नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आज को महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दोनों ही राज्यों में एक साथ 21 अक्टूबर को मतदान किया जाएगा और नतीजों की घोषणा भी एक साथ 24 अक्टूबर को की जाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील ओरोड़ा ने बताया कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। इसके लिए 1.3 लाख म्टड का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है इसके लिए 1.8 लाख म्टड का उपयोग किया जाएगा। दोनों राज्यों में उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरि तारीख 4 अक्टूबर है और 7 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं।
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर तक है और महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में इससे पहले इन राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होंगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में महाराष्ट्र में 8.9 करोड़ मतदाता हैं, जबकि हरियाणा में 1.28 करोड़ मतदाता हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि प्रत्याशी के लिए चुनाव में खर्च की अधिकतम लिमिट 28 लाख रुपये तय की गई है। दोनों ही राज्यों में ये नियम लागू रहेगा। उन्होंने बताया कि तारीखों का ऐलान करने से पहले चुनाव आयोग ने सुरक्षा का जायजा लिया और तैयारियों को परख कर ही अब चुनाव कराया जा रहा है।
चुनाव आयोग की ओर से राजनीतिक दलों से अनुरोध किया गया है कि वह प्रचार के वक्त अपने प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और पर्यावरण को ध्यान में रखें और तभी अपने प्रचार को आगे बढ़ाएं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं, मशीनों को डबल लॉक में रखा जाएगा। कोई भी उम्मीदवार या उनके साथी एक निश्चित सुरक्षित दूरी से स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर निगाह रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान चुनाव आयोग सभी पार्टियों और उम्मीदवारों के सोशल मीडिया पर नजर रखेगा। चुनाव आयोग की ओर से इस दौरान अलग-अलग राज्यों की 64 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा महाराष्ट्र गए थे। इस दौरान उनके साथ दो चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्र भी थे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग जैसे ही तारीखों का ऐलान होगा वैसे ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसका मतलब है कि कोई भी पार्टी नई घोषणा नहीं कर सकती है। ना ही नई योजनाओं को लागू कर सकती है या मतदाताओं को किसी भी तरह से अपने अधिकार का उपयोग करके लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।