टिहरी,हमारे कुल के सत्यवादी प्रवृत्ति के आदर्श पिता स्व0 श्री परमानंद पैन्यूली पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अपने प्रधान रहते हुए स्व0श्री पूर्णानंद पैन्यूली को अपने निजी जंगल का वन सेवक नियुक्त कर गावँ के जंगल मे बृद्धि कराई वर्ष1963 में 9 फॉन्ट जंगल से बांज की आती रहती थी जो वनसेवक जी ने जंगल का विस्तार कर 111फॉन्ट दिन दिसम्बर मार्च तक बांज लाकर पशुपालन में मददगार साबित हुआ वह मेरे गावँ के प्रधान रहते बराबर आती रही है। उनको व्यबहारिक ज्ञान का बहुत अनुभव था वर्ष1974 में पौड़ी लोक निर्माण विभाग ने खंडा सुमाड़ी रोड़ पर मुख्यमंत्री श्री हेमवतीनंदन बहुगुणा जी ने आदेश दिया था तो सर्वे जल्दी कर सड़क बनानी थीं इस से पहले पिता जी द्वारा सतपुली बांघाट का पुल,संतुधार पावों के दो पुल बना चुके थे श्रीमती कुसुम लाता मित्तल आयुक्त गढवाल मण्डल,और माँ मेहरबान सिह पूर्व जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल वहां के विधायक थे संतुधार सड़क के उद्धघाटन के अबसर मुख्यातिथि विधायक मेहरबान सिंह जीने पिता श्री को सम्बोधित कर बुलाया और उद्धघाटन की कैंची उनके हाथ मे देकर पिताजी के हाथ पकड़ कर रिबन काट वाया ओर कहा कि विषमता का देखते हुए ठेकेदार श्री परमानंद जी ने सड़क जनता के लिए खोलने में बड़ा सहयोग किया है ।यह हमारे लिए गौरव की बात है। उसके बाद अधिशासी अभियंता श्री रामकृष्ण शर्मा जी ने अपनी जीप पिता जी को लेने के लिए भेजी ओर अपने कार्यलय के बाहर खड़े होकर उनसे कहा कि उस गांव के लिए रोड़ का सर्वे का काम आपको करना होगा तो पिताजी ने कहा कि अभी सबको बुलाया जाय अभी निशाना उनको बात देते हैं वह वहां जाकर नाप कर आगणन बनाने का काम करें।अन्य ठेकेदार भी वहां पर थे पर उनसे पूछा तो सन्तुष्ट नहीं दिखे ।आर्च पुल बनाना इंजीनियर की समझ में नहीं आया तो पिता जी ने पैर से उनके सामने जमीन पर आर्च बनाया तो सब ढंग रहगये।उनको बारबार वंदन श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शत शत नमन।
जीतमणि पैन्यूली
लिखवार गावँ टिहरी गढ़वाल