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डीएम के आश्वासन पर माने एडीएम, इस्तीफा लिया वापस; सीएम ने दिए जांंच के आदेश

Pahado Ki Goonj

चंपावत : उत्तराखंड सतत विकास उत्सव कार्यक्रम में एनजीओ संस्थापक के दुर्व्यवहार से नाराज एडीएम के शनिवार को इस्तीफा देने के बाद रविवार को डीएम डॉ. अहमद इकबाल और एसपी धीरेंद्र गुंज्याल उन्हें मनाने पहुंचे। काफी देर चली वार्ता के बाद डीएम के आश्वासन पर वह मान गए। डीएम ने बताया कि उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया है। वह फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए मेडिकल अवकाश पर चले गए हैं। वहां से आने के बाद विधिवत रूप से अपने कार्यों का निर्वहन करेंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

जिला प्रशासन व द डायस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में उत्तराखंड सतत विकास पर्व का आयोजन 23 व 24 फरवरी को किया गया। आरोप है कि डीएम के छुट्टी जाने के बाद एनजीओ संस्थापक केशव गुप्ता अधिकारियों पर आदेशों की बौछार करने लगे। अगर कोई अधिकारी मना करता तो वह सीधे डीएम को फोन कर बात करने या पूछने की धमकी देते। जब यह स्थिति हद से ज्यादा बढ़ गई तो एडीएम हेमंत कुमार बीच कार्यक्रम से उठ कर चले गए और अपनी गाड़ी नजरात में जमा कराकर ढाई पन्ने का इस्तीफा लिख दिया। रविवार दोपहर डीएम डॉ. अहमद इकबाल व एसपी धीरेंद्र गुंज्याल एडीएम के आवास पर गए और उनका हालचाल जाना। करीब एक घंटे तक चली वार्ता के दौरान एडीएम ने अपनी पूरी समस्या बताई। एडीएम ने कहा कि आप जैसा कहेंगे वैसा करेंगे। इस पर डीएम ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें मेडिकल लीव पर भेज दिया है।

एनजीओ पर हो सकती है कार्रवाई 

एनजीओ संस्थापक व सदस्यों के दुर्व्यवहार से नाराज एडीएम के इस्तीफा देने के बाद शासन में भूचाल आ गया है। जनपद के साथ ही पूरे प्रदेश में इसी बात की चर्चा है एक सुलझा हुआ अधिकारी कैसे कर सकता है। सूत्रों के अनुसार शासन ने मामले को गंभीरता से लिया है। मामले में जल्द ही जिले में फेरबदल होने के साथ एनजीओ पर गाज गिर सकती है।

केशव क्या डीएम है मेरा जो मुझे आदेश देगा 

केशव क्या डीएम है मेरा जो मुझे आदेश देगा। उसके व्यवहार से मैं काफी दुखी हूं। कार्य के दौरान मैं कई दिनों से सही से नींद पूरी नहीं कर पाया। इससे मेरी तबीयत खराब हो गई। बावजूद इसके काम को तल्लीनता से किया। यह बातें कहते हुए एडीएम हेमंत वर्मा काफी भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आईं।

रविवार सुबह पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। जैसा डीएम साहब का आदेश मिला वैसा-वैसा किया, लेकिन एनजीओ संस्थापक तो मेरे डीएम से ऊपर होकर मुझे आदेशित कर रहा है। जो मेरे सम्मान के खिलाफ है। मैं क्या कोई भी अधिकारी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा, लेकिन फिर भी यह सब सहता रहा।जब पानी सर के ऊपर से गुजर गया तो मुझे यह कदम उठाना पड़ा। अपनी इतनी सालों की सर्विस में मैंने अपने आपको इतना आहत व अपमानित कभी महसूस नहीं किया। जितना मुझे इस कार्यक्रम में महसूस करना पड़ा। मैं अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर पाया।

देर रात तक अधिकारी मनाने में जुटे 

उत्तराखंड सतत विकास उत्सव कार्यक्रम में द डायस फाउंडेशन के संस्थापक व उनके सदस्यों के व्यवहार से खफा एडीएम हेमंत वर्मा शनिवार सुबह ढ़ाई पन्ने का इस्तीफा प्रशासनिक अधिकारी को देकर चले गए। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर दिया।  इसके बाद कई अधिकारी एडीएम से बात करने का प्रयास करते रहे, लेकिन उन्होंने किसी से बात नहीं की।

मुख्यमंत्री ने इस्तीफा प्रकरण पर जांच के दिए निर्देश

एनजीओ के दबाव में एडीएम चंपावत हेमंत वर्मा के इस्तीफे के प्रकरण के बाद सरकार व शासन हरकत में आ गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की बात कही है। वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस मामले में जिलाधिकारी से प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद जांच की दिशा तय की जाएगी।

एडीएम चंपावत के इस्तीफे की खबर से सरकार व शासन भी अचरज में है। शायद यह पहली बार हुआ है जब किसी प्रशासनिक अधिकारी ने अचानक इस तरह का कदम उठाया। भले ही इस्तीफा देने के एक दिन बाद एडीएम ने इसे वापस ले लिया, लेकिन इससे पूरी प्रशासनिक कार्यशैली सवालों के कटघरे में आ गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है।

उन्होंने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी। एडीएम से इस्तीफा देने का कारण भी पूछा जाएगा यह भी देखा जाएगा कि किन परिस्थितियों में यह कदम उठाया गया है। वहीं मामला सामने आने के बाद शासन भी हरकत में आया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सुबह ही इस संबंध में जिलाधिकारी चंपावत से फोन पर बात की और पूरे मामले की जानकारी ली। मुख्य सचिव ने कहा है कि इस प्रकरण में जिलाधिकारी चंपावत को रिपोर्ट देने को कहा गया है। यह देखा जाएगा कि असल में हुआ क्या है और किन परिस्थितियों में ऐसा कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद जांच के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीसीएस एसोसिएशन भी ले रही जानकारी 

एडीएम चंपावत के इस कदम पर पीसीएस एसोसिएशन भी नजर रखे हुए है। उनके इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी व सदस्यों ने एडीएम हेमंत वर्मा से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनको फोन बंद आया। एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि अभी इस संबंध में एडीएम चंपावत से बात करने का प्रयास किया जा रहा है। उनसे यह पता करने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर किन कारणों से यह कदम उठाया गया। जब पूरी बात सामने आ जाएगी तो फिर जरूरत पडऩे पर उचित माध्यम से यह बात सरकार व शासन के समक्ष रखी जाएगी।

मामले ने लिया राजनीतिक रंग 

एडीएम चंपावत के इस्तीफे का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। कांग्रेस ने इस प्रकरण को लपकते हुए सरकार व भाजपा पर हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार जहां अधिकारियों को निडर होकर काम करने को कह रही है, वहीं प्रदेश में अधिकारी नेताओं के दबाव के चलते इस्तीफा दे रहे हैं। एक एनजीओ को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारी पर दबाव डाला जा रहा था। यह उत्तराखंड के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्भिक अधिकारी को वे सलाम करते हैं और  भाजपा के भ्रष्ट शासन पर लगाम लगाने के लिए  देश और प्रदेश में ऐसे ही अधिकारियों की जरूरत है।

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