देवों के देव शिव जी के मंदिरों में सावन माह में जलाभिषेक के लिये शिव भक्त पद यात्रा में निकल पड़े हैं
देवों के देव शंकर भगवान जी की शरण मे शिवलिंग पर जलाविषेक करने बड़े,बड़े साधु संतों दूर हिमालय गौमुख से जल भरकर लाते हैं हरिद्वार में देश के कोने कोने से आये शिव भगतों ने पूजा कर जल भरा ओर अपने अपने घर की ओर प्रस्थान वहीं गंगोत्री की ओर कांवड़ लेकर कांवड़ियों गंगोत्री पूजा अर्चना के बाद अपने अपने
गांव के लिए बम्ब बोल बम्ब के जयकार की धुन बोल कर मन्दिर निकल पड़ते हैं ।इस पर्व के सभी प्रकार के लोग शंकर भगवान की पूजा अर्चना करते और आने वाले समय केलिये सभि प्रकार के प्राणी अपने सुख समृद्धि की कामना भगवान से करते हैं।भगवान भोले दयालु है सब की मनोकामना पूर्ण करते हैं जलविषेक के समय वेलपत्र अवस्य शिवलिंग पर चढ़ाये।