कंपनी ने कपाट खुलने से पहले मार्ग तैयार कर दिया था, जबकि अभी भी केदारनाथ में चार से छह फीट तक बर्फ जमी हुई बताई जा रही है। इन्हीं ग्लेशियरों को काटकर बनाये रास्तों से होकर भगवान केदारनाथ की पंच मुखी डोली पैदल मार्ग से गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंची।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि कपाट खुलने के उपलक्ष्य में ऋषिकेश के सतीश कालड़ा द्वारा केदारनाथ मंदिर को 10 कुंतल गैंदा, गुलाब एवं अन्य फूलों से सजाया गया था। रात्रि को मंदिर बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था।
पर्यटन-धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने यात्रा संबंधी व्यवस्थाओं हेतु व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। ताकि कोरोना महामारी की समाप्ति के पश्चात उच्च स्तरीय दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश में चारधाम यात्रा को पटरी पर लाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि वुड स्टोन कंपनी ने केदारनाथ में बर्फ के ग्लेशियरों को काट कर मंदिर तक पहुंचने हेतु विषम परिस्थितियों में कार्य कर रास्ता बनाया।
आयुक्त गढ़वाल/ उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ ने बताया कि मार्च महीने से ही प्रशासन ने वुड स्टोन कंपनी को केदारनाथ पहुंचने हेतु मार्ग बनाने को कहा गया था।
मंत्रिमंडल ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए लिए कई अहम फैसले
Wed Apr 29 , 2020