डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां कैंसिल, राशन-पानी की सप्लाई को लेकर भी निर्देश
देहरादून। भारत द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध की जा रही सख़्त कार्रवाई के दृष्टिगत सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक कर सम्बंधित अधिकारियों को प्रत्येक परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही वहां तैनात प्रशासनिक इकाइयों को चौकस रखने के निर्देश दिए।
प्रदेश के सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयाँ, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को राज्य में आवश्यक खाद्य सामग्री, राशन और पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है। वहीं राहत और बचाव दलों को भी तैयार रखा गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
बैठक के दौरान अफवाहों से बचने और जनता को सही समय पर जानकारी देने के लिए सूचना विभाग को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। हमारी सरकार के लिए देवतुल्य जनता की सुरक्षा सर्वाेपरि है और हम किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
पेयजल शिकायतों का त्वरित गति के साथ निस्तारण जारी रखें: डीएम
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बसंल ने कहा कि पेयजल शिकायतों का त्वरित गति के साथ निस्तांरण जारी रखें।
आज यहां जिलाधिकारी सविन बंसल ने पेयजल समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर जिले स्तर पर समिति गठन के साथ सक्रियता से कंट्रोल रूम संचालित है, जो नियमित रूप से पेयजल शिकायतों की निरीक्षा और उनका त्वरित समाधान कर रही है। जिलाधिकारी के निर्देशों पर पानी की समस्या, लीकेज, गंदा पानी आने की शिकायतों पर प्रभावी समन्वय एवं समाधान के लिए जल संस्थान और पेयजल निगम के एक-एक सक्षम अधिकारी की भी कट्रोल रूम में तैनाती की गई है, ताकि किसी भी क्षेत्र से पेयजल से जुड़ी शिकायत मिलने पर जल्द से जल्द उसका समाधान किया जा सके। पेयजल समस्या को लेकर कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर, समाचार पत्र एवं अन्य माध्यमों से अब तक 36 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 34 शिकायतों का जिला प्रशासन की टीम द्वारा निस्तारण किया जा चुका है। जिले में प्रथम बार जिला प्रशासन के फरमान पर पेयजल सप्लाई संबंधी 07 विभागों के अधिकारी 20 मई से जिला कंट्रोल रूम में तैनात है, जो पेयजल आपूर्ति संबंधी हर समस्या का डे-टू-डे त्वरित समाधान करने में जुटे है। फोन, व्हाट्सएप, मीडिया रिपोर्ट पर आपदा प्रभारी एडीएम और एसडीएम कुमकुम जोशी संबंधित विभागों के जेई एंड एई से डेली मॉर्निंग इवनिंग ब्रीफिंग कर रहे है। जिला प्रशासन के निर्देश पर पाइप से नहीं तो टैंकर से, टैंकर से नहीं तो खच्चर से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पेयजल शिकायतों का त्वरित गति के साथ निस्तारण जारी रखें और ग्रीष्म काल में हर घर तक न्यून अवधि में निर्बाध, शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की नियमित निगरानी भी की जा रही है। सभी ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विघुत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिविजनों में समस्याओं के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर भी प्रचारित किए गए है। इसके अलावा कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 0135-2726066 व 1077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की टीम पेयजल आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों के त्वरित समाधान और जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रही है और जो भी शिकायतें मिल रही है उनका यथाशीघ्र समाधान कराया जा रहा है।
घोड़ेःखच्चर की बीमारी ने बढ़ाई यात्रियों की परेशानी
धामों में खाघान्न सप्लाई भी प्रभावित
देहरादून। चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के तमाम दावों के बीच यात्रियों को प्रारंभिक दौर में ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। धामों में उमड़ती भीड़ को टोकन सिस्टम से दर्शन कराने की जो व्यवस्था की गई थी वह यात्रियों की परेशानी का कारण बन रही है। वहीं घोड़े खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद भी उनमें एक्वाइन इनफ्यूऐंजा (कोरोना) कोरोना जैसी बीमारी के कारण भी यात्रियों को परेशानी हो रही है क्योंकि बीमार घोड़े खच्चरों को क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है।
जो यात्री यमुनोत्री तथा गंगोत्री और केदार धाम की कठिन पैदल चढ़ाई नहीं चढ़ कर सकते हैं उन्हें धामों तक पहुंचाने और धामों में रसद की आपूर्ति का काम भी इन घोड़े खच्चरों पर ही निर्भर होता है। सरकार द्वारा इसके लिए 43 सौ घोड़ा खच्चर संचालकोे तथा 8 हजार घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया था इन घोड़े खच्चरों का बाकायदा स्वास्थ्य परीक्षण कर फिटनेस सर्टिफिकेट भी दिया गया था लेकिन यात्रा शुरू होने के दो-तीन दिन बाद ही एक दर्जन से अधिक घोड़े खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्यूऐंजा नामक संक्रामक बीमारी के मिलने के बाद इन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया लेकिन यह बीमारी अभी भी पीछा नहीं छोड़ रही है। सरकार भले ही इन्हे 15 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर मुक्त इलाज दिया जा रहा है लेकिन लगातार बीमार होते घोड़े खच्चरों के कारण यात्रियों की समस्याए बढ़ती जा रही है।
बात अगर केदार धाम की करें तो सोनप्रयाग से 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पैदल चलना हर किसी के बूते की बात नहीं है। केदार धाम के लिए 5000 तथा यमुनोत्री धाम के लिए 3000 घोड़े खच्चरों को पंजीकृत किया गया था किंतु अब इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। जिससे यात्री परेशान है उधर केदारधाम में टोकन से दर्शन कराने की व्यवस्था भी बिगड़ चुकी है। टोकन लेने के बाद भी लोगों को घंटो लाइनों में खड़े रहना पड़ रहा है फिर भी दर्शन नहीं हो पा रहे हैं तथा उन्हें फिर अगले दिन लाइन में लगना पड़ रहा है। धामों में घोड़े खच्चरों के बीमार होने से खाघ सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। जो हजारों यात्री धामों तक पहुंचने के लिए हर रोज घोड़े खच्चरों पर निर्भर रहते है वह इस व्यवस्था से परेशान है। बीमार घोड़े खच्चरों के ठीक होने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता है।