हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जूना अखाड़ा परिसर में पूजा-अर्चना के बाद आज छड़ी यात्रा को रवाना किया। यह यात्रा जूना अखाड़े की ओर से जनकल्याण के लिए निकाली जा रही है।
उत्तराखंड के अनेक देव मंदिरों एवं चारों धाम का दर्शन करने वाली छड़ी यात्रा आज मायादेवी मंदिर से प्रारंभ हो गई है। छड़ी यात्रा देवभूमि के संपूर्ण तीर्थों का भ्रमण करने के बाद पांच नवंबर को बागेश्वर होते हुए हरिद्वार लौटेगी। इससे पहले शुक्रवार को दक्ष मंदिर से पवित्र छड़ी मायादेवी मंदिर में स्थापित कर दी गई। यहां से छड़ी यात्रा आज शाम ऋषिकेश के देव मंदिरों का दर्शन करने के बाद मायाकुंड के आश्रम में विश्राम करेगी। यात्रा का समूचा विश्राम रास्ते में स्थित तीर्थ स्थलों पर होगा। 13 अक्तूबर को ऋषिकेश से मसूरी के रास्ते बड़कोट में रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद 14 को जानकी चट्टी, 15 को भटवाड़ी, 16 को गंगोत्री, 17 को कोटेश्वर, 18 को केदरानाथ, 19 को गुप्तकाशी, 20 को गोपेश्वर, 21 को गोविंद घाट, 22 को लक्ष्मण कुंड, 23 को फिर गोविंद घाट, 24 और 25 को बदरीनाथ, 26 को डंगोली, 27 को सोमेश्वर, 28 को बागेश्वर, 29 को टनकपुर, 30 को पिथौरागढ़ इसके बाद 31 को दोबारा बागेश्वर पहुंचेगी। इसके बाद दो नवंबर को जागेश्वर धाम, तीन को बिंदसर महादेव, चार को काशीपुर होते हुए पांच नवंबर को हरिद्वार वापस लौटेगी। यात्रा के पूरे रूट का निर्धारण उत्तराखंड शासन के संयोजन से किया गया है।