राज्यपाल से शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक डॉ जितेंद्र सिंह शंटी ने मुलाकात की

Pahado Ki Goonj

देहरादून, पहाडोंकीगूँज,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक डॉ जितेंद्र सिंह शंटी ने मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि डॉ जितेंद्र सिंह शंटी अपने गैर सरकारी संगठन शहीद भगत सिंह सेवा दल के माध्यम से अब तक हजारों लावारिस शवों के अंतिम संस्कार विधि विधान से निःशुल्क करवा चुके हैं। विशेषकर कोविड-19 काल में डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा 4500 से अधिक जरूरतमंद मृतक शवो का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका है। उनकी इस मानवीय सेवा हेतु वर्ष 2021 में डॉ जितेंद्र सिंह को पदमश्री से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष डॉ जितेंद्र सिंह शंटी ने उत्तराखंड में आपातकाल या आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लावारिस एवं जरूरतमंद मृतकों के शवों के पूर्ण विधि-विधान से निशुल्क अंतिम संस्कार का प्रस्ताव रखा। साथ ही शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा लावारिस शवों हेतु निशुल्क परिवहन व्यवस्था तथा मृतक शरीरों को लघु अवधि के लिए सुरक्षित रखने हेतु मोबाइल रेफ्रिजरेटर शवगृहो की सेवा की पेशकश की गई।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) तथा डॉ जितेंद्र सिंह शंटी के मध्य उत्तराखंड में शहीद भगत सिंह सेवादल की एक केंद्रीकृत शाखा स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। इस शाखा के माध्यम से आपदाओं तथा अन्य आपात दुर्घटनाओं के दौरान मृतको के शवों के परिवहन हेतु निशुल्क वैन सेवा, शवों के संरक्षण हेतु मोबाइल रेफ्रिजरेटर शवगृह, मरीजों हेतु एंबुलेंस व्यवस्था की जाएगी। आरंभ में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देहरादून में आरंभ   किए जाने की योजना है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि लावारिस एवं जरूरतमंद मृतकों को भी गरिमा एवं सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का अधिकार है। सरकारों के साथ ही समाज सेवकों एवं सामाजिक संस्थाओं को इस  मानवीय पहलू पर विचार करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि कोविड काल में पुलिस एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाएँ जरूरतमंद मृतकों के शवों के अंतिम संस्कारों के लिए आगे आए। हमें मानवता के अनेक उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिले। हमें इससे प्रेरणा लेने की जरूरत है।
इस अवसर पर शहीद भगत सिंह सेवा दल के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

 

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