हरिद्वार : बॉलीवुड की पहली महिला सुपर स्टार श्रीदेवी की अस्थियां गुरुवार को हरिद्वार स्थित वीआइपी घाट पर गंगा में विसर्जित कर दी गईं। अस्थि विसर्जन श्रीदेवी के पति बोनी कपूर ने किया। कपूर खानदान के पारिवारिक तीर्थ पुरोहित पंडित शिव कुमार पालीवाल ने सभी कर्मकांड संपन्न कराए। मंत्रोच्चार के बीच जैसे ही अस्थियां गंगा में प्रवाहित की गईं, बोनी कपूर फफक-फफक कर रो पड़े। बोनी को उनके भाई अनिल कपूर और राजनेता अमर ङ्क्षसह ने सहारा दिया। बाद में बोनी कपूर ने अनिल कपूर व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कनखल स्थित हरिहर आश्रम में रुद्राक्ष के पेड़ की परिक्रमा कर श्रीदेवी की आत्म शांति के लिए प्रार्थना भी की।
कई दशक तक लाखों दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का गत 24 फरवरी को दुबई में आकस्मिक निधन हो गया था। गुरुवार को दोपहर पौने दो बजे श्रीदेवी की अस्थियां लेकर उनके पति बोनी कपूर, देवर अनिल कपूर, बहनोई संदीप मारवाह, भांजा मोहित मारवाह, परिवार के करीबी राजनेता अमर सिंह, फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, पारिवारिक मित्र एवं फिल्म निर्माता सुमित अदलखा जौलीग्रांट एयरपोर्ट से हरिद्वार स्थित वीआइपी घाट पहुंचे।
घाट पर कपूर परिवार के तीर्थ पुरोहित पंडित शिवकुमार पालीवाल ने विधि-विधान से कर्मकांड संपन्न कराते हुए अस्थियां गंगा में प्रवाहित कराईं। कर्मकांड के दौरान तीर्थ पुरोहित के कहने पर श्रीदेवी का नाम लेते ही बोनी कपूर भावुक हो फफक पड़े। इसके बाद वह मंत्रोच्चार तक नहीं कर सके और कर्मकांड संपन्न होने तक रोते रहे। बाकी जिम्मेदारी उनके छोटे भाई अनिल कपूर ने निभाई।
अस्थि विसर्जन के बाद सभी श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने रुद्राक्ष के पेड़ और बारह ज्योतिर्लिंगों की परिक्रमा कर श्रीदेवी की आत्म शांति के लिए प्रार्थना की। बोनी ने भाई अनिल कपूर और अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ आश्रम में कुछ वक्त अकेले भी गुजारा। इस दौरान उनके साथ स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिष्य नचिकेता भी मौजूद रहे। आश्रम से कपूर परिवार करीब पौने पांच बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ।