प्रयागराज के मेजा के रहने वाले राजकुमार का बेटा शहीद महेश यादव सीआरपीएफ में तैनात थे और जम्मू में हुए आतंकी हमले में 40 शहीद होने वाले जवानों में शामिल थे।
देहरादून,देश प्रदेश के नेताओं की सरकार के प्रचार प्रसार के कारण सड़कों पर होल्डिंग लगाने के लिए नये नए डिजाइन करने में दिमाग खपाते है ।परन्तु अपने देश में चैन की नींद हम सीमा पर जवानों की 365 दिन रात चौकसी करने पर सो पाते हैं ।उस सकून की नींद को देने सीमा पर देश की रक्षा करने वाले जवान को शहीद होने पर हमारे नेता और सरकार ,जनता के वित्त से पगार पाने वाले अधिकारियों की लम्बी फ़ौज अपने किये वायदे भूल जाने से देश के लोकतंत्र को कमजोर करने का इशारा जहां दिखाई देता है वहीं सीमा पर 24सों घण्टे देश की रक्षा में खड़े जवानों का मनोबल कमजोर होने की ओर सरकार इसारे करती है बड़े दुख होता है जब नेताओं की कोरी घोषणाएं समाज को कष्ट देती है।इस बात की कमी से पुलवामा हमले के एक साल बीत गए। शहीद महेश कुमार यादव के घर परिवार को अब तक सुविधाएं नहीं मिलीं। शहीद की पत्नी संजू देवी का कहना है कि शासन-प्रशासन की ओर से इस परिवार को कोई सुधि नहीं ली गई। शहीद की पत्नी ने बताया कि राजनेताओं, शासन तथा प्रशासन द्वारा किए गए वादे अब तक पूरे नहीं हुए। नेताओं, शासन तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा डेढ़ एकड़ जमीन देने का वादा किया गया था, लेकिन करीब 11 माह गुजरने के बाद भी जमीन का कोई कागज हमें नहीं मिला।
घर तक पहुंचने के लिए सड़क तो मिली लेकिन सड़क पर बड़ी बड़ी गिट्टियां बिछाकर मार्ग अधूरा छोड़ दिया गया। जनप्रतिनिधियों ने शौचालय, सोलर लाइट और शहीद गेट तथा बच्चों की पढ़ाई कराने का वादा किया था। लेकिन अब तक किसी भी वादे के पूरे होने की उम्मीद नहीं दिख रही है।
अपने खर्चे से बच्चों को पढ़ाई कराती है
स्वयं के खर्च पर दोनों बेटे को पढ़ा रहीं: शहीद के दोनों बच्चे स्कूल जाते हैं। शहीद की पत्नी संजू देवी ने बताया कि दोनों बेटों समर और साहिल को वह अपने खर्चे पर पास के ही एक विद्यालय में पढ़ाती है।