रूद्रप्रयाग। नमामि गंगे योजना के तहत रुद्रप्रयाग में बनाए गए सभी घाट जलमग्न हो गए। ये घाट बरसाती सीजन में अलनकंदा व मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ने पर डूब जाते हैं। शुरूआत में इनकी चमक को देखकर हर कोई व्यक्ति खिंचा चला गया, लेकिन मलबा व गंदगी फैले रहने से कोई भी अब यहां जाना पसंद नहीं करता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो करोड़ों की लागत से बने ये घाट प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसी काम के नहीं रह गए हैं। साफ तौर पर नमामि गंगे योजना के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है, ऐसा लोग आरोप लगाते हैं।
गौर हो कि अलकनंदा व मंदाकिनी का संगम स्थान होने के कारण हर साल हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं, लेकिन वे भी घाटों की दुर्दशा को देखकर हैरत में रह जाते हैं। घाटों का निर्माण सही तरीके से नहीं होने के कारण ये बरसाती सीजन में पानी में डूबे रहते हैं। नगर पालिका सभासद सुरेंद्र रावत ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में बने सभी घाटों की दुर्दशा बनी हुई है। घाटों का निर्माण सुनियोजित तरीके से नहीं हुआ है। इस कार्य के निर्माण में अधिकारियों ने बंदरबांट की, जिससे आज इन घाटों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नमामि गंगे योजना के तहत इन घाटों के निर्माण में 12 करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्च की गई। घाटों में टाइल्स, रेलिंग, चेंजिंग रूम, व्यू प्वाइंट, सोलर लाइटें लगाई गईं, लेकिन निर्माण के कुछ माह बाद बरसाती सीजन में सबकुछ तबाह हो गया। जहां सोलर लाइटों से बैटरियां चोरी हो गई हैं। वहीं, टाइल्स व रेलिंग उखड़ गईं। मामले में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए कहा जाएगा। साथ ही घाटों से मलबा और गंदगी को हटाया जाएगा।