देहरादून। उत्तराखंड में कार्यरत महिला निदेशक ने अपने विभागीय सचिव पर चारित्रिक व मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।महिला निदेशक ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी को चार पेज का एक पत्र भी लिखा है। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने भी अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से विभागीय सचिव के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी की एआईसीसी सदस्य और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि जिस तरह से महिला निदेशक ने अपने ही विभाग के सचिव के ऊपर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, और इस मामले में एक शिकायती पत्र राधा रतूड़ी को सौंपा है। उसे देखकर यही लगता है कि भले ही आज देश के अंदर आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन महिलाओं के लिए आज भी अपने कार्य क्षेत्र में काम करना दुश्वार होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी अभद्र टिप्पणी महिलाओं को अपने कार्य क्षेत्र में सुनने को मिल जाती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी। एक निदेशक पर टिप्पणी नहीं की गई है बल्कि समूची मातृशक्ति इससे आहत हुई है।दरअसल संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने प्रभारी सचिव दिलीप जावलकर पर चारित्रिक व मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सचिव ने उत्पीड़न की सारी सीमाएं लांघ दी हैं। महिला निदेशक ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी को भी पत्र लिखा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी महिला निदेशक का समर्थन करते हुए राधा रतूड़ी से आग्रह किया है कि निदेशक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ कारवाई की जाए।