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मुख्यमंत्री ने मसूरी में मिलेट्स – 2023 के अन्तर्गत आयोजित ‘क्षमता और अवसर’ राष्ट्रीय सम्मलेन का शुभारम्भ

Pahado Ki Goonj

सीएम आवास में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर टीएचडीसी के सीएमडी  आर. के. विश्नोई ने जोशीमठ राहत कार्योँ हेतु 2 करोड़ रुपए की धनराशि का चेक सौंपा है

LIVE: मसूरी में मिलेट्स – 2023 के अन्तर्गत आयोजित ‘क्षमता और अवसर’ राष्ट्रीय सम्मलेन के शुभारम्भ समारोह कार्यक्रम*

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LIVE: देहरादून में पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित भारत सरकार से वित्त पोषित A-Help योजनान्तर्गत पशु सखी के प्रशिक्षण कार्यक्रम*

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मसूरी के एक होटल में मिलेट्स-2023 के अन्तर्गत आयोजित ‘क्षमता और अवसर’ राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आये अतिथियों का स्वागत किय। उन्होंने कहा कि इस कान्फ्रेंस में विशेषज्ञों द्वारा जो मंथन किया जायेगा अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को सफल बनाने में यह कारगर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर मिलेट्स किसानों के लिए अपनी कम लागत क्षमता के कारण उपयोगी हैं वहीं ये पोशक तत्वों से भरपूर होने के कारण आज के बदलते परिवेश में हम सबके लिए भी अति-आवश्यक हैं। इस तरह के आयोजनों से न केवल मिलेट्स के प्रचार प्रसार में सहायता मिलेगी बल्कि इनसे उत्तराखंड में मोटे अनाज की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए बड़े गर्व का विषय है कि भारत के प्रस्ताव और गंभीर प्रयासों के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया। भारत के बहुत से राज्यों में मोटे अनाज की खेती प्रचुर मात्रा में होती है, परंतु पहले इसके उचित दाम किसानों को नहीं मिलते थे। अब तस्वीर बदल रही है, इसका कारण लोगों का मोटे अनाजों को लेकर बदलता नजरिया है। आज मिलेट्स को लेकर देश में कई स्टार्टअप भी प्रारंभ हुए हैं, जो न केवल किसानों को फायदा पहुंचा रहे हैं बल्कि लोगों को रोजगार भी दिला रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री जी ने इसे श्री अन्न की संज्ञा दी है। जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है। श्री अन्न केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है, जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं वे जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे ’’श्री’’ ऐसे ही नहीं जुड़ता है। जहां ’’श्री’’ होता है वहां समृद्धि भी होती है,समग्रता भी होती है और विजय भी होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है इसमे गांव और गरीब जुड़े हैं और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी जुड़ रहा है। श्री अन्न देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार है। देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार है। देश के आदिवासी समाज का सत्कार है। केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार है और क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने श्री अन्न को वैश्विक आंदोलन बनाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ही नेतृत्व में वर्ष 2018 में हमने मोटे अनाज को “पोषक अनाज“ घोषित किया था। इसकी खेती के प्रति लोगों और किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर बाजार में रुचि पैदा करने के लिए भी विशेष अभियान चलाने का कार्य किया है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। राज्य के पर्वतीय जनपदों के कृषकों से सहकारिता विभाग एवं उत्तराखण्ड कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से मंडुवा, झंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। प्रत्येक वर्ष सहकारिता एवं विपणन बोर्ड द्वारा पर्वतीय जिलों में क्रय केन्द्र संचालित करके पर्वतीय जिलों के कृषकों से उनके गांव के निकट ही मंडुवा, झंगोरा आदि की खरीद करके किसानों को उनके खाते में ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है, इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढोतरी हो रही है बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे हैं। उत्तराखण्ड की जलवायु के अनुसार मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, ताकि हमारा प्रदेश मिलेट उत्पादन में शीर्ष स्थान प्राप्त करे एवं राज्य की आर्थिक उन्नति में भागीदार बने। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वाहन किया कि लोक पर्वों और त्योहारों  में मिलेट उत्पादों का उपयोग अवश्य करें।

कृषि मंत्री  गणेश जोशी ने कहा कि कृषि विपणन बोर्डों का राष्ट्रीय परिषद (कौसाम्ब) द्वारा मिलेट्स पर आधारित यह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। आज पूरे विश्व में मोटे अनाजों को लेकर एक नई अलख जगी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरगामी सोच को परिलक्षित करते हुए भारत में श्री अन्न को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। प्रदेश में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में दो बार मिलेट भोज का आयोजन किया जा चुका है। विभिन्न सम्मेलनों और सेमिनारों का आयोजन कर मिलेट्स का प्रचार-प्रसार एवं कृषकों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार ने मिलेट्स के तहत मंडुवे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 35.78 रूपये तय किया है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को भी वितरित किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि मई माह में देहरादून एवं हल्द्वानी में मिलेट्स को बढ़ावा देने के बड़े आयोजन किये जायेंगे। 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री  कमल पटेल, कौसाम्ब के उपाध्यक्ष और गोवा मण्डी परिषद के अध्यक्ष श्री प्रकाश शंकर, असम मण्डी परिषद के अध्यक्ष  मनोज बारूह, हरियाणा मण्डी परिषद के अध्यक्ष आदित्य देवीलाल चौटाला, कौसाम्ब के एमडी डॉ. जे. एस. यादव, उत्तराखण्ड मण्डी परिषद के एमडी आशीष भटगाई एवं विभिन्न राज्यों से आये विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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 *उत्तराखण्ड की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद मल्टीनेशनल कम्पनियों के उत्पादों से बेहतर-सीएम पुष्कर सिंह धामी

*छोटा राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त सकना संभव, हमारा राज्य देश के लिए हर क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन सकता है- मुख्यमंत्री  धामी*

*मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा वित पोषित ए हेल्प योजनान्तर्गत पशु सखी के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया*

*उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और कश्मीर के बाद पशु सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य बना*

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सर्वे ऑफ इण्डिया सभागार, देहरादून में भारत सरकार द्वारा वित पोषित ए हेल्प (Accredited Agent For Health and Extension of Livestock Production) योजनान्तर्गत पशु सखी के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 23 ए हेल्प कार्यकत्रियों को ए हेल्प किट वितरित किए गए।

पशु सखी प्रशिक्षण के पश्चात ए हेल्प कार्यकत्री पशुपालन विभाग एवं पशुपालकों के बीच संयोजक कड़ी का काम करेंगी तथा पशुपालकों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायेगी। ए हेल्प योजना द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को विभिन्न योजनाओं में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। ए हेल्प कार्यकत्री, क्षेत्र के समस्त पशुधन और कुक्कुट संख्या का रिकॉर्ड भी ब्लॉक स्तर के पशु चिकित्सकों के साथ साझा करेंगी। इससे पशुपालन गतिविधियों का क्रियान्वयन आसान तो होगा ही दुग्ध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा। इसके अलावा वे चारा उत्पादन के लिये पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी जिससे वे चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें। प्रत्येक ए-हेल्प कार्यकत्री को फर्स्ट-एड किट भी दी जायेगी जिससे वे पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और कश्मीर के बाद पशु सखी टै्रनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनाया जा सकता है। भारत सरकार की विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं का उत्तराखण्ड में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की अच्छी संभावनाएं हैं। यह देश के लिए हर क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन सकता है।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक बेटे व भाई के रूप में वह राज्य की मातृ शक्ति का आत्मविश्वास बनाये रखने व सेवा के लिए सदैव तत्पर है। किसी भी समाज की रीढ़ उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं, यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। हमारे प्रदेश के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। मुझे प्रसन्नता है कि आज प्रदेश के दुर्गम गांव-गांव में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर कुटीर उद्योगों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रही हैं। महिलाओं के पास कौशल की कभी कोई कमी नहीं रही और अब यही कौशल उनकी और उनके परिवारों की आर्थिकी को शक्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं मल्टीनेशनल कम्पनियों के उत्पादों से भी बेहतर उत्पादों का निर्माण कर रही है।

मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्वकाल में आज देशभर में करीब 23 करोड़ महिलाओं को जन धन खातों के साथ ही सर्वाधिक विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे महिला शक्ति को मिल रहा है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढाने का कार्य किया है। आज वित्तीय समावेश से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से लेकर आवास, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, हमारी नारी शक्ति को भारत की विकास यात्रा में सबसे आगे रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यह प्रयास आने वाले समय में और भी अधिक उत्साह के साथ जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने भी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का संपूर्ण लाभ देने के लिए जिस तेज गति से काम किया, उससे आप राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को समझ सकते हैं। आज प्रदेश की समस्त माताओं और बहनों ने अपने अथक परिश्रम से जहां एक ओर आर्थिक रूप से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है वहीं देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति को भी जीवंत रखा है। पूर्ण विश्वास है कि आज प्रारंभ हो रही यह विशिष्ट योजना हमारी सरकार के “सशक्त मातृशक्ति सशक्त राज्य“ के संकल्प को और अधिक मजबूत करेगी। जिस प्रकार मातृ शक्ति ने समय-समय पर अपनी क्षमताओं से प्रदेश का गौरव और सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है, उसी प्रकार हमारी सरकार के सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण के “विकल्प रहित संकल्प“ की सिद्धि के लिए भी मातृ शक्ति अपना योगदान सुनिश्चित करेंगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  सौरभ बहुगुणा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के किसानों, पशुपालकों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में यह एक बड़ा कदम हैं। केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को हर क्षेत्र की भांति पशुपालन में भी अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है। यह योजना मातृ शक्ति के सशक्तीकरण तथा स्वालम्बन हेतु महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर भारत सरकार से अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी, सचिव पशुपालन उत्तराखण्ड डा. बी वी आर सी पुरूषोत्तम, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष  राजेन्द्र अंथवाल व विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों के सदस्य व महिलाएं मौजूद रही।
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पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वित्त विभाग द्वारा सभी जिला पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम त्रैमासिक तथा क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायतों को प्रथम छमाही हेतु कुल 266 करोड 5 लाख, 25 हजार की धनराशि स्वीकृत की है, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकायों (छावनी बोर्ड सहित) के लिए निदृष्ट अनुदान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 की प्रथम किश्त हेतु 65.10 करोड़ की धनराशि, समस्त शहरी स्थानीय निकायों को वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम त्रैमासिक किस्त हेतु 245 करोड़ 76 लाख की धनराशि के साथ ही 3 गैर निर्वाचित निकायों बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री को प्रथम छमाही किस्त हेतु 03 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को ‘बैसाखी’ पर्व की बधाई व शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि बैसाखी हर्ष और उल्लास के साथ उत्साह व भाईचारे का भी पर्व है। उन्होंने कहा कि नई फसल के कटने से जुड़ा यह पर्व हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं तथा किसान व कृषि संस्कृति का भी परिचायक है। यह लोक आस्था एवं समृद्धि का भी प्रतीक है। इस पावन पर्व पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शान्ति व समृद्धि की कामना की है।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को

सचिवालय में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार विस्तृत गतिशीलता योजना (Comprehensive Mobility Plan) के सम्बन्ध में बैठक हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने मोबिलिटी प्लान के अंतर्गत पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन को जोड़ने हेतु रोप-वे के सुझाव की जगह ऐसे क्षेत्रों को जोड़ने के लिए Personal Rapid Transit (पीआरटी) को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने शहर की यातायात की समस्या को देखते हुए विस्तृत गतिशीलता प्लान के अंतर्गत शीघ्र लागू किए जा सकने वाले सुझावों पर तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को माता मंदिर से हरिद्वार बाईपास को जोड़ने वाले आरओबी के लिए सभी प्रकार के सर्वे तेजी से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर के सभी चौराहों पर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्मार्ट सिग्नल लगाए जाने के निर्देश जिलाधिकारी देहरादून को दिए। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक सस्ता किए जाने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का प्रयोग करने को प्रोत्साहित हों।

मुख्य सचिव ने पूरे शहर में सप्ताह में होने वाले बाजार बंद को क्रमिक रूप से अलग-अलग बाजारों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाने पर विचार किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही देहरादून के मुख्य मार्गों के आसपास खाली पड़े प्लॉट्स को पार्किंग के रूप में प्रयोग किए जाने हेतु प्लॉट स्वामियों से सम्पर्क किया जाए। उनसे इस सम्बन्ध में अनुबंध किया जा सकता है कि उन्हें जब भी प्लॉट की आवश्यकता होगी, बिना किसी देरी के उन्हें लौटाया जा सकेगा अथवा प्लॉट स्वामी किराया आधारित पार्किंक स्वयं संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की पार्किंग को ऑफिस बंद होने के बाद प्रयोग किए जाने की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने एमडीडीए से नक्शे स्वीकृत कराते समय यातायात प्रभाव आंकलन को शामिल किया जाना सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आवास श्री एस. एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, उपाध्यक्ष एमडीडीए  बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक  अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन  जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में ऋषिकेश और हरिद्वार शहर के बाईपास मार्गों के सम्बन्ध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋषिकेश एवं हरिद्वार शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त रूप से योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश तीर्थ और योगा कैपिटल की दृष्टि से विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश अलग-अलग शहर होने के बावजूद उसका ट्रेफिक प्लान पृथक-पृथक नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त प्लान पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों को कम से कम 50-60 सालों के यातायात संकुलन को देखते हुए तैयार किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु एवं प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन श्री जितेन्द्र त्यागी सहित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे।

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उनके हित में अपना सर्वस्व समर्पित करने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में लोक प्रहरी जैसी संस्थाएं न केवल सामाजिक दायित्वों को पूरा कर रही है बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। इस प्रकार के सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान के प्रयासों में लगी सभी संस्थाओं, संगठनों के प्रयास सराहनीय है। उत्तराखंड में लागू किये गए नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून, समान नागरिक संहिता आदि विषयों पर हमारी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण उन्हें सम्मानित किये जाने पर दिया गया यह सम्मान मेरा नहीं अपितु उत्तराखंड की जनता का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। हम आज ऐसे फैसले ले रहे है जो पूर्व की सरकारों को असंभव लगते थे, ऐसे विषयों पर चर्चा करने से भी विपक्ष के लोग कतराते थे। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को लेकर कार्य कर रही है। हमने लक्ष्य तय किया है कि हम वो सब फैसले लेंगे जो जनहित और प्रदेशहित के लिए आवश्यक हों। पहले जहां पेपर लीक कर गरीब युवाओं के हक पर डाका डालने का प्रयास किया जा रहा था, हमने ऐसे प्रयास करने वालों को सलाखों के पीछे डाला। उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर अवैध रूप से जहां भी अवैध अतिक्रमण किया गया है उसे ध्वस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। हम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। ये आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश, विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और इसे हमारे यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रही विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है। प्रदेश में केन्द्र सरकार के सहयोग से 1.50 लाख करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। हमारे इस कार्य में प्रदेशवासियो का निरंतर सहयोग हमें मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता का निरंतर मिलने वाला आशीर्वाद, स्नेह और समर्थन ही हमारी सरकार की पूंजी है। जनता का यही सहयोग हमें दिन-रात मेहनत कर उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ को पूर्ण करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें ,जिससे उत्तराखंड के लिए कार्य करने वाले लोगों को प्रेरणा मिलती रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिन विशिष्टजनों को सम्मानित किया उनमें पद्मश्री श्री कल्याण सिंह रावत, श्री प्रीतम भरतवाण, श्री सचिदानन्द भारती, श्री प्रेमचन्द शर्मा, डॉ. आर.के. जैन, राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित ग्राम प्रधान निकिता चौहान एवं कविता गोस्वामी के साथ पूर्व ब्रिगे. गोविन्द सिंह सिसोदिया टीम सीपीयू उप्रेती सिस्टर, एस.डी.आर.एफ. ट्रेफिक पुलिस के जवान आदि शामिल रहे।

  1. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक  खजान दास, महामंत्री संगठन श अजेय कुमार, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम,  बी. के. संत के साथ ही अन्य अधिकारी समाजसेवी एवं विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग मौजूद थे। लोक प्रहरी संस्था के अध्यक्ष डॉ. अशोक नागर ने सभी का स्वागत करते हुए संस्था के कार्य कलापों की जानकारी दी।

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मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले विशिष्टजनों को सम्मानित।

*प्रदेश हित में लिये जा रहे निर्णयों के लिये मुख्यमंत्री का भी विभिन्न संस्थाओं एवं संगठनों द्वारा किया गया सम्मान।*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार रोड़ स्थित होटल में लोक प्रहरी संस्था द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड़ के स्तम्भ कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले तथा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में लगभग डेढ़ दर्जन स्वयंसेवी संस्थाओं एवं संगठनों ने देवभूमि के अनुरूप प्रदेश हित में मुख्यमंत्री द्वारा लिये जा रहे निर्णयों के लिये उनको भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं के सम्मान को प्रदेश की जनता का सम्मान बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले लोग समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं। इन लोगों ने समाज के हित में अपना सर्वस्व समर्पित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में लोक प्रहरी जैसी संस्थाएं न केवल सामाजिक दायित्वों को पूरा कर रही है बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। इस प्रकार के सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान के प्रयासों में लगी सभी संस्थाओं, संगठनों के प्रयास सराहनीय है। उत्तराखंड में लागू किये गए नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून, समान नागरिक संहिता आदि विषयों पर हमारी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण उन्हें सम्मानित किये जाने पर दिया गया यह सम्मान मेरा नहीं अपितु उत्तराखंड की जनता का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। हम आज ऐसे फैसले ले रहे है जो पूर्व की सरकारों को असंभव लगते थे, ऐसे विषयों पर चर्चा करने से भी विपक्ष के लोग कतराते थे। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को लेकर कार्य कर रही है। हमने लक्ष्य तय किया है कि हम वो सब फैसले लेंगे जो जनहित और प्रदेशहित के लिए आवश्यक हों। पहले जहां पेपर लीक कर गरीब युवाओं के हक पर डाका डालने का प्रयास किया जा रहा था, हमने ऐसे प्रयास करने वालों को सलाखों के पीछे डाला। उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर अवैध रूप से जहां भी अवैध अतिक्रमण किया गया है उसे ध्वस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। हम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। ये आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश, विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और इसे हमारे यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रही विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है। प्रदेश में केन्द्र सरकार के सहयोग से 1.50 लाख करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। हमारे इस कार्य में प्रदेशवासियो का निरंतर सहयोग हमें मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता का निरंतर मिलने वाला आशीर्वाद, स्नेह और समर्थन ही हमारी सरकार की पूंजी है। जनता का यही सहयोग हमें दिन-रात मेहनत कर उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ को पूर्ण करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें ,जिससे उत्तराखंड के लिए कार्य करने वाले लोगों को प्रेरणा मिलती रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिन विशिष्टजनों को सम्मानित किया उनमें पद्मश्री  कल्याण सिंह रावत,  प्रीतम भरतवाण,  सचिदानन्द भारती,  प्रेमचन्द शर्मा, डॉ. आर.के. जैन, राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित ग्राम प्रधान निकिता चौहान एवं कविता गोस्वामी के साथ पूर्व ब्रिगे. गोविन्द सिंह सिसोदिया टीम सीपीयू उप्रेती सिस्टर, एस.डी.आर.एफ. ट्रेफिक पुलिस के जवान आदि शामिल रहे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक  खजान दास, महामंत्री संगठन  अजेय कुमार, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम,  बी. के. संत के साथ ही अन्य अधिकारी समाजसेवी एवं विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग मौजूद थे। लोक प्रहरी संस्था के अध्यक्ष डॉ. अशोक नागर ने सभी का स्वागत करते हुए संस्था के कार्य कलापों की जानकारी दी।

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