प्रतापनगर बहुउद्देशीय शिविर में अधिकारी ज्यादा फरियादी कम आये।
प्रतापनगर /देहरादून ,मंगलवार को प्रतापनगर विकासखंड के मीटिंग हॉल में बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया जिसमें डी0एम0 डॉ वी षणमुगम मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला जिला विकास अधिकारी आनंद सिंह भाकुनी एसडीएम रजा अब्बास ब्लॉक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला के साथ-साथ जिले के आला अधिकारी मौजूद थे लेकिन फरियादी बहुत कम ।लोगों ने बहुउद्देशीय शिविर को प्रतापनगर विकासखंड में लगाने को बताया कारण इससे पहले बहुउद्देशीय शिविर या तहसील दिवस आदि महत्वपूर्ण शिविर प्रतापनगर के केंद्र बिंदु लमगांव में लगवाए जाते थे लेकिन इस बार यह शिविर विकासखंड प्रतापनगर में लगवाया गया जिससे अधिक दूरी होने के कारण वह बस सेवाएं ना होने के साथ-साथ शिविर का प्रचार प्रसार ना होने के कारण फरियादी बहुत कम पहुंच पाए जिससे आम जनमानस को इसका लाभ नहीं मिल पाया ग्रामीणों ने भविष्य में इस प्रकार के आयोजन प्रतापनगर क्षेत्र के केंद्र बिंदु लम्बगांव में लगवाने का आग्रह किया शिविर में आज मात्र 57 शिकायतें दर्ज की गई जिसमें से अधिकांश शिकायतों को डीएम टिहरी के द्वारा मौके पर ही निस्तारण किया गया बाकी की शिकायतों को 15 दिन के भीतर निस्तारण करने के आदेश दिए गए ।जिलाधिकारी डॉ वी षणमुगम एंव उप जिलाधिकारी प्रतापनगर रजा अब्बास के जनता को सुभिधा देंने के लिए सार्थक प्रयास से प्रतापनगर की छवि सुधरने का अबसर मिलने की उम्मीद लग रही है।
प्रतापनगर टिहरी बांध बनने से वहां पर सभी विभागों के खण्ड कार्यालय खोले जाने थे कुछ खुले भी पर कुछ दिन बाद सभी खिसक गये पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुरारी लाल खंडवाल का कहना है कि अब तो पानी की व्यबस्था वहां पर होगई है दिक्कत नहीं है अधिकारी कर्मचारी अपना कार्यकाल पूरा करते हैं तब जगह की शाख बनाती है। प्रतापनगर
नगर में स्थाई अधिकारीयों की तैनाथी पर न रहने के कारण यह स्थिति बनि हुई है। जिससे जनता एवं प्रतापनगर का विकास प्रभावित होना मुख्य कारण है पूर्व में वहाँ पर स्थाई तैनाथी उप जिलाधिकारी, डाक्टर, बीडीओ अन्य अधिकारियों की न होने से जनता को असुभिधा का सामना करना पड़ रहा था । वहां 80 के दशक में पानी असुभिधा थी उसका सामना करना पड़ रहा था।इसका जीता जागता उदाहरण 1986 में जब इतनी सुभिधा यातायात ,पानी,बिजली की नहीं थीं ।उस समय बिहार के मूल निवासी डाक्टर सिंह यम डी फिजिशियन बाल रोग विशेषज्ञ रहे
है । सेवा की भावना से वह पीयचसी में 9 वर्ष तक तैनात रहे। अभावो में रहकर उन्होंने प्रतापनगर पीयचसी में स्थाई तौर पर रह कर प्रतापनगर की इतनी शाख बनाई कि दूर दराज के लोग टिहरी ,उत्तरकाशी में डाक्टर सरकारी अस्पताल मिलते हैं कि नहीं मिलते पर प्रतापनगर मर डाक्टर सिंह यम डी फिजिशियन जरूर मिलेगें। वह जब 2 दिन के लिए बाहर मीटिंग में जाते थे तो सबको बताकर जाते कि दो दिन डाक्टर प्रतापनगर में नहीं मिलेगा ।उनका बीच में कार्यकाल पूरा होने से पहले स्थानातरण होने पर शासन तक रुकवाने के लिए प्रतिनिधि मंडल गया। उनका स्पस्ट कहना था कि जनता की गाड़ी कमाई से हमें वेतन मिलता है । तो हमे अपने कर्तव्य का पालन जनता के लिए करना चाहिए। वहcmo पौड़ी से बाहर स्थानरण हुए हैं। खण्ड विकास अधिकारी भी वहां पर रहे । सामाजिक कार्यकर्ता ओं जागरूकता रही है। बैड एलिमेंट के प्रतिकार करने के लिए टिहरी राजकीय रामतीर्थ स्नाकोत्तर विद्यालय की छात्राओं में मकानी नेगी भण्डारी अब प्रशासनिक अधिकारी जिला सैनिक कल्याण बोर्ड देहरादून में कार्यरत है।उन्होंने
ने 9 दिन की भूख हड़ताल कर शराब बन्दी के लिए आंदोलन किया था तत्कालीन उप जिलाधिकारी चौरसिया जी ने शराब की दुकानें प्रतापनगर में नहीं खोलने के लिए लिखित दिया था।वहां समस्या
ऐसी स्थिति हमारे अधिकारी एंव कर्मचारियों की इच्छा शक्ति के आभव के साथ साथ प्रतापनगर छेत्र में शराब के प्रचलन की राजनीति से नेता बनाए जाने से आज कृत्रिमता के अभावो से जनता जीने के लिए मजबूर वर्ष 2006 के बाद होरही हैं।