नैनीताल। लॉकडाउन के बाद से ही पहाड़ में सन्नाटा है। कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और आवाजाही पर पाबंदी की वजह से सिर्फ वर्तमान ही नहीं आने वाले महीनों का कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। पर्यटन कारोबारियों की चिंता इस बात को लेकर है कि अभी से मई जून की भी बुकिंग कैंसिल होने लगी हैं। पहाड़ की आबोहवा लोगों को स्वस्थ रखने में मददगार जरूर होती है, मगर इस बार लॉकडाउन ने पहाड़ के कारोबार की सेहत बिगाड़ना शुरु कर दिया है। लॉकडाउन से इस बार सबसे ज्यादा असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है तो अब कारोबारी सरकार से मदद की आस लगाए हैं। 20 मार्च से बंद और क्वैरैंटाइन सेंटर बने इन होटलों में कारोबार की हालत यह है कि आगे की बुकिंग कैंसिल होने लगी है। सिर्फ होटल कारोबार ही नहीं लॉकडाउन से टैक्सी, नाव, रेस्टोरेंट समेत अन्य कार्य भी प्रभावित हुआ है। कारोबारियों को डर लगने लगा है कि पर्यटन सीजन ही चैपट हो गया तो क्या होगा।
पर्यटन कारोबारी जीनू पांडे बताते हैं कि उनके होटल की जून तक की बुकिंग कैंसिल हो गई हैं और किसी तरह की नई इन्क्वारी भी बंद हैं। वह कहते हैं कि अगर आगे भी ऐसा ही रहा तो इस बार बैंक किस्त व अन्य खर्चे भी निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। टूर-ट्रैवल्स कारोबारी रमेश बताते हैं कि लॉकडाउन से काम खत्म हो गया है और आगे भी स्थिति ठीक नहीं दिखती। ऐसा ही बना रहा तो इस साल तो कारोबार शून्य हो जाएगा जिसका असर परिवार पर सीधे तौर पर पड़ने लगा है।
नैनीताल में अप्रैल महिने से पर्यटन सीजन शुरु हो जाता है जो जून तक चलता है। सिर्फ नैनीताल जिले में ही लॉकडाउन के चलते करिब 80 करोड़ के नुकसान का आकलन है तो राज्य के अन्य हिल स्टेशनों की भी कमोबेश यही कहानी है। कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन से जुड़े हजारों के रोजगार पर भी संकट बन गया है तो सरकार के राजस्व पर असर पड़ने लगा है।
कोरोना महामारी में मोबाइल से सोसियल मीडिया जान की बाजी लगा कर प्रदेश एवं देश की सेवा कर रहा है -जीतमणि पैन्यूली
Wed Apr 8 , 2020