन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। आगे पढ़ें
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*बढ़ते तापमान को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव को दिए अस्पतालों में समुचित व्यवस्थायें बनाने व जरूरी दवाओं का स्टाक रखने के निर्देश*

*स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा मौसम देखकर निकलें दोपहर में घर से बाहर, जरूरी न हो तो बाहर निकले से बचें*

हमेशा ठंडा रहने वाला उत्तराखंड भी अब गर्मी की चपेट में है। राज्य के मैदानी जिलों में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य के मैदानी जिलों से लेकर पर्वतीय जिलों में तापमान सामान्य से ऊपर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों को लेकर जरूरी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्थायें बनाने और जरूरी दवाओं का स्टाक रखने के निर्दश दिये हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा गर्मी के बढ़ने से सेहत पर भी इसका असर पड़ता है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में सीवियर हीट वेव कंडीशन देखने को मिली है। जिसके चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक गर्म हवाएं चल सकती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नई हैल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी अस्पतालों में अर्लट जारी कर दिया है। एडवाइजरी में दोपहर 12 से सायं 4 के मध्य धूप में बिना जरूरी काम के न निकलने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा गर्मी के कारण बीमारियां की चपेट में आने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं। इसको देखते हुए प्रदेश के सारे सरकारी अस्पततालों में पूर्व में ही अर्लट जारी कर व्यवस्थायें बनाने के निर्देश जारी कर दिये गये थे।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तापमान बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिससे शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है। उन्होंने कहा गर्मी के मौसम में बच्चों और बुर्जगों को कम से कम घर से निकलने दें, ताकि बच्चें हीट वेव से बच सकें और वो कम बीमार पड़े। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो पानी की कमी नहीं होने से भी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सकता है।

*हीटवेव (गर्मी/लू) से बचाव के लिए क्या करें*
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा घर बाहर निकलने से पहले एक बार तापमान जरूर देख लें और अगर ज्यादा ही जरूरी है, तो अपने साथ धूप से बचाने वाली चीजें लेकर चलें, जैसे चश्मा, छाता, सनस्क्रीन, मुंह पर बांधने वाला कपड़ा, पानी की बोतल और खाने के लिए छोटी-मोटी चीजें। थोड़े-थोड़े समयान्तराल पर तरल पदार्थ (शीतल जल, नीबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी आदि) पीते रहें। घर, कार्यस्थल आदि स्थानों पर सूर्य की सीधी रोशनी को रोकने के लिए पर्दा आदि का प्रबन्ध करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें। बच्चे, बीमार व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। हीट स्ट्रोक/लू के लक्षण दिखने पर नजदीकी राजकीय चिकित्सा इकाई पर सम्पर्क करें।

*हीटवेव (गर्मी/लू) में क्या न करें*
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से बिना काम के घर से बाहर न निकलने की अपील की है। अत्यधिक गर्मी (दोपहर 12 से सायं 4) के मध्य बाहर धूप में बिना जरूरी काम के बिल्ुकल न जायें। नंगे पैर/बदन धूप में जाने परहेज करें। अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन व बासी भोजन का सेवन करने से बचें। धूप में खड़ी गाड़ियों में बच्चों और पालतू जानवरों को अकेला बिल्कुल न छोडें। गहरे व चटक रंग के कपड़ों को गर्मियों में पहनने से परहेज करें। इसके साथ ही तंग एवं छोटे कपड़ों का प्रयोग विशेषकर जब बाहर धूप में जाना हो बिल्कुल न करें। बंद एवं अत्यधिक गर्मी वाले स्थान पर भोजन न पकायें। गर्मियों में शराब, चाय, कॉफ़ी, कार्बाेहाइड्रेट, साफ्ट ड्रिंक आदि का अधिक सेवन न करें। अधिक गर्मी/धूप में श्रम कार्य करने से बचना चाहिए।

*राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अर्लट जारी*
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा गर्मी के मौसम व हीट वेव के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए सभी जनपदों को सतर्क रहने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे। सभी चिकित्सालयों को पर्याप्त मात्रा में ओआरएस, आई फलूडस आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया। सभी स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सा एवं पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण किया गया है। सभी चिकित्सालयों में पीने के पानी की दुरुस्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए गए थे तथा चिकित्सालय में बिजली की निरंतर आपूर्ति रखने के लिए कहा गया है। हीट स्ट्रोक से कोई मृत्यु दर्ज होती है तो उसकी डेथ ऑडिट किया जायेगा, ताकि मृत्यु के सही कारण का पता लगाया जा सके लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु जागरूकता के लिए सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया होर्डिंग बैनर के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

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