(जन्म2 अक्टूबर 1904 महाप्रयाण 11 जनवरी 1966)
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन हमें अच्छे चरित्र वना बनने प्रेरणा देता है। आज उनके 114वीं जयंती पर प्रत्येक देश देश वासी को उनके विचारों को अपना कर देश को महान बनाने के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता है। शास्त्री जव देश के रेल मंत्री बने तब उन्होंने मां को नहीं बताया था कि वो रेल मंत्री हैं।
कहा था कि “मैं रेलवे में नौकरी करता हूं”।
वह एक बार किसी कार्यक्रम में आए थे जब उनकी मां भी वहां पूछते पूछते पहुंची कि मेरा बेटा भी आया है, वह भी रेलवे में है।
लोगों ने पूछा क्या नाम है जब उन्होंने नाम बताया तो सब चौंक गए ” बोले यह झूठ बोल रही है”।
पर वह बोली, “नहीं वह आए हैं”।
लोगों ने उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले जाकर पूछा,” क्या वही है?”
तो मां बोली “हां वह मेरा बेटा है”
लोग मंत्री जी से दिखा कर बोले “क्या वह आपकी मां है”
तब शास्त्री जी ने अपनी मां को बुला कर अपने पास बिठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।
तो पत्रकारों ने पूछा “आपने उनके सामने भाषण क्यों नहीं दिया”
तो वह बोले-
मेरी मां को नहीं पता कि मैं मंत्री हूं। अगर उन्हें पता चल जाए तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाऊंगा।….. और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।
जवाब सुनकर सब सन्न रह गए।
“कहां गए वो निस्वार्थि ,सच्चे ,ईमानदार लोग”
हम सदैव स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना आदर्श मानकर कार्य करते रहेंगे”।
आज लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिन है उनके जन्मदिन पर प्रत्येक देश देश वासी को उनके विचारों को अपना कर देश को महान बनाने के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता है।यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।