मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को डोईवाला शूगर मिल के वर्ष 2017-18 के पेराई सत्र का विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शुभारम्भ किया। उन्होंने किसानों, गन्ना समिति सदस्यों व चीनी मिल के पदाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे गन्ने की उन्नत किस्म एवं अधिकतम चीनी परता वाली प्रजाति को उगाने तथा बीज बदलाव कार्यक्रमों के प्रति विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गत पेराई सत्र के गन्ना मूल्य का लगभग पूर्ण भुगतान किसानों को कर दिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चीनी मिल द्वारा पेराई क्षमता का पूर्ण उपयोग किया जायेगा। उन्होंने सभी को पेराई सत्र की शुभारम्भ की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि गन्ना
किसानों का जो कुछ बकाया अवशेष होगा उसका भुगतान दिसम्बर तक कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली सरकार है जिसके द्वारा नये पेराई सत्र से पूर्व ही किसानों को उनके पुराने देयो का भुगतान कर दिया गया है।
इस अवसर पर डोईवाला शूगर मिल के अधिशासी निदेशक, मनमोहन सिंह ने बताया कि डोईवाला शुगर कम्पनी द्वारा गत पेराई सत्र के आपूर्तित कुल 26.32 लाख कुन्टल गन्ने का 92 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया गया है। वर्तमान पेराई सत्र हेतु चीनी मिल के समस्त सुरक्षित क्षेत्र से लगभग 28 लाख कुन्टल गन्ना उपलब्ध होने का अनुमान है। चीनी मिल का सम्पूर्ण सुरक्षित क्षेत्र में आगेेति प्रजाति का गन्ना क्षेत्रफल विगत तीन वर्षाें में लगभग 43 प्रतिशत से अधिक हो गया है जिसे आगामी वर्षाें में 60 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। इस वर्ष शरदकालीन गन्ना बुवाई में गन्ना शोध केन्द्रों प्रजनक गन्ना बीज लाकर लगभग 12 हेक्टेयर पौधशालाएं कृषकों के खेतों पर स्थापित करायी गयी जो विगत वर्ष 3 हेक्टे0 की तुलना में चार गुना है। प्रति हेक्टेयेर गन्ना उत्पादन में वृद्धि करने के उद्येश्य से कृषकों को खेतों की गहरी जुताई हेतु एम0वी0प्लाऊ एवं टैंªच विधि से गन्ना बुवाई हेतु टैंªच-ओपनर निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। गन्ने में लगने वाले कीटों की रोक-थाम हेतु कीटनाशकों का स्प्रे कराये जाने के लिए दो पावर स्प्रेयर निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। चीनी मिल में मृदा परीक्षण लैब स्थापित की गयी है। संतुलित उर्वरक प्रयोग करने से गन्ने में चीनी का प्रतिशत की मात्रा को बढ़ाया जाता है।
इस अवसर पर सचिव गन्ना डी0 सैंथियल पांडियन, अपर सचिव गन्ना श्री प्रदीप रावत सहित बड़ी संख्या में गन्ना काश्तकार उपस्थित थे।