देहरादून स्थित खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की लैब को मिला एनएबीएल सर्टिफिकेट, पूरी दुनिया में मान्य होगी जांच रिपोर्ट*

Pahado Ki Goonj

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने केन्द्रीय गृह मंत्री के 28 नवम्बर को लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी, मसूरी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक की। मुख्य सचिव ने आयुक्त गढ़वाल मण्डल, पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल रेंज, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून सहित सभी संबंधित अधिकारीयों को समस्त व्यवस्थाएं पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं।

 

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, एडीजी श्री ए पी अंशुमान, आईजी श्री के एस नगन्याल, सचिव श्री पंकज कुमार पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र चौधरी, डा0 आर राजेश कुमार, श्री विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय सिंह, अपर सचिव श्रीमती सोनिका सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

*देहरादून स्थित खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की लैब को मिला एनएबीएल सर्टिफिकेट, पूरी दुनिया में मान्य होगी जांच रिपोर्ट*

*लैब में ड्रग, कास्मेटिक और मेडिकल डिवाइस की 2 हजार सैंपल की टेस्टिंग क्षमता -डॉ आर राजेश कुमार*

*देहरादून में लैब खुलने से मिलावट खोरों और मिलावटी उत्पाद बनाने और बेचने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को मिली गति -डॉ आर राजेश कुमार*

देहरादून। राज्य औषधि विश्लेषणशाला देहरादून के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने देहरादून की लैब को औषधि परीक्षण प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि यह प्रमाणपत्र मिलने के बाद इस लैब से टेस्ट की गयी दवाएं और कास्मेटिक को विश्व स्तर पर मान्यता मिल जाएगी। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डॉ धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर शुरू की गयी इस प्रयोगशाला में अब तक तीन हजार से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसमें ऑनलाइन प्रमाणीकरण की भी सुविधा है। केंद्र सरकार के सहयोग से सात करोड़ रुपये की लागत से बनी है।

देहरादून में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब शुरू की है। इस लैब में दो हजार से भी सैंपल की टेस्टिंग की क्षमता है। लैब में ड्रग, कास्मेटिक और मेडिकल डिवाइस की टेस्टिंग सुविधा है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार अब तक इस लैब से मिले औषधि परीक्षण के प्रमाणपत्र की वैधता राष्ट्रीय स्तर पर थी, लेकिन अब एनएबीएल द्वारा प्रमाणपत्र मिलने के बाद लैब द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र वैश्विक स्तर पर मान्य होगा। उन्होंने बताया कि अब देहरादून के इस लैब को ग्लोबल स्तर पर अत्याधुनिक मशीनों से सुविधायुक्त लैब के तौर पर पहचान मिल सकेगी।

*औषधियों, सौंदर्य उत्पादों व खाद्य पदार्थों की जांच*
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि इस प्रयोगशाला में एचपीएलसी, यूवी/विजुअल फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस जैसी अत्याधुनिक मशीनों से जांच होती है जिनकी सटीकता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है। जग्गी ने बताया कि यह रूद्रपुर के बाद प्रदेश की दूसरी प्रयोगशाला है। रूद्रपुर प्रयोगशाला की क्षमता प्रति वर्ष 1000 नमूनों की जांच करने की है जिससे इस पर बोझ रहता था। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के बनने के बाद प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बनाने और बेचने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को गति मिली है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में पांच अलग-अलग प्रयोगशालाएं हैं जिनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब शामिल हैं। इन प्रयोगशालाओं में औषधि, टेबलेट, खांसी का सिरप और सौंदर्य उत्पादों की जांच की जाती है।

*लैब में अब तक 3000 से भी अधिक जांचें*
औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से करीब सात करोड़ रुपये की लागत से बनी इस लैब में फार्मा और इंजेक्टेबल मेडिकल डिवाइस की जांच होती है। इसके अलावा कॉस्मेटिक्स की भी जांच होती है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की हाईटेक लैब में अब तक 3000 से अधिक जांचें हो चुकी हैं। यहां पांच प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं। इनमें केमिकल टेस्टिंग लैब, मैनर, नापतौल, कॉस्मेटिक और माइक्रोबायोलॉजी लैब शामिल हैं। गौरतलब है कि एनएबीएल सर्टिफिकेट मिलने से पूर्व आडिट प्रक्रिया के तहत मूल्यांकन टीम द्वारा प्रयोगशाला की बुनियादी ढांचा उपकरण, कार्मिक योग्यता-बु़िद्वमत्ता, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और दक्षता परीक्षण जैसे विभिन्न मानकों एवं कसौटियों पर लैब का मूल्यांकन किया गया था। यह बता दें कि रुद्रपुर की लैब को पहले ही एनएबीएल सर्टिफिकेट मिल चुका है। ऐसे में अब उत्तराखंड से दवा कंपनियों को निर्यात की जाने वाली दवाओं की टेस्टिंग के लिए अन्यंत्र नहीं जाना पड़ेगा।

*राज्य औषधि प्रशासन विभाग को मिले 18 नए ड्रग इंस्पेक्टर*
लंबे समय से ड्रग इंस्पेक्टरों की कमी से जूझ रहे खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को 18 नए इंस्पेक्टर मिल गये हैं। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के रिक्त 19 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है। 19 पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से 18 पदों पर युवाओं का चयन हुआ है। एक पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था जिसमें अभ्यर्थी न मिलने के कारण इसे अग्रेनीत कर दिया गया है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर की लंबे समय से कमी बनी हुई थी। नए इंस्पेक्टरों के आने से ड्रग विभाग और अधिक मजबूती के साथ काम करेगा। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने कहा प्रदेश में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कार्य लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में फार्मा सेक्टर के लगातार बढ़ने के कारण भी इनकी भूमिका अहम हो गई है। बीते कुछ समय में उत्तराखंड में नकली दवाओं के पकड़े जाने के बाद से इनका कार्य और महत्वपूर्ण हो गया है। 18 ड्रग इंस्पेक्टरों के आने से कार्यों में तेजी आयेगी।

सफाई व्यवस्था को केवल बिजनेस न समझे कंपनियां, लोगों के स्वास्थ्य/ जीवन से जुड़ा है यह विषय: डीएम

अनुबंध को मजाक न बनाए कंपनियां, निर्धारित शर्तों के अनुसार करना होगा सफाई कार्य, नहीं तो लौटाया जाएगाः डीएम

बाकी कंपनियों को सुधार हेतु दिए आखिरी 15 दिन, सुधार न दिखा तो 53 वार्डों के लिए भी करदी जाएगी टेंडर प्रक्रिया शुरू

शीशमबाड़ा प्लांट से कूड़ा निस्तारण न होने पर संबंधित कंपनियों पर पुनः भारी अर्थदंड के निर्देश,

कंपनियों के एमडी को किया तलब उपस्थित न होने पर होगी टर्मिनेट की कार्रवाई

देहरादून दिनांक 26 नवम्बर 2024, (जि.सू.का) जिलाधिकारी/ प्रशासक नगर निगम सविन बंसल की अध्यक्षता में नगर निगम करने कक्ष में शहर की सफाई व्यवस्था एवं प्रकाश व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने कंपनियों को सख्त शब्दों में कहा कि कूड़ा उठान व्यवस्था को केवल बिज़नेस ना समझे यह लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन से जुड़ा हुआ विषय है जिस पर गंभीरता से कार्य किया जाना है, यदि कोई कंपनी कार्य नहीं कर पा रही है तो उसपर गंभीरता से एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनियां अनुबंध शर्तों के अनुसार अपने संसाधन बढ़ाएं, या अपने उपलब्ध संसाधनों से डबल ड्यूटी करें।
जिलाधिकारी ने कूड़ा उठान व्यवस्था में सुधार लाने जाने हेतु इकोन वेस्ट मैनेजमेंट एवं सनलाइट को 15 दिन का समय दिया, उन्होंने निर्देशित किया कि अनुबंध के अनुसार वाहन एवं मैनपॉवर लगाएं अन्यथा रूट पर डबल सर्विस दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर की कूड़ा उठान व्यवस्था लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दिए गए 15 दिन में अपने प्रदर्शन में सुधार करें कम्पनियां नही तो शेष 53 वार्डों हेतु सफाई व्यवस्था हेतु टैण्डर प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी।
वहीं सफाई कंपनियों द्वारा कूड़ा उठान हेतु नगर निगम द्वारा दिए जाने वाली धनराशि बढ़ाए जाने के अनुरोध पर जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को विधिक रूप से जो करवाई है प्रस्तावित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कम्पनियों को आर्थिक क्षति पंहुचाना मकसद नही हैं किन्तु सफाई व्यवस्था में लापरवाही एवं जनमानस के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। कम्पनियों को निर्धारित शर्तों के अनुसार सफाई व्यवस्था करनी होगी।
जिलाधिकारी ने शीशमबाड़ा प्लांट से निर्धारित शर्तों के अनुसार कूड़ा निस्तारण न होने पर कंपनियों के प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए कंपनी के उच्च स्तरीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर तलब किया। साथ ही निर्देशित किया कि यदि कंपनी के उच्चाधिकारी उपस्थित न हुए तो कंपनी पर टर्मिनेट की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़ा निस्तारण हेतु कंपनी निकोल एवं एनवायरनमेंटल टेक्नो पर अर्थदंड की करवाई करने के निर्देश दिए।
वहीं शहर की प्रकाश व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि एक अक्टूबर से अब तक 26852 लाइटों की मरम्मत की गई है. जिम कंट्रोल रूम सीएम हेल्पलाइन एवं अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर 4072 लाइट भी शामिल हैं, जिनकी मरम्मत की गई है। उन्होंने कम्पनी के प्रतिनिधि को लाईट का बैकलॉग रखने तथा मरम्मत को गई लाईटों को निर्धारित समयावधि में उपलब्ध कराने को निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, गौरव भसीन, अधि.अभि रचना पायल सहित सम्बन्धित अधिकारी कार्मिक एंव कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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*राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त बनाने की दिशा में हो कार्य: डॉ धन सिंह रावत*

*राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर विभागीय मंत्री ने ली उच्च स्तरीय बैठक*

*एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में आयोजित होगी राष्ट्रीय कार्यशाला*

देहरादून

सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। ताकि वर्ष 2030 तक प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त बनाये जा सके। इसके लिये शीघ्र ही प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जायेगी। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शत-प्रतिशत छात्र-छात्रों का आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाई जायेगी।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में दून विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अहम फैसले लिये गये। जिसमें उन्होंने राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों, विभागीय अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर और सकारात्मक प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय के कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों के नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ रावत ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि संस्थाओं का परस्पर सहयोग और शिक्षकों सहित संसाधनों का परस्पर आदान प्रदान अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा का सरोकार समाज से है और इसलिए संसाधनों का बेहतर प्रयोग समाज हित में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टीचर्स और रिसोर्स शेयरिंग के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से होगा समझौता ज्ञापन किया जायेगा और शासकीय महाविद्यालय , राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रतिष्ठित संस्थानों में भेजा जायेगा। डॉ रावत ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए सतत प्रयास कर रही है और ऐसे अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हाल ही में यहाँ से शिक्षकों को इनफ़ोसिस में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया जिसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ साथ संसाधनों के भी परस्पर उपयोग के लिए समझौता किया जायेगा।
एन.ई.पी. के प्रावधानों के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए नैक प्रत्यायन को बढ़ावा दिया जा रहा है। नैक प्रत्यायन के राज्य सरकार के प्रयासों को भारत सरकार की एन.ई.पी. कार्यशाला में काफी सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि अधिक से अधिक संस्थाओं को स्वयात्त बनाया जाय।
उन्होंने कहा कि हब एंड स्पोक मॉडल आधारित होगा अन्य संस्थाओं का विकास जिससे सभी को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि हाइब्रिड मॉडल को प्रोत्साहित किया जायेगा और 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम की ऑनलाइन पढाई अनिवार्य होगी। उन्होंने राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के पूर्व छात्रों को पोर्टल के माध्यम से जोड़े जाने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने समस्त छात्रों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा आई डी बनवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए नेशनल समिट फॉर इंस्टिट्यूशनल लीडर्स (NSIL)-2025 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग लेंगे।यह आयोजन प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा।

बैठक में विद्या भारती उच्च शिक्षा के पदाधिकारी रघुनंदन जी, डॉ विजयपाल सिंह, अखिलेश मिश्रा , सहित अन्य पदाधिकारी तथा कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रो. एन. के.जोशी, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश शास्त्री, कुलपति ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय प्रो. जसोला, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, रूसा सलाहकार प्रो. एम एस एम रावत , प्रो. के डी पुरोहित , उप निदेशक डॉ ममता ड्यूडी , सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अवैध खनन,छापामारी अभियान
देहरादून!
जनपद में अवैध खनन, क्षमता से अधिक परिवहन एवं भण्डारण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में छापामारी अभियान चलाये जा रहे हैं।
जिसके क्रम में आज तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ के नेतृत्व में तहसील डोईवाला अन्तर्गत चेकिंग दौरान उपखनिज से भरे डमार को चेक किया गया, तो उपखनिज से भरे डम्पर में रवन्ना सही पाया गया, परन्तु वाहन की क्षमता 10 टायरा RC अनुसार 28 टन है और कांटा पर्ची कराने पर उपखनिज सहित 50 टन से 56 रन तक तक पाया गया। उक्त वाहनों को क्षमता से अधिक माल (Overload) में सीज करके (05 वाहन) तहसील परिसर डोईवाला खड़ा किया गया है।
उक्त वाहन निम्न है, UK08 CB 5703, UK14 CA 8811, UK 08 CB 2586, UK 07 CD 0510 व UK 14CA 9511 को सीज कर, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई किया गया।

जिला सूचना अधिकारी कार्यालय देहरादून।

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