देहरादून/मुजफ्फरपुर,2 जून। एलोपैथी बनाम आयुर्वेदिक विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। एलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर दिए विवादित बयान के बाद बाबा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच जारी विवाद में बुधवार को बिहार में मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर ओझा ने एक परिवाद पत्र दायर किया है। परिवाद पत्र में अधिवक्ता सुधीर ओझा ने पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव आरोप लगाया है कि 21 मई को स्वामी रामदेव ने विभिन्न टीवी चैनलों पर एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान को स्टुपिड करार देते हुए कोरोना से हुई डॉक्टरों की मौत का मजाक उड़ाया है। परिवाद पत्र में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए जा रहे टीकाकरण अभियान का भी मजाक उड़ाया है। साथ ही लोगों में टीकाकरण को लेकर जारी भ्रम को बढ़ावा दिया है। इसलिए उन पर महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 के साथ ही 268, 153।, 186, 188, 269, 270, 336, 420, 499, 336, 420, 499, 124, 500, 505/11 के तहत परिवाद दायर किया है। जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 7 जून को निर्धारित की है।