देहरादून,मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का राजमार्ग घटना प्रबन्धन हेतु उत्तराखण्ड राज्य को एम्बुलेंस उपलब्ध कराए जाने पर आभार व्यक्त किया है। बुनियादी चिकित्सा उपकरणों से लैस यह 02 एम्बुलेंस राजमार्गों में होने वाली दुर्घटनाओं में एक त्वरित बचाव उपकरण के साथ ही मोबाईल डिस्पेंसरी के रूप में इस्तेमाल की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि यह एम्बुलेंस राजमार्गों में होने वाली दुर्घटनाओं में जीवन को बचाने में अहम भूमिका निभाएंगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को भी कम किया जा सकेगा।
ज्ञातव्य हो कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा बुधवार को उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों हेतु एम्बुलेंसों को हरी झण्डी देकर रवाना किया गया।
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मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में चारधाम परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग कार्य में में देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने भूमि अधिग्रहण के उच्च न्यायालय में लंबित मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों को 30 अप्रैल, 2021 तक निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुआवजा के मामलों को भी शीघ्र निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव
ओम प्रकाश
ने हेलंग-जोशीमठ मार्ग पर गवर्नमेंट लैंड ट्रांसफर के प्रकरण शीघ्र अति शीघ्र निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी पेंडिंग कार्यों हेतु समय सीमा निर्धारित करते हुए तेजी लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी टिहरी के अनुरोध पर मुख्य सचिव द्वारा ऋषिकेश-देवप्रयाग मार्ग पर बिजली के खंभों की शिफ्टिंग के कार्य के लिए जिला प्रशासन, यूपीसीएल और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का संयुक्त निरीक्षण कराए जाने के साथ ही शिफ्टिंग का कार्य त्वरित गति से किए जाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में बताया गया कि चारधाम परियोजना में सड़क चौड़ीकरण का कार्य 554.05 किमी में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यूटिलिटी डक्ट का कार्य 555.83 किमी में पूर्ण कर लिया गया है। रिटेनिंग एवं ब्रेस्ट वॉल का कार्य 367.77 किमी में पूर्ण किया जा चुका है। 182.75 किमी में क्रैश बैरियर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रबन्ध निदेशक पिटकुल डॉ. नीरज खैरवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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- स्कूल शिक्षा में सुधार के लिये लीक से हटकर काम किया जाए : मुख्यमंत्री
- जिला योजना में स्कूल शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
- सभी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर सभी सुविधाएं सुनिश्चित हों
- मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए लीक से हटकर काम करने के निर्देश दिये। सिस्टम में जो ठीक नहीं है, उसे सुधारें। जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्कूल शिक्षा को देनी है। सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, बिजली, फर्नीचर व अन्य उपकरण सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल स्वच्छ व सुंदर हों। कक्षाएं स्मार्ट हों। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पास किताबें जरूर हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिये जीपीएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन के प्रयोग की योजना बनाई जाए। जो बच्चे केन्द्र सरकार की योजनाओं में आच्छादित न हो रहे हों उनके लिये राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में मानिटरिंग की जाए कि वहां मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हों। व्यावसायिक शिक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती सौजन्या, महानिदेशक शिक्षा विनयशंकर पाण्डेय, अपर सचिव सुश्री रवनीत चीमा व विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।