टिहरी में एशियाई चैम्पियनशिप एवं ओलंपिक क्वालीफाइंग 2022-23 के अन्तर्गत ‘टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप’ का शुभारम्भ कार्यक्रम*
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मुख्यमंत्री ने किया टिहरी झील में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप” का उद्घाटन
*टिहरी में होगी विश्व स्तरीय कायाकिंग कैनोइंग अकादमी की स्थापना*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को टिहरी झील में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप” का उद्घाटन किया इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने आयोजन स्थल पर लगे विभिन्न स्टाल्स का निरीक्षण किया साथ ही पहले सत्र की विजेता टीमों मेडल प्रदान किए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह पहला मौक़ा है जब टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तर की इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में “समृद्ध खेल संस्कृति” का विकास हो रहा है, हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे ऐतिहासिक प्रदर्शन इसका प्रमाण हैं।
उन्होंने कहा कि खेल एक ऐसी विधा है जिसके ज़रिए खिलाड़ी न केवल अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं बल्कि इससे उनके प्रदेश और देश का नाम भी रोशन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी के अनेकों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर सरकार ने “नई खेल नीति” लागू की है वहीं दूसरी ओर सरकार ने नौकरियों में पुनः “खेल कोटा” प्रारंभ करने का ऐलान भी किया है। उन्होंने टीएचडीसी का इस आयोजन हेतु आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस खेल से एक ओर जहां राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर टिहरी क्षेत्र में पर्यटन का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि टिहरी में इस खेल के आयोजन से वाटर स्पोर्ट्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश और प्रदेश के नौजवानों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने के संकल्प को पूरा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में टिहरी में पर्यटन के विकास के लिए अनेकानेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केंद्र बनाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।
इस दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि खेलों को बढ़ावा केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह तय किया गया है कि ऊर्जा मंत्रालय की हर एक कंपनी एक खेल को अंगीकृत करेगी, इसी क्रम में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा कयाकिंग कैनोइंग खेल को अंगीकृत किया गया है । केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि टिहरी में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसमें खिलाड़ियों के ठहरने से लेकर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। श्री सिन्हा ने कहा कि इस ट्रेनिंग सेंटर में बेहतर खेल प्रतिभाओं को टीएचडीसी द्वारा विदेश में भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
श्री सिंह ने कहा कि पहाड़ों में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की अपार संभावनाएं हैं जिसको केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए केंद्र और राज्य सरकार है एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। इस दौरान टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने आयोजकों का आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोना सजवाण, विधायक श्री शक्ति लाल शाह , श्री विनोद कंडारी, श्री विक्रम सिंह पांवर के अलावा सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव डीके सिंह, टीएचडीसी के सीएमडी आरके विश्नोई समेत विभिन्न राज्यों के 15 टीमों ने प्रतिभागी मौजूद रहे।आगेपढें
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक आयोजित हुई।
मुख्य सचिव ने गंगा के किनारे बसे शहरों में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल न जाए यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय लोगों से भी उनके विचार लिए जाएं। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिये। साथ ही, समस्त जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चत करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में भूजल के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पूरे प्रदेश को छोटे चेक डैम बनाए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में चेक डैम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को भी प्रदेश के अंतर्गत सभी फ्लड प्लेन जोन में वृक्षारोपण कार्य सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही नदियों के किनारे पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार नए निर्माण कार्यों को अनुमति न दी जाए। साथ ही जो पूर्व में निर्मित हो चुके हैं, नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नए निर्माण न हों इसके लिए प्रत्येक माह ड्रॉन आदि से वीडियोग्राफी की जाए ताकि नए निर्माण का पता चल सके, वीडियोग्राफी का डाटा, डाटा सेंटर में संकलित किया जाए।
बैठक के दौरान बताया गया कि मनरेगा के तहत 689735 ग्रामीण परिवारों को 120182.07 लाख रुपये का प्रत्यक्ष मजदूरी रोजगार प्रदान किया गया। व्यक्तिगत स्वरोजगार, कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित वृद्धि गतिविधियों पर 110201.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कृषि गतिविधियों के तहत जैविक खेती के अन्तर्गत 1182 गांव के 74522 किसान जैविक खेती के लिए लगे हुए हैं।
बताया गया कि गंगा के किनारे ऋषिकेश में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। हर की पौड़ी, हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है। ग्रामीणों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है और पर्यटन वेबसाइट और अन्य लोकप्रिय ओटीए पर प्रचारित किया जाता है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और हरिद्वार में चंडी घाट पर गंगा पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर पीसीसीएफ (हॉफ) श्री विनोद कुमार, अपर सचिव पर्यटन श्री सी. रविशंकर, श्री उदयराज सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।आगेपढें
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