नैनीताल। उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटालों में से एक छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपी माने जा रहे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। गुरूवार को हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें एक महीने पहले भी हाईकोर्ट ने गीताराम नौटियाल की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और आज फिर उन्हें झटका लगा है।
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने गीताराम नौटियाल को आरोपी बनाया है, जिससे बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि छात्रवृत्ति घोटाला 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का है और इतने गंभीर मामले में आरोपी की गिरफ्तारी पर स्टे नहीं दिया जा सकता।
बता दें कि 700 करोड़ रुपये से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी अब तक घोटाले में कई गिरफ्तारियां कर चुकी है। अब तक इस मामले में समाज कल्याण विभाग के चार अधिकारियों और 13 कॉलेज मालिकों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
गीताराम नौटियाल पर आरोप है कि उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी रहते वक्त छात्रों के खातों में पैसा देने के बजाए कॉलेजों के खातों में पैसे को जारी किया। एसआईटी के इस छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी बनाने के बाद नौटियाल गिरफ्तारी से बचने के लिए एसटीएससी आयोग की शरण में चले गए थे और उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था। आयोग ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
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Thu Oct 17 , 2019